Jaipur: दीपावली से पहले भरेंगे शहरों में सड़कों के जख्म, 1 हजार करोड़ का बजट अलॉट
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Jaipur: दीपावली से पहले भरेंगे शहरों में सड़कों के जख्म, 1 हजार करोड़ का बजट अलॉट

शहर की जर्जर और गड्ढे में तब्दील हो चुकी सड़कें जल्द गड्ढा मुक्त होंगी. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में 213 नगरीय निकायों में सड़कों के पेच रिपेयर के लिए 1 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: स्वायत्त शासन विभाग (Self-governance unit) ने 213 शहरी निकायों में सार्वजनिक निर्माण विभाग (Public works department) के जरिए सड़क निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए राशि निर्धारित कर दी है. इसमें एक हजार करोड़ से ज्यादा राशि खर्च होगी. 

मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर (शहर) में सबसे ज्यादा राशि 49.46 करोड़ रुपये आवंटित होगी और इसके बाद यूडीएच मंत्री के कोटा शहर का नम्बर लिया गया है. यहां 45.79 करोड़ रुपये खर्च होंगे जबकि राजधानी जयपुर के दोनों निगमों के लिए 28.35 करोड़ रुपये निर्धारित कर तीसरे पायदान पर रखा गया है.

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शहर की जर्जर और गड्ढे में तब्दील हो चुकी सड़कें जल्द गड्ढा मुक्त होंगी. राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में 213 नगरीय निकायों में सड़कों के पेच रिपेयर के लिए 1 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया है. यह पैसा हुड़कों से लोन के जरिए जुटाया जाएगा. संभावना है कि मानसून बाद सड़कों के पेच रिपेयरिंग के काम शुरू होंगे लेकिन इस बजट आवंटन में असमानता देखने को मिल रही है. जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हैरिटेज क्षेत्र के लिए जो बजट दिया है उसमें क्षेत्रफल के नजरिए से ग्रेटर को ज्यादा मिलना चाहिए था लेकिन बजट ज्यादा हैरिटेज को दिया गया है. 

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इसको लेकर अब आरोप लग रहे है कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि वहां कांग्रेस की मेयर है और ज्यादातर इस एरिया में आ रहे विधानसभा क्षेत्रों में चारों विधायक भी कांग्रेस से ही जीतकर आए है हालांकि स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों का इस मामले में तर्क है नगर निगम ग्रेटर का अधिकांश एरिया जयपुर जेडीए में आता है, जहां जेडीए की ओर से सड़कों को रिपेयर करने का काम किया जाता है. 

इस बजट से प्रदेश में नगर निगम क्षेत्र में 30, नगर परिषद क्षेत्र में 20 और नगरपालिका क्षेत्र में 10 किमी सड़क का मरम्मतीकरण कराया जाएगा. प्रदेश में मौजूद 10 नगर निगमों को कुल 194.43 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की है. इसी तरह 34 नगर परिषदों के लिए 192.94 करोड़ रुपये और 169 छोटी नगर पालिकाओं को 610.48 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. ये पूरा काम सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के जरिए करवाया जाएगा.

-नगर परिषद में होगा आवंटन— 200.20 करोड़ रुपये
-नगर पालिका में होगा आवंटन— 610.48करोड़ रुपये
-नगर निगमों आवंटित की जाने वाली राशि— 194.43 करोड़ रुपये

किस निकाय में कितने किलोमीटर होगा काम
नगर निगम— 30 किलोमीटर
-नगर परिषद— 20 किलोमीटर
-नगरपालिका— 10 किलोमीटर
अब यह होगी आगे की प्रक्रिया
-प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी करना
-कार्यों की तकनीकी स्वीकृति प्रक्रिया
-निविदा प्रक्रिया अपनाना
-निर्माण सामग्री की सैम्पल जांच
-कार्य का आईआईटी या एमएनआईटी के विशेषज्ञों से निरीक्षण
-मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ का गठन

जयपुर नगर निगम हैरिटेज में 100 वार्ड आते हैं और यहां सड़कों के पेच रिपेयर के लिए 15.93 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है. यहां कांग्रेस का बोर्ड है और मेयर भी कांग्रेस की है और चार विधायक भी कांग्रेस के हैं. इसी तरह जयपुर नगर निगम ग्रेटर के क्षेत्र में 150 वार्ड है और यहां रोड रिपेयर के लिए करीब 12.42 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. यहां भाजपा का बोर्ड है और मेयर भी भाजपा की ही है. बजट आवंटन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिला जोधपुर में बनी दोनों नगर निगम और नगरीय विकास मंत्री (यूडीएच) शांति धारीवाल के गृह जिला कोटा में बनी दोनों नगर निगमों को जयपुर से ज्यादा बजट मिला है. 

जानें अलग-अलग जिलों की स्थिति
कोटा नगर निगम उत्तर को 18.80 करोड़ और नगर निगम दक्षिण को 26.98 करोड़ रुपये का, जबकि जोधपुर नगर निगम उत्तर को 27.40 और नगर निगम दक्षिण को 22.05 करोड़ का बजट दिया गया है. जयपुर में दोनों नगर निगम को कुल मिलाकर 28.35 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हुआ है. वहीं, कोटा की दोनों निगमों को 45.78 और जोधपुर को 49.78 करोड़ रुपये का बजट मिला है. जबकि कोटा की दोनों नगर निगम में कुल मिलाकर 150 और जोधपुर में 160 वार्ड है. कोटा की स्थिति देखे तो यहां नगर निगम उत्तर और दक्षिण दोनों में कांग्रेस का बोर्ड है और मेयर भी कांग्रेस पार्टी के ही है. इसी तरह जोधपुर में नगर निगम उत्तर में कांग्रेस का बोर्ड है, लेकिन दक्षिण में भाजपा का. सरकार ने राशि निर्धारण के लिए कमेटी का गठन था. इसमें डीएलबी के उप निदेशक क्षेत्रीय को संयोजक, पीडब्ल्यूडी के एसीएस जोनल और संबंधित नगर निगम संभागीय अधीक्षण अभियंता को सदस्य बनाया गया.

बहरहाल, शहर के लोगों से पिछले लंबे समय से मांग की जा रही थी कि टूटी हुई सड़कों को मरम्मत किया जाए क्योंकि टूटे हुए सड़कों के कारण जहां वाहन क्षतिग्रस्त होते हैं. वहीं सड़क हादसे होने का भी डर बना रहता है. इतना ही नहीं टूटी हुई शर्तें बरसात के दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी का कारण बनती है. बरसात के कारण सड़कों पर पड़े हुए गड्‌ढे और भी ज्यादा गहरे हो जाते हैं. बरसात के पानी के साथ गड्‌‌‌ढों में से मिट्टी और पत्थर निकलकर सड़कों पर फैल जाते हैं, जिससे कि वाहन चालकों के सड़क पर स्लिप होने का खतरा बना रहता है.

 

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