Jaipur serial bomb blasts: जयपुर बम ब्लास्ट केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड पेश के लिए मांगा समय
Jaipur serial bomb blasts: जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में राजस्थान सरकार और पीड़ितों के परिजनों की ओर से दायर अपील पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा.
Jaipur serial bomb blasts: जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में राजस्थान सरकार और पीड़ितों के परिजनों की ओर से दायर अपील पर सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा.
पिछली सुनवाई के दौरान 8 नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट से इस मामले में निचली अदालत का रिकॉर्ड तलब किया था. बुधवार को मामले की सुनवाई से पूर्व राजस्थान हाईकोर्ट ने रिकॉर्ड पेश करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा है.
सुप्रीम कोर्ट कल सुनवाई करेगा
गौरतलब है जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में जयपुर की जिला अदालत ने दिसंबर 2019 में अपना फैसला सुनाया था. इस फैसले में ट्रायल कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान, सैफुर रहमान और मोहम्मद सरवर आजमी को मौत की सजा सुनाई थी.
ट्रायल कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ दोषियों की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने 29 मार्च 2023 के फैसले में सभी दोषियों को बरी कर दिया था.
हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ पीड़ितों के परिजन राजेश्वरी देवी और एक अन्य के साथ साथ राजस्थान सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपीले दायर कर फैसले को चुनौती दी.
सुप्रीम कोर्ट ने इन अपीलों पर सुनवाई करते हुए मई 2023 में राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, लेकिन इस मामले में हाईकोर्ट द्वारा बरी किए गए चारों दोषियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा.
8 नवंबर को इस मामले पर पुन: सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि वह जनवरी 2024 के दूसरे सप्ताह में इस मामले की विस्तृत सुनाई करेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के सभी रिकॉर्ड भी तलब किए.
हाईकोर्ट ने कहा - तैयार नहीं हुआ रिकॉर्ड
सुप्रीम कोर्ट की आदेश की पालना में राजस्थान हाईकोर्ट को इस पुरे केस के ट्रायल का रिकॉर्ड जनवरी के दूसरे सप्ताह तक पेश करना था.
राजस्थान हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख तक ट्रायल कोर्ट का रिकॉर्ड तैयार नही होने की दलील दी है.
8 जनवरी 2024 को राजस्थान हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र में बताया है कि ट्रायल कोर्ट के संपूर्ण दस्तावेज अंग्रेजी में ट्रांसलेट नही हो पाए है, क्योंकि ट्रायल कोर्ट के दस्तावेज हस्तलिखित है और इनकी संख्या बहुत अधिक होने के चलते अभी तक ट्रासंलेट नही हो पाए है.हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को ट्रांसलेट करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अधिक समय मांगा है.
सरकार ने किया विशेष अधिवक्ता नियुक्त
राजस्थान हाईकोर्ट के मार्च 2023 के फैसले के चलते राजस्थान के विधानसभा चुनाव में एक बड़ा मुद्दा बन गया था. तत्कालिन विपक्ष के रूप में बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला किया था.
चुनाव के बाद बीजेपी सत्ता में आने के साथ ही सरकार बनाने में कामयाब रही. सरकार बनाने के बावजूद बीजेपी डेढ माह बाद भी राज्य में महाधिवक्ता की नियुक्ति नहीं कर पायी. जिसके चलते हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त महाधिवक्तओं की भी नियुक्ति नही हो पायी.
17 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई तय होने के चलते राजस्थान सरकार ने इस मामले में पैरवी के विशेष अधिवक्ता की नियुक्ति की. सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पूर्ववती बीजेपी सरकार में अतिरिक्तम महाधिवक्ता रह चुके सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता शिवमंगल शर्मा को पैरवी के लिए विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया है.