Jaipur Hospital Fire : राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल, सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात भीषण आग लग गई. यह आग ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू वार्ड में भड़की, जहां उस समय कई मरीज भर्ती थे. हादसे में आग में झुलसने से 7 मरीजों की दर्दनाक मौत हो गई, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं.
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Jaipur SMS Hospital Fire News: राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल, सवाई मानसिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में देर रात लगी भीषण आग ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को फिर उजागर कर दिया. इस हादसे में 7 मरीजों की जान चली गई, जबकि कई लोग लापता हो गए. आग की चपेट में आए मरीजों के परिजनों का गुस्सा और दर्द सड़कों पर छलक पड़ा. यह घटना तब हुई जब प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग पहले ही कफ सिरप साइड इफेक्ट्स मामले को लेकर सवालों के घेरे में था.
आग से मची अफरातफरी
ट्रॉमा सेंटर में आग लगते ही अस्पताल में चीख-पुकार मच गई. मरीजों के परिजन अपने प्रियजनों को बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आए. आग की सूचना पर दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. आग लगने का प्रारंभिक कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है, लेकिन सटीक वजह की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है. अस्पताल के शीशे तोड़कर मरीजों को बाहर निकाला गया, लेकिन कई मरीज लापता हो गए, जिससे परिजनों में रोष और असमंजस व्याप्त है.
परिजनों का आक्रोश, लापरवाही के आरोप
आग की घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. एक परिजन ने बताया, "शुरुआत में सामान्य आग थी, लेकिन वार्ड ब्वॉय ने ध्यान नहीं दिया. उसने सिर्फ खिड़की खोलकर पंखा चालू किया और चला गया. आग बढ़ने पर स्टाफ भाग गया, हमें खुद अपने मरीजों को बाहर निकालना पड़ा." एक अन्य परिजन ने रोते हुए कहा, "मेरी मां यहां भर्ती थीं, डेढ़ घंटे तक कोई स्टाफ नहीं आया. हमने खुद उन्हें निकाला." कई परिजन सड़कों पर अपने लापता मरीजों को ढूंढते हुए रो-रोकर अधिकारियों से जवाब मांग रहे थे, लेकिन उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली.
स्वास्थ्य विभाग की सफाई, जांच के आदेश
स्वास्थ्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इस हादसे को दुखद बताते हुए कहा, "प्रथम दृष्टया यह आईसीयू में शॉर्ट सर्किट से लगी आग प्रतीत होती है. उस समय आईसीयू में 24 मरीज थे. इसकी उच्च स्तरीय जांच होगी और दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी." मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने देर रात अस्पताल पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और जांच कमेटी गठित करने के साथ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. अस्पताल प्रशासन के डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि मृतकों में तीन भरतपुर, एक सीकर, एक आंधी और एक सांगानेर के मरीज शामिल हैं.
स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
यह हादसा स्वास्थ्य विभाग की तैयारियों और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल उठाता है. परिजनों का कहना है कि समय रहते व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हुआ, जिसके चलते यह त्रासदी हुई. कफ सिरप मामले के बाद यह दूसरा बड़ा विवाद है, जिसने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को कटघरे में खड़ा किया है. जांच के परिणाम और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की मांग तेज हो गई है.
अस्पताल में लगी आग में मरने वालों का नाम और पता
पिंटू निवासी सीकर, दिलीप निवासी आंधी (जयपुर), श्रीनाथ निवासी भरतपुर, रुकमणि निवासी भरतपुर, कुशमा निवासी भरतपुर, और बहादुर निवासी सांगानेर (जयपुर) हैं.
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