Jaipur: सौम्या गुर्जर को नहीं मिली राहत, स्टे देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार
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Jaipur: सौम्या गुर्जर को नहीं मिली राहत, स्टे देने से सुप्रीम कोर्ट ने किया इनकार

आज सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम की ओर से जो दलील दी गई, उसके बाद मामले में स्टे देने से इनकार कर दिया है.

निलम्बित मेयर सौम्या गुर्जर के मामले में न्यायिक जांच की रिपोर्ट पर निगाहें टिकी हैं.

Jaipur: नगर निगम ग्रेटर (Municipal Corporation Greater) की निलंबित मेयर डॉक्टर सौम्या गुर्जर (Somya Gujrar) को हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. 

अब सिर्फ निलम्बित मेयर सौम्या गुर्जर के मामले में न्यायिक जांच की रिपोर्ट पर निगाहें टिकी हैं. यदि जांच रिपोर्ट समय के पक्ष में आती है तो फिर से नगर निगम के लेटर की कुर्सी पर डॉक्टर सौम्या काबिज हो सकेंगी और यदि जांच रिपोर्ट में सौम्या को दोषी पाया जाता है तो राज्य सरकार मेयर का चुनाव कराने की स्थिति में आ सकती है. 

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दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट में नगर निगम की ओर से जो दलील दी गई, उसके बाद मामले में स्टे देने से इनकार कर दिया है. नगर निगम के सीनियर एडवोकेट मनीष सिंघवी ने बताया कि हमने कोर्ट में दलील पेश की कि इस मामले में जो न्यायिक जांच चल रही है, उसमें सभी पक्षों की गवाही और एविडेंस रखे जा चुके है. अब केवल दोनों पक्षों की बहस होना बाकी है. बहस के बाद जो परिणाम आएगा. ऐसे में बीच में ही स्टे देना उचित नहीं होगा. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जांच पूरी होने और आदेशों के आने की बात करते हुए स्टे देने से इनकार कर दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 1 फरवरी की तारीख दी है.

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राज्य सरकार ने 6 जून को सौम्या गुर्जर को मेयर पद से और अन्य तीन पार्षदों को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ हुए विवाद के बाद निलंबित कर दिया था. इस निलंबन के बाद राज्य सरकार ने इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच भी शुरू करवा दी. सरकार के निलंबन के फैसले को सौम्या गुर्जर ने राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इस पूरे प्रकरण में न्यायिक जांच होने तक दखल देने और निलंबन के आदेशों पर स्टे देने से इंकार कर दिया. हाईकोर्ट के राहत नहीं मिलने के बाद सौम्या गुर्जर के समर्थन में भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में तीन बार सुनवाई हो गई, लेकिन अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ. आज भी सुप्रीम कोर्ट में चौथी बार सुनवाई हुई, लेकिन गुर्जर इसमें भी कोई राहत नहीं मिली.

बहरहाल, राज्य सरकार ने कार्यवाहक मेयर शील धाबाई के कार्यकाल को 3 दिसंबर तक के लिए था लेकिन सरकार ने शील धाबाई का कार्यकाल तीसरी बार बढ़ा दिया. इससे पहले सरकार ने अक्टूबर में आदेश जारी करके हुए 60 दिन के लिए कार्यकाल बढ़ाया था. सरकार ने इस बार भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले और न्यायिक जांच को देखते हुए कार्यकाल को बढ़ाने का निर्णय किया है. अब शील धाबाई 1 फरवरी तक जयपुर नगर निगम ग्रेटर की कार्यवाहक मेयर बनी रहेगी.

 

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