JJM का काम 60 प्रतिशत ठप, संवेदकों के आंदोलन पर विवाद गरमाया, रातोंरात उखाड़े तंबू
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JJM का काम 60 प्रतिशत ठप, संवेदकों के आंदोलन पर विवाद गरमाया, रातोंरात उखाड़े तंबू

राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच गांव-ढाणियों तक हर घर जल पहुंचाने वाले प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन पर संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. संवेदकों की लंबी हड़ताल के बाद जेजेएम के प्रोजेक्ट्स तेजी से थम रहे है. अब प्रदेश के 6 हजार करोड़ के काम ठप हो गए हैं.

जल जीवन मिशन

Jaipur: राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच गांव-ढाणियों तक हर घर जल पहुंचाने वाले प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन पर संकट लगातार बढ़ता जा रहा है. संवेदकों की लंबी हड़ताल के बाद जेजेएम के प्रोजेक्ट्स तेजी से थम रहे है. अब प्रदेश के 6 हजार करोड़ के काम ठप हो गए हैं.

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राज्य में जल जीवन मिशन के 60 प्रतिशत काम रूक गया है. संवेदकों ने पूरे प्रदेश में परिवहन जल सेवा रोकने की तैयारी कर ली है. टैंकर पेयजल व्यवस्था ठप होने से राजस्थान में जलसंकट और बढ़ जाएगा.

अनुबंधों की समय सीमा 6 महीने किया जाए
ऑल राजस्थान पीएचईडी कॉन्टेक्टर यूनियन के अध्यक्ष अमरचंद विश्नोई का कहना है कि महंगाई के कारण प्रोजेक्ट्स को पूरा करना मुश्किल ही नहीं नामुकिन हो गया है. सरकार से संवेदकों की मांग है कि जलदाय विभाग के सभी अनुबंधों की समय सीमा 6 महीने बढाई जाए. पेयजल योजनाओं में 250 या 500 किलोमीटर तक टंकियो में अनुबंध समाप्त किए जाए. विभागीय ड्राइंग डिजाईन के आदेश विभाग वापस ले.वहीं जलदाय मंत्री महेश जोशी कहते है कि जल्द विवाद को सुलझाया जाएगा.

अब आंदोलन पर भी विवाद
प्रदेशभर के पीएचईडी कॉन्ट्रेक्टर्स जयपुर के जलभवन में जुटकर आंदोलन को और तेज करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब आंदोलन को लेकर भी विवाद गरमा गया है. कॉन्ट्रेक्टर यूनियन ने पीएचईडी के हैडक्वार्टर दफ्तर पर टैंट लगाकर डेरा डाल था, लेकिन प्रशासन ने रातोंरात टेंट उखाड़ दिए. चीफ इंजीनियर प्रशासन राकेश लुहाडिया का कहना है कि बिना अनुमति कॉन्ट्रैक्टर परिसर के अंदर धरने पर नहीं बैठ सकते. इनके खिलाफ नियमों अनुसार कार्रवाई की गई.

मुझसे परमिशन ली थी, लेकिन मैंने कैंपस के अंदर धरने की परमिशन नहीं दी है. दूसरी तरफ कॉन्ट्रेक्टर्स भी अपने आंदोलन पर अड़ गए हैं. यूनियन के जयपुर संभाग अध्यक्ष सतीश दाधीच का कहना है कि हम संवेदक मांगों को लेकर अपनी पीड़ा कहां सुनाए. हम भी विभाग का हिस्सा है. हम आंदोलन के लिए कहां जाए.

आंदोलन का असर आम जनता पर लेकिन विवाद कुछ भी हो, इस आंदोलन का असर आम जनता पर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है और भीषण गर्मी में पेयजल प्रोजेक्ट्स पर संकट बढ़ता जा रहा है.

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