जयपुरः कार्यक्रम में स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ. धर्मवीर चंदेल ने कहा है कि स्वदेशी और स्वरोजगार से ही भारत आत्मनिर्भर व स्वावलंबी बनेगा. आज के युवाओं में सरकारी या निजी नौकरी की चाहत बढ़ी है, जबकि भारत में निजी और सरकारी नौकरियां 7% हैं,  जबकि 93% लोग स्वरोजगार करते हैं, ऐसे में हम सभी को स्वरोजगार के लिए उद्यमी बनना होगा.


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उन्होंने स्वरोजगार के लिए कौशल को बढ़ाने की जरूरत बताते हुए कहा कि आज के दौर में स्किल का जमाना है, ऐसे में विद्यार्थियों को विद्यार्थी जीवन से ही कौशल को बढ़ाने पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिए.


क्योंकि स्किल से ही उन्हें स्वरोजगार और उद्यमिता का  भाव जागृत होगा. जिस पर चलकर वे बड़े उद्यमी के रूप में दूसरे लोगों को रोजगार दे सकेंगे. उद्यमी  बनने से ना सिर्फ देश की बेरोजगारी की समस्या को दूर कर सकेंगी, बल्कि भारत रोजगार के मामले में आत्मनिर्भर बन सकेगा.


 स्वदेशी के प्रांत संयोजक देवेंद्र भारद्वाज ने कहा कि हम हमारे स्थानीय स्तर की वस्तुओं का अधिक उपयोग करें और बहुत ही मजबूरी में विदेशी वस्तुओं को उपयोग में लाएं.  युवाओं में कौशल की भावना उत्पन्न नहीं होगी, तब तक वे दूसरे लोगों को रोजगार नहीं दे सकेंगे.  आज हमें जॉब प्रोवाइडर बनना है, जॉब लेने वाला नहीं, इस चिन्तन को बदलने की जिम्मेदारी आज सभी युवाओं की है. 


स्वदेशी जागरण मंच के जयपुर प्रांत सह विचार विभाग प्रमुख वेद प्रकाश गोयल ने युवाओं में कौशल विकसित करने का आह्वान करते हुए कहा कि कौशल के बल पर ही उनमें नया कुछ करने का भाव जागृत होगा, बदलती हुई दुनिया में आज हर व्यक्ति के पास कौशल का होना जरूरी है. इसको लेकर केंद्र सरकार की ओर से इस अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं. विद्यालय के प्रधानाचार्य विवेक गुप्ता ने भी विद्यार्थियों में कौशल, स्वदेशी,स्वावलंबन और उद्यमिता को जीवन में  आकार देने की आवश्यकता प्रतिपादित की. 


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