हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला, राजस्थान के मुस्लिम संगठनों में छाया रोष
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हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला, राजस्थान के मुस्लिम संगठनों में छाया रोष

कोर्ट के इस फैसले को लेकर राजस्थान मुस्लिम संगठनों ने रोष जताया है. जमात ए इस्लामी हिंद, दलित मुस्लिम एकता मंच, राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान मुस्लिम फोरम, सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

हिजाब मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला, राजस्थान के मुस्लिम संगठनों में छाया रोष

Jaipur: हिजाब मामले को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने स्कूल कॉलेजों में हिजाब बैन के फैसले को चुनौती देने वालीं याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा है कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है.

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कोर्ट के इस फैसले को लेकर राजस्थान मुस्लिम संगठनों ने रोष जताया है. जमात ए इस्लामी हिंद, दलित मुस्लिम एकता मंच, राजस्थान हज वेलफेयर सोसायटी, राजस्थान मुस्लिम फोरम, सहित अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कही है.

पदाधिकारियों ने कहा है कि हम लोगों को कोर्ट से जिस फैसले की उम्मीद थी, वहीं, फैसला सुनाया गया है. वहीं, पदाधिकारियों का कहना है कि कोर्ट का फैसला शरीयत से ऊपर नहीं हो सकता है. इन संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि पहले भी राम मंदिर के फैसला जिस तरह से दिया गया था, वह भी दबाव में दिया गया था.

 स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन
बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने 25 फरवरी को मामले से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर ली थी. हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित भी रख लिया था. हाईकोर्ट ने कहा कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है. इस दौरान कोर्ट की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया गया.कर्नाटक हाईकोर्ट ने आगे कहा कि स्कूल यूनिफार्म को लेकर बाध्यता एक उचित प्रबंधन है. छात्र या छात्रा इसके लिए इंकार नहीं कर सकते हैं. 

कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद सभी न्यायाधीशों की सुरक्षा बड़ा दी गई है. इस मामले की सुनवाई के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन हुआ था. मुस्लिम छात्राओं की ओर से याचिका दायर कर ये मांग की गई थी कि क्लास के दौरान भी उन्हें हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि हिजाब उनके धर्म का अनिवार्य हिस्सा है. अब हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है.

 

 

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