कुमारी शैलजा ने CM Gehlot को दिया Sonia Gandhi का सीक्रेट मैसेज, Maken के फॉर्मूले पर सहमति नहीं !
Advertisement

कुमारी शैलजा ने CM Gehlot को दिया Sonia Gandhi का सीक्रेट मैसेज, Maken के फॉर्मूले पर सहमति नहीं !

हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा कल अचानक जयपुर आई और देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक कर सुबह फिर से दिल्ली लौट गई हैं.

कुमारी शैलजा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मुलाकात के बाद कई तरह के सवाल चर्चाओं में है.

Jaipur : हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी शैलजा कल अचानक जयपुर आई और देर रात तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ बैठक कर सुबह फिर से दिल्ली लौट गई हैं. कुमारी शैलजा की ये जयपुर यात्रा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के साथ सीएम आवास पर मुलाकात ने फिर से राजस्थान कांग्रेस में सियासी सरगर्मियां को बढ़ा दिया है. कुमारी शैलजा (Haryana state Congress president Kumari Selja) की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मुलाकात के बाद कई तरह के सवाल चर्चाओं में है. 

खास तौर पर कहा यह जा रहा है कि कुमारी शैलजा को अचानक इस तरीके से गोपनीय तौर पर जयपुर आकर अशोक गहलोत से क्यों मिलना पड़ा. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल (Rajasthan Cabinet Reshuffle) की कवायद के बीच कुमारी शैलजा सोनिया गांधी का कोई खास संदेश लेकर जयपुर आई थी और जिसके जवाब में वो गहलोत का संदेश लेकर दिल्ली लौट गई है, लेकिन सवाल यह भी कि 3 दिन पहले जयपुर से दिल्ली लौटे प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) के बाद आखिर कुमारी शैलजा को क्यों फिर से जयपुर आना पड़ा. 

यह भी पढ़ें : मरूधरा में मूसलाधार बारिश, सड़क बनी दरिया, गांव बने गए तालाब

इसके पीछे कांग्रेस (Congress) के सूत्र कई वजह बता रहे हैं. कहा यह जा रहा है कि अजय माकन ने जो रिपोर्ट राहुल गांधी (Rahul Gandhi on Rajasthan Cabinet Reshuffle) को सौंपी है उसमें राजस्थान में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन की सलाह दी गई है ताकि मिशन 2023 पर काम किया जा सके. यह पुनर्गठन अशोक गहलोत की मर्जी से हो, लेकिन इसमें नॉन परफॉर्मेंस वाले मंत्रियों को हटाया जाए. नए चेहरों को शामिल किया जाए. पायलट कैंप के विधायकों को भी मंत्रिमंडल में जगह मिले. उसके साथ साथ जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति हो विधायकों को केवल मंत्रिमंडल और संसदीय सचिव बनाया जाए. राजनीतिक नियुक्तियों में पार्टी के लिए मेहनत करने वाले नेताओं कार्यकर्ताओं को ही जगह मिले, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा केवल विस्तार करने की है. उनका कहना है कि जो विधायक मंत्री राजस्थान में बगावत के समय सरकार को बचाने के लिए साथ खड़े रहे थे उन्हें हटाना सही नहीं है. 

सीएम यह भी चाहते हैं कि पहले जिला अध्यक्ष ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति हो फिर पॉलिटिकल अपॉइंटमेंट (Political Appointments in Rajasthan) हो, सबसे आखिर में मंत्रिमंडल विस्तार किया जाए, लेकिन अजय माकन राजस्थान में यह सब जल्द से जल्द करना चाहते हैं. उनका सुझाव है कि सबसे पहले मंत्रिमंडल विस्तार फेरबदल हो उसके बाद राजनीतिक नियुक्तियां की जाएं. अजय माकन ने जयपुर में जो तीन दिवसीय फीडबैक लिया था उसके बारे में अशोक गहलोत और सचिन पायलट से कुछ भी शेयर नहीं किया है. उन्होंने सीधा राहुल गांधी को अपनी रिपोर्ट दी है. 

fallback

(फाइल फोटो)

हालांकि वे जयपुर में अशोक गहलोत सरकार के कामकाज की तारीफ कर कर गए हैं, लेकिन एक प्रभारी के नाते उनकी जिम्मेदारी थी, लेकिन जाते हुए उनका जो बयान था कि मैं ही दिल्ली हूं उससे लग रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ उनका तालमेल बेहतर नहीं बन पाया है. यही वजह है कि अशोक गहलोत ने अजय माकन की रिपोर्ट के आधार पर बनाए गए फार्मूले पर अपनी सहमति नहीं दी है. कहा यह जा रहा है कि अशोक गहलोत की सहमति के लिए अजय माकन दोबारा जयपुर आने को तैयार नहीं थे. लिहाजा सोनिया गांधी को अपने विशेष दूत के तौर पर कुमारी शैलजा को जयपुर भेजना पड़ा. 

शैलजा सोनिया गांधी की बेहद करीबी नेता मानी जाती हैं. उनका अशोक गहलोत से भी बेहतर तालमेल है राजस्थान विधानसभा में स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन के तौर पर उनकी भूमिका बहुत महत्वपूर्ण रही थी.  3 दिन पहले दिल्ली में उनकी सोनिया गांधी से मुलाकात हुई थी. कल शाम को अचानक कुमारी शैलजा का कार्यक्रम तय हुआ है. फ्लाइट से जयपुर आई जयपुर में भी उनकी यात्रा को गोपनीय रखा गया. केवल कुछ पीसीसी पदाधिकारी एयरपोर्ट पर उनका स्वागत करने पहुंचे. मीडिया को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई. वीआईपी मूवमेंट के तौर पर उनकी गाड़ी को एस्कॉर्ट नहीं किया गया. अलबत्ता उन्होंने मुख्यमंत्री आवास जाने के लिए भी हरियाणा नंबरों की ही गाड़ी का उपयोग किया ताकि पूरी यात्रा गोपनीय रहे. 

मुख्यमंत्री आवास पर रात एक लंबी बैठक के बाद आज सुबह 8:00 बजे की फ्लाइट से वे दिल्ली लौट गई. कुमारी शैलजा की इस मुलाकात से प्रदेश में कांग्रेस सरकार के मंत्री विधायक पार्टी नेता कार्यकर्ता फिर से सक्रिय हो गए हैं. एक दूसरे से कुमारी शैलजा के इस दौरे के मायने पूछे जा रहे हैं, लेकिन यह तय है की कुमारी शैलजा जो संदेश अशोक गहलोत की ओर से वापस सोनिया गांधी के लिए लेकर दिल्ली गई है वह संदेश ही राजस्थान कांग्रेस में सरकार और संगठन के लिए दिशा तय करने वाला है.

यह भी पढ़ें : RAS और IAS के बाद अब 13 IFS अधिकारियों के तबादले, 5 को मिला अतिरिक्त चार्ज

Trending news