विधानसभा में घिरे गहलोत के बड़े मंत्री, इन सवालों की गहराई में उलझे महेश जोशी
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विधानसभा में घिरे गहलोत के बड़े मंत्री, इन सवालों की गहराई में उलझे महेश जोशी

विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न सरकारी महकमों से जुड़े सवालों पर चर्चा हुई. सवालों का जवाब देते हुए राज्य सरकार के कुछ मंत्री सदन में घिरते हुए भी नजर आए. विपक्ष के सवालों पर पानी से जुड़े दो महकमों के मंत्री घिरे. इस दौरान स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने आसन से मंत्रियों को व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कहा. सदन में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में लगने वाले नलकूप और हैंडपंपों को लेकर चर्चा हुई. 

जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी

Jaipur: विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान विभिन्न सरकारी महकमों से जुड़े सवालों पर चर्चा हुई. सवालों का जवाब देते हुए राज्य सरकार के कुछ मंत्री सदन में घिरते हुए भी नजर आए. विपक्ष के सवालों पर पानी से जुड़े दो महकमों के मंत्री घिरे. इस दौरान स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने आसन से मंत्रियों को व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कहा. सदन में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में लगने वाले नलकूप और हैंडपंपों को लेकर चर्चा हुई. अभिनेश महर्षि द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि 24 फरवरी 2021 को पेश बजट में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में आवश्यकता अनुसार 40 हैंडपंप और 10 नलकूप लगवाने की घोषणा की गई थी.

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अब तक 323 नलकूप जल योजनाओं के अंतर्गत चालू किए जा चुके हैं. रतनगढ़ क्षेत्र में नलकूपों की स्वीकृति इसी साल फरवरी और मार्च महीने में जारी की गई है. 4 अप्रैल 2022 में इन्हें चालू किया जाना प्रस्तावित है. इस पर अभिनेश महर्षि ने कहा कि घोषणा के अनुरूप 200 विधानसभा क्षेत्रों में 2000 नलकूप लगाए जाने थे, लेकिन इनमें से 323 ही लगाए गए हैं. वहीं, प्रदेशभर में लगने वाले 8000 हैंडपंपों को लेकर भी कोई विवरण नहीं दिया गया है. 

उन्होंने कहा कि नलकूपों की वित्तीय स्वीकृति भी मेरे द्वारा विधानसभा में प्रश्न लगाने के बाद जारी हुई है. इस पर जलदाय मंत्री ने कहा कि घोषणा यह नहीं है कि इतने हैंडपंप और नलकूप आवश्यक रूप से लगाए ही जाने हैं. उन्होंने सदन में अब तक हैंडपंप और नलकूपों को लेकर प्राप्त हुए प्रस्तावों और उनके निस्तारण का ब्यौरा भी पेश किया. उधर आसन से स्पीकर डॉ. सीपी जोशी ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि घोषणा 2021-22 की है और स्वीकृति मार्च 2022 में दी जा रही है. ऐसे में गर्मी में लोगों को राहत देने का जो मकसद है वह पूरा नहीं हो रहा है. उन्होंने सरकार को निर्देशित किया कि सही समय पर स्वीकृतियां जारी हो यह सुनिश्चित किया जाए. उसी सत्र में घोषणा का लाभ मिले जिस सत्र में घोषणा हुई है.

उधर बगरू विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को बीसलपुर से पेयजल आपूर्ति संबंधी सवाल पर विधायक गंगा देवी की रोचक टिप्पणी सामने आई. मंत्री डॉ. महेश जोशी द्वारा सवाल का जवाब दिए जाने के बाद गंगा देवी ने कहा कि बगरू क्या कोई रबड़ है? जो लगातार केवल डीपीआर ही हो रही है. उन्होंने कहा कि बगरू की जनता से भेदभाव क्यों किया जा रहा है? साल 2020 में जब मुख्यमंत्री डीपीआर बनाये जाने की घोषणा कर चुके तो बार-बार डीपीआर की बात ही क्यों कही जा रही है? इससे पहले मंत्री डॉ. महेश जोशी ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि परियोजना के लिए 279 करोड़ की संशोधित स्वीकृति जारी की जा चुकी है? जिसमें कस्बा बगरू और 130 गांव सम्मिलित हैं. जल संसाधन विभाग के लास विचाराधीन होने से इस परियोजना का कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है.

उधर रोडवेज बसों के संचालन से जुड़े एक सवाल पर परिवहन मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने कहा कि रोडवेज सामाजिक दायित्वों की पूर्ति जरूर करती है? लेकिन इतने बड़े बेड़े को संचालित करने के लिए धन की भी आवश्यकता पड़ती है. विधायक ललित कुमार ओस्तवाल ने पूछा था कि रोडवेज का उद्देश्य आय बढ़ाना है? या जनता को सुविधा देना. ऐसा क्यों है? कि 2018 के पहले संसाधन उपलब्ध थे और उसके बाद संसाधन सीमित हो गए? इस पर परिवहन मंत्री ने कहा कि आपके क्षेत्र में 4 बसें बंद की गई है? उनमें 42 रुपये प्रति किलोमीटर का खर्चा आ रहा है? जबकि अधिकतम आय हुई 14 रुपये से लेकर 24 रुपये तक हुई है. हम कब तक इतने घाटे में बसें चला सकते हैं? आखिर पैसा तो उसमें पब्लिक का ही लगा है? लिहाजा आय भी हमें देखनी पड़ेगी.

परवन वृहद सिंचाई परियोजना के लिए अवाप्त भूमि के मुआवजे से जुड़े सवाल पर मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय सदन में घिरे. मंत्री ने कहा कि करीब 23 हजार किसानों की 7722 हेक्टेयर भूमि अवाप्त की गई है. चूंकि अटरू नगरपालिका घोषित हो गई है इसलिए पुरानी रेट से मुआवजे का भुगतान नहीं कर सकते हैं. इस पर स्पीकर डॉ सीपी जोशी ने कहा कि नियम तो लोगों की सहूलियत के लिए होते हैं. यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि अवार्ड पारित होने के बाद किसानों को मुआवजा मिले इसका ध्यान रखा जाए. वहीं, किसानों को खाद बीज वितरण से जुड़े सवाल के दौरान स्पीकर और विधायक चंद्रकांता मेघवाल के बीच नोकझोंक हुई. स्पीकर ने विधायक चंद्रकांता मेघवाल के पूरक सवाल को मूल सवाल से असंगत बताते हुए उन्हें पूरक सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी.

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