कोटपूतली के बाद राजसमंद में भी ऐसा ही हुआ, जहां पर दलित समाज के दूल्हे को बिंदौली तक निकालने नहीं दी. गांव के दबंगों ने रास्ते में पत्थर कांटे और अन्य सामान डाल दिए.
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Jaipur: राजस्थान में शादियों का सीजन जारी है. बड़े अरमानों के साथ दूल्हे अपनी बारात लेकर जा रहे हैं, इन सबके बीच में राजस्थान (Rajasthan news) में दलित समाज को शादी करने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इस दौर में भी समाज में ऐसे कई असामाजिक तत्व सक्रिय जो आज भी जात-पात करते हैं. राजस्थान में यह ताजा घटना इसी के उदाहरण है. बीते 15 दिन में राजस्थान में 6 ऐसी घटना सामने आई है जिन्होंने सभी को शर्मसार किया है.
भारत तेजी से बदल रहा है, विकास तेजी से हो रहा है, बड़े-बड़े देश की निगाहें भारत में है लेकिन हमारे समाज में आज भी ऐसे कई असामाजिक तत्व सक्रिय हैं, जो मानवता को शर्मसार करने में पीछे नहीं हटते हैं. यूं तो हम सब भारतीय हैं हम सभी का धर्म और जात-पात सबसे पहले भारतीय लेकिन बावजूद इसके ऐसे कई राज्य शहर और गांव है जहां आज भी जात पात देखी जाती है. जरा सोचिए आप अपने बेटे की शादी बड़े अरमानों से कर रहे हैं और उसी शादी में बारात ही निकले तो कैसा लगेगा. दुल्हन को लेने दूल्हा घोड़ी से नहीं पैदल आए तो कैसा लगेगा. दुल्हन के पिता बड़े ही अरमानों से अपनी बेटी की शादी करते हैं और उसी शादी में दूल्हे और उसके बारातियों पर पथराव हो जाए तो दुल्हन के पिता पूरे गांव को क्या जवाब देंगे. जी हां राजस्थान में ऐसा ही हो रहा है. बीते 15 दिनों में राजस्थान के राजसमंद, उदयपुर, बूंदी, जोधपुर और जयपुर ग्रामीण के कोटपूतली और दूदू नरेना में ऐसा ही देखने को मिला है.
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चलिए अब हम आपको कोटपूतली की घटना बताते हैं, जहां दलित दूल्हे की बारात पर असामाजिक तत्वों ने पथराव किया. राजनोता के केरोड़ी गांव में तीन दिन पहले दलित दूल्हे की बारात पर हुए पथराव के मामले के बाद रविवार को उसी घर के दो दूल्हों की निकासी पुलिस के कड़े पहरे में निकाली गई. 25 नवम्बर की घटना के बाद पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड़ पर रहा. केरोड़ी गांव में चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात रहे. जयपुर ग्रामीण एसपी मनीष अग्रवाल गांव में मौजूद रहकर मॉनिटरिंग करते रहे. किसी प्रकार की अनहोनी से निबटने के लिए गांव में 3 आरएसी के टूकड़ी व 4 पुलिस थानों के जाब्ता तैनात रहा. बता दें कि 25 नवम्बर को केरोड़ी गांव में दलित दूल्हा घोड़ी पर बैठकर आया था. दूल्हे के तोरण मारने के दौरान असामाजिक तत्वों ने बारात पर पथराव कर दिया था. इस घटना से दलित समाज मे रोष व्याप्त था. रविवार को इसी घर मे दो दूल्हों की बारात बानसूर जानी थी. इससे पहले उनकी निकासी पुलिस (Rajasthan Police) सुरक्षा में निकाली गई.
कोटपूतली के बाद राजसमंद में भी ऐसा ही हुआ, जहां पर दलित समाज के दूल्हे को बिंदौली तक निकालने नहीं दी. गांव के दबंगों ने रास्ते में पत्थर कांटे और अन्य सामान डाल दिए. दरसल हेमराज पुत्र प्रकाश मेघवाल के विवाह में बिंदौली निकालने के दौरान कुछ लोगों द्वारा रास्ते में बेलगाड़ी, पत्थर व कांटे डालकर बिंदौली को रोक दिया गया. वहीं सूचना के बाद, जब पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस सुरक्षा के बीच में प्रकाश मेघवाल की बिंदौली निकली.
इसी तरह उदयपुर के सालेरा खुर्द गांव में मेघवाल समाज के दलित दूल्हों की बिंदौली में स्थानीय दबंगों ने अड़चन डाली. हालांकि पुलिस ने यहां 24 घंटे में कार्रवाई करके आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसी तरह बूंदी के नीम का खेड़ा गांव में मेघवाल समाज के गणेश लाल घोड़ी पर बारात नहीं निकालने दिया गया. मजबूरन गणेश ने मोटरसाइकिल से अपनी बारात लेकर पहुंचा. इसी तरह जयपुर ग्रामीण के दूदू नरेना में भी दलित समाज के दूल्हे की बारात में अड़चन आई लेकिन यहां भी पुलिस सुरक्षा के बीच शादी हुई.
उधर राजस्थान के डीजीपी एम एल लाठर (M L Lather) का कहना है कि इस तरह के लोग गलत मानसिकता के शिकार होते हैं. ऐसी घटना घटित होती है तो पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती है. हालांकि लोगों की मानसिकता को रातों-रात नहीं बदला जा सकता है लेकिन पुलिस का प्रयास है कि ऐसी घटनाओं को होने से रोका जा सके.
अब बड़ा सवाल यह कि कब तक दलित समाज (Dalit Society) यूं ही गंदी सोच का शिकार होते रहेंगे. कब सख्त कानून बनाकर इस तरह के लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. राजस्थान में लगातार दलितों के खिलाफ बढ़ती घटनाओं को लेकर कांग्रेस सरकार कटघरे में खड़ी नजर आ रही है.