पेट्रोल 100 के रुपये पार, खाचरियावास बोले-आज क्रूड ऑयल के दाम कम लेकिन...
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पेट्रोल 100 के रुपये पार, खाचरियावास बोले-आज क्रूड ऑयल के दाम कम लेकिन...

पेट्रोल, डीजल के साथ ही बढ़ती हुई महंगाई और वैक्सीन आपूर्ति को लेकर सरकार की ओर से केंद्र पर जमकर निशाना साधा जा रहा है. 

फाइल फोटो

Jaipur : पेट्रोल, डीजल के साथ ही बढ़ती हुई महंगाई और वैक्सीन आपूर्ति को लेकर सरकार की ओर से केंद्र पर जमकर निशाना साधा जा रहा है. प्रदेश के मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) और मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इन मामलों को लेकर केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया है. मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और मुख्य सचेतक महेश जोशी (Mahesh Joshi) ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. पेट्रोल जहां 100 रुपये पार कर गया है. तो वहीं, डीजल भी अब 100 रुपये के करीब पहुंच गया है. 

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अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम 60 रुपये होने के बावजूद भी पेट्रोल डीजल के दाम लगातार बढ़ाए जा रहे हैं. जब देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे तब क्रूड आयल के भाव अंतरराष्ट्रीय बाजार में 120-130 रुपये तक थे, लेकिन इसके बाद भी राजस्थान में पेट्रोल 60 रुपये (Petrol  Price) प्रति लीटर मिल रहा था, लेकिन आज क्रूड ऑयल के दाम कम होने के बाद भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जा रहे हैं. 

वर्तमान में दौर ऐसा है जब केंद्र सरकार को अपने खजाने को जनता के हितों के काम में लगाना चाहिए, लेकिन केंद्र सरकार है कि लोगों पर महंगाई का भार डाल कर अपने खजाने को भरने में लगी हुई है. इसके साथ ही वैक्सीन के मामले को लेकर भी केंद्र सरकार की ओर से लगातार दोहरी नीति अपनाई जा रही है. केंद्र को चाहिए ताकि वह सभी राज्यों को वैक्सीन और दवाइयां उपलब्ध कराए, लेकिन केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अपने हाल में छोड़ दिया है. जहां इंजेक्शन की कीमत महज डेढ़ सौ से 200 रुपये थी. वहां अब राज्यों को यह वैक्सीन 1 हजार रुपये तक खरीदना पड़ रहा है. 

केंद्र सरकार को चाहिए था कि वह वैक्सीन खुद खरीदे और राज्यों तक पहुंचाएं. राज्य भुगतान करने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ दो ही कंपनियों को वैक्सीन का लाइसेंस दे रखा है. केंद्र को चाहिए था कि वह जो वैक्सीन का निर्माण है वह सभी कंपनियों को इसका लाइसेंस देती तो आज वैक्सीन की कमी नहीं होती, तो वहीं बीजेपी के नेता सिर्फ मौतों को लेकर घटिया राजनीति करने में लगे हुए हैं. सरकार के पास मौतों का पुख्ता आंकड़ा है. 

राजस्थान के बीजेपी नेताओं को इस घटिया राजनीति से बचकर केंद्र से राजस्थान के हिस्से की दवाइयां,वैक्सीन की मांग करनी चाहिए. पूरे कोरोना काल में कोई भी BJP का नेता बाहर नहीं निकला, ना किसी अस्पताल का दौरा किया और न ही किसी सेंटर का दौरा किया, लेकिन लगातार अपने घर से बैठकर फिर बयान बाजी ही करते रहे. अब जब कोरोना का प्रकोप कम होने लगे हैं तो वे बाहर निकल कर सरकार पर आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी के नेताओं को चाहिए कि वह दिल्ली में बैठकर राजस्थान के लिए वैक्सीन की मांग करें.

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