जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यों का फील्ड में जायजा लेने के लिए गत चार दिनों से अलग-अलग जिलों में गांवों का दौरा करने के बाद केन्द्रीय टीम के सदस्यों ने गुरुवार को जयपुर में जल भवन में जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के साथ आयोजित डी-ब्रीफिंग सेशन में यह बात कहीं.
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Jaipur: राष्ट्रीय जल जीवन मिशन की टीम ने राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में 'हर घर नल कनेक्शन' पहुंचाने के लिए पिछले छः से आठ माह में राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएसएससी) की बैठकों के माध्यम से वृहद स्तर पर स्वीकृतियां जारी करने, ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों (वीडब्ल्यूएससी) के गठन में अव्वल प्रदर्शन तथा बड़ी संख्या में 'विलेज एक्शन प्लान' तैयार करते हुए उनका अनुमोदन कराने जैसे कार्यों की सराहना की है. जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यों का फील्ड में जायजा लेने के लिए गत चार दिनों से अलग-अलग जिलों में गांवों का दौरा करने के बाद केन्द्रीय टीम के सदस्यों ने गुरुवार को जयपुर में जल भवन में जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज राज्य स्तरीय क्रियान्वयन टीम के साथ आयोजित डी-ब्रीफिंग सेशन में यह बात कहीं.
केन्द्रीय टीम की ओर से इस विशेष सेशन में बताया गया कि प्रदेश में जेजेएम के तहत एसएलएसएससी की बैठकों में 75 लाख से अधिक 'हर घर नल कनेक्शन' की स्वीकृतियां जारी करने और राज्य के 43 हजार 323 गांवों में से 43 हजार 229 में वीडब्ल्यूएससी का गठन करते हुए सामुदायिक सहभागिता को बढ़ावा देने की दिशा में तेजी से कार्य किया गया है. टीम की ओर से जेजेएम के कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए 'प्रोजेक्ट मैनेजमेंट प्रोग्रामिंग' के प्रभावी उपयोग, राज्य के बचे गांवों में 'हर घर नल कनेक्शन' की बकाया स्वीकृतियां जल्दी से जारी करने, परियोजनाओं में ऑपरेशन एवं मेंटिनेंस की लागत कम करने के लिए सोलर बेस्ड स्कीम्स की दिशा में कार्य करने तथा डीपीआर के शेष कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने जैसे कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए.
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डी-ब्रीफिंग सेशन में जेजेएम के मिशन निदेशक डॉ. पृथ्वीराज ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रदेश में जिन गांवों में वीडब्ल्यूएससी का गठन हो चुका है, उनमें से जिन समितियों के बैंक खाते खोलने का कार्य बकाया है, उसे आगामी माह में आवश्यक रूप से पूरा किया जाए. उन्होंने कहा कि वीडब्ल्यूएससी के सदस्यों में ग्रामीण पेयजल परियोजनाओं की ओनरशिप लेने एवं योजनाओं के क्रियान्वयन के हर स्तर पर सतत भागीदारी की भावना को मजबूत किया जाए. साथ ही अब तक राज्य में 31 जिलों में पेयजल जांच प्रयोगशालाओं को 'एनएबीएल एक्रिडेशन' दिलाने के प्रयासों की सराहना करते हुए प्रदेशभर में पेयजल नमूनों के संग्रहण एवं उनकी जांच की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए.
राज्य के चार दिवसीय दौरा पर आई केन्द्रीय टीम में शामिल नेशनल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट टीम के टीम लीडर श्री राना रमेश सिंह, प्रोग्राम मॉनिटरिंग एवं मैनेजमेंट विशेषज्ञ श्री शिबब्रत चक्रवर्ती, पब्लिक यूटिलिटी एक्सपर्ट श्री रूप मुखर्जी, सीनियर इंफ्रास्ट्रक्चर विशेषज्ञ श्री जय प्रकाश यादव, आईईसी विशेषज्ञ लोपमुद्रा पंडा तथा श्री बालाजी नगेंद्रन ने गत सोमवार से प्रदेश के पांच जिलों दौसा, जयपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर और बाड़मेर की फील्ड विजिट के बारे में अपने अनुभव एवं फीडबैक को साझा किया. टीम के सदस्यों ने बताया कि प्रदेश में आईएसए-इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसीज के माध्यम से जेजेएम स्कीम्स के लिए सामुदायिक सहभागिता राशि के संग्रहण में तेजी लाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि कई जगह विलेज एक्शन प्लान का अभी ग्राम सभाओं में अनुमोदन कराया जाना बाकी है, इस सम्बंध में भी आवश्यक कार्यवाही की जाए. इसके अलावा ग्राउंड वाटर सिक्योरिटी के लिए सोर्स सस्टेनेबिलिटी के कार्यों को भी समानांतर रूप से संचालित करने की आवश्यकता जताई गई.