सुकन्या समृद्धि योजना में खुलवाए जा रहे नए खाते, जानें कैसे आप भी उठा सकते हैं लाभ
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सुकन्या समृद्धि योजना में खुलवाए जा रहे नए खाते, जानें कैसे आप भी उठा सकते हैं लाभ

इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर भी अनाथ बेटियों का खाता खुलवाकर नजीर पेश कर रहे हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: नवरात्रि में कन्या पूजन, भोजन करवाने और उपहार देने के साथ-साथ अब एक नया ट्रेंड और शुरू हो गया है. जिसमें जरूरतमंद परिवारों की कन्याओं के डाक विभाग की सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) में भामाशाहों की ओर से नए खाते खुलवाए जा रहे हैं. उनकी शादी के लिए छोटी-छोटी बचत के साथ पैसे जमा करवाए जा रहे हैं. डाक विभाग (Post Office) भी ये खाते खुलवाने के लिए अभियान छेड़े हुए है. इसमें ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधि से लेकर अफसर भी अनाथ बेटियों का खाता खुलवाकर नजीर पेश कर रहे हैं. 

बिटिया ही मां का स्वरूप हैं. ऐसा नवरात्रि में देखने को मिलता हैं. नवरात्रि में कन्याओं का पूजन किया जाता हैं उनका आशीर्वाद लिया जाता हैं. और उपहार दिए जाते हैं. ये उपहार उनके जिंदगीभर काम आ सके इसके लिए लोगों ने डाक विभाग की सुकन्या समृद्धि योजना की तरफ रुख किया हैं. नवरात्रि में जयपुर शहर (Jaipur News) में लोगों ने 830 खाते खोले, जिसमें 11 तारीख को 1 दिन में मात्र 400 से अधिक खाते खोले गए. 

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डाक विभाग जयपुर की प्रवर अधीक्षक ने क्या बताया
डाक विभाग जयपुर की प्रवर अधीक्षक प्रियंका गुप्ता (Priyanka Gupta) ने बताया की डाक विभाग के अफसरों और कर्मचारियों की ओर से भामाशाहों और संपन्न लोगों से संपर्क कर खाते खुलवाने के लिए प्रेरित किया गया कि कन्याओं के खाते खुलवाकर नवरात्रि में पुण्य कमा सकते है. ऐसे में कई भामाशाह आगे आए हैं और कन्याओं के लिए पैसे जमा करवा रहे हैं. जिले में 60 हजार खाते सुकन्या समृद्धि योजना में हैं.

डाक विभाग द्वारा सितंबर माह से विशेष कैंप का आयोजन किया गया
डाक विभाग द्वारा सितंबर माह से विशेष कैंप का आयोजन किया गया. जिसके माध्यम से घर-घर जाकर सुकन्या योजना में अधिक से अधिक खाते खुलवाने के लिए लोगों को जागरूक किया गया, जिसके तहत जयपुर सिटी में 4000 से अधिक सुकन्या योजना (Sukanya Yojana) में बच्चों के खाते खुले. डोर टू डोर जाकर और अस्पतालों (Hospitals) से भी संपर्क किया गया. 1 साल तक के बच्चों का डाटा अस्पताल से मांगा गया. उसके बाद जयपुर सिटी में 60 हजार से ज्यादा सुकन्या योजना में खाता खुल चुके हैं.

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फॉर्म भी डाक विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही भर कर देते हैं
डाक विभाग जयपुर की प्रवर अधीक्षक प्रियंका गुप्ता के मुताबिक सुकन्या योजना को बढ़ावा देने के लिए अलग-अलग स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. सुकन्या योजना के फॉर्म भी डाक विभाग के अधिकारी कर्मचारी ही भर कर देते हैं. जिससे आमजन को किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़े. पोस्टमैन (Postman) भी जिस घर में डाक बांटने के लिए जाते हैं, उस घर से कन्या होने की जानकारी प्राप्त कर उसे योजना के लाभ के बारे में बताते हैं. 

पोस्टमैन के पास भी होते हैं फॉर्म
पोस्टमैन के पास भी फॉर्म (Form) होते हैं जो कि मौके पर ही भरकर बच्ची का खाता खोलते हैं. 11 तारीख को 1 दिन में मात्र 400 से अधिक खाते खोले गए. इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए जयपुर शहर के भामाशाह से भी संपर्क किया गया है. पहले अमाउंट के लिए भामाशाह को प्रेरित किया गया है. वह 250 रुपये में एक कन्या पर खर्च कर सुकन्या योजना में उसका खाता खुलवाएं. उसके बाद घर वाले 1 साल के अंदर 1500 रुपये जमा करके खाते को एक्टिवेट करते हैं. 

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जितनी भी रकम जमा होती है उसे ब्याज सहित बच्ची को दे दिया जाता है
अगर आपको 18 वर्ष होने पर बिटिया की शादी करनी है तो आपको बिटिया की शादी का कार्ड लगाकर पोस्ट ऑफिस में जमा करवाना होता है. उसके बाद जितनी भी रकम जमा होती है उसे ब्याज सहित बच्ची को दे दिया जाता है. इस योजना (Scheme) में 1 दिन से लेकर 10 साल तक की बालिका का खाता खोला जा सकता है. खाता मात्र 250 रुपये से खोला जा सकता है, इसमें प्रतिवर्ष 250 से डेढ़ लाख रुपये तक जमा करवाए जा सकते हैं. जमा की गई राशि बालिका के शादी होने या 21 साल की उम्र होने पर ब्याज सहित दी जाती है, इस योजना में 7.06 प्रतिशत ब्याज दिया जा रहा है.

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जीवन भर के लिए साबित हो सकता हैं अच्छा गिफ्ट
सुकन्या योजना में आप उन्हें पैसा या गिफ्ट देने की जगह सुकन्या योजना का खाता खुलवाएं. यह एक उसके लिए जीवन भर के लिए अच्छा गिफ्ट (Gift) साबित हो सकता हैं. जन्मदिन पर दादा नाना या परिवार का कोई भी सदस्य बच्चों का खाता यादगार के तौर पर खुलवा सकता है. भारतीय समाज में बेटियों के नाम पर कुछ भी जमा पूंजी नहीं होती है. सुकन्या खाता (Sukanya account) ही एक ऐसा माध्यम है जो कि बेटी के पैदा होते ही उसे यह खाता गिफ्ट कर सकते हो.

Report-  Aanoop Sharma

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