अब मंत्री, मेयर, पार्षद और अफसर दे रहे एक स्वर में बयान, BVG को दिखाओ बाहर का रास्ता
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अब मंत्री, मेयर, पार्षद और अफसर दे रहे एक स्वर में बयान, BVG को दिखाओ बाहर का रास्ता

बिगड़ती सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने और प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर हैरिटेज मुख्यालय में बैठक हुई.

कंपनी ने सारी हदें कर दी पार, शहर पर लग रहा गंदगी का दाग

Jaipur: बिगड़ती सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने और प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर हैरिटेज मुख्यालय में बैठक हुई. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने अचानक मेयर, पार्षदों और अफसरों की बैठक लेने निगम मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि ना तो शहर में सफाई हो रही है ना ही प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे मिल रहे हैं. फिर नगर निगम काम क्या कर रहा है?

शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर, हूपर नहीं आने की शिकायत से जनता से लेकर मंत्री, मेयर, पार्षद सब परेशान है. बीवीजी कंपनी को करीब 500 से ज्यादा नोटिस पर नोटिस दिए गए. पेनल्टी लगाई गई. चेतावनी दी गई लेकिन बयान के अलावा कंपनी का ना तो मेयर कुछ कर सकी ना ही निगम में बैठे अफसर. लेकिन अब बीवीजी कंपनी को हटाने को लेकर अब मंत्री, मेयर, पार्षद और अफसर एक स्वर में बयान दे रहे हैं. लेकिन डेडलाइन का नहीं पता कब तक कार्रवाई करेंगे लेकिन करेंगे जरूर.

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खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बयान दिया की बीवीजी कंपनी ने सारी हदें पार कर रखी हैं. मेयर का दायित्व है कि बीवीजी कंपनी काम नहीं कर रही तो उसको टर्मिनेट करें. बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधियों ने जब खाचरियावास से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने साफ मना कर दिया ओर कहा कि शहर का सत्यानाश कर दिया है. इन्हें नोटिस देकर हटाने की कार्रवाई शुरू करें. बैठक में एक स्वर में पार्षदों, मेयर ने कहा की बीवीजी को हटाना ही पड़ेगा. उसके बाद ही शहर के हालात सुधर सकते हैं. मेयर मुनेश गुर्जर (Mayor Munesh Gurjar) ने कहा कि सफाई से समझौता नहीं किया जा सकता लेकिन बीवीजी सुधरने को तैयार ही नहीं है. इनके कारण जयपुर शहर की रैकिंग गिरी है. उधर निगम हैरिटेज के आयुक्त अवधेश मीना ने कहा कि सफाई व्यवस्था से वो भी खुश नही है. 500 से ज्यादा नोटिस बीवीजी कंपनी को दिए जा चुके हैं. मेयर से चर्चा कर टर्मिनेट नोटिस देकर कानूनी राय लेकर टर्मिनेट की कार्रवाई की जाएगी.

नगर निगम हैरिटेज में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) की अध्यक्षता में हुई बैठक में सत्ताधारी पार्टी के पार्षद उनकी ही पार्टी की मेयर और अफसरों को लेकर मुखर नजर आए. उन्होंने साफ कह दिया कि एक साल का समय बीत गया आज तक ना तो मेयर ने पार्षदों को बुलाकर बैठक की ना ही अफसर कोई जानकारी देते हैं. कांग्रेस पार्षद मनोज मुद्गगल ने कहा कि प्रशासन शहरों के संग अभियान की तो किसी भी पार्षद को जानकारी ही नहीं रहती है. उनके वार्ड में शिविर लग रहा है. इस पर मंत्री खाचरियावास ने मेयर मुनेश गुर्जर को ताकित करते हुए कहा कि मेयर से पहले पार्षद हो इसलिए पार्षदों को साथ लेकर चलना होगा.

पार्षदों का राइट्स है कि वो अपनी समस्या मेयर को बताएंगे. जब इनके साथ बैठक ही नहीं करोगे तो किसे ये अपनी समस्या बताएंगे. उधर प्रशासन शहरों के संग अभियान में लोगों को राहत नहीं मिलने से मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने नाराजगी जताई. खुद प्रतापसिंह खाचरियावास उनके साथ पीड़ितों को लेकर नगर निगम मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने कहा कि सरकार ने इतनी रियायत दे रखी है उसके बावजूद लोगों को पट्टे नहीं मिल रहे हैं. जिस विधानसभा क्षेत्र से मैं खुद खाचरियावास और मेयर मुनेश गुर्जर आते हैं उस जोन में सबसे कम पट्टे जारी हुए हैं बड़ी शर्मनाक बात है. उन्होंने कहा कि दूसरे जोन से ज्यादा तो मेरी विधानसभा क्षेत्र में सिविल लाइन जोन का हाल बुरा है. बैठक में पट्टा नहीं मिलने से परेशान लोग भी पहुंचे. खाचरियावास ने पीड़ित लोगों की पीड़ी को सुना और अफसरों से कहा कि पट्टा लेने में चार से आठ माह का समय लग रहा है. किसी ही फाइल ही नगर निगम से गायब हो गई. ये निगम में चल क्या रहा है.

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बहरहाल, बीवीजी को साल 2017 में शहर की सफाई का ठेका दिया था. उस समय सात साल का एग्रीमेंट किया गया था. डोर टू डोर कचरा उठाने-सफाई के लिए कंपनी को 1670 रुपए मीट्रिक टन की दर से भुगतान करना था. इसे अब 1800 रुपए कर दिया है. ठेका शर्तों के तहत कंपनी को कचरा इकट्ठा कर उसे डंपिंग यार्ड तक ले जाने के अलावा सफाई के अन्य काम और कीटनाशकों का छिड़काव भी करना था. लेकिन कंपनी द्वारा निगम के संसाधनों और कर्मचारियों का उपयोग किया जा रहा है. उसके बावजूद ना तो डोर टू डोर कचरा संग्रहण का काम हो रहा है..ना ही शहर की सड़कों से कचरा उठ रहा है.

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