राजस्थान में अब मृतक आश्रितों की नियुक्ति में नहीं होगी देरी, DOPT ने जल्द आवेदनों के हल के दिए आदेश
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राजस्थान में अब मृतक आश्रितों की नियुक्ति में नहीं होगी देरी, DOPT ने जल्द आवेदनों के हल के दिए आदेश

विभागों से मृतक आश्रितों के आवेदन निस्तारित करने के लिए नोडल अधिकारी और केस प्रभारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रकरणों का निस्तारण समय से किया जा सके.  

राजस्थान में अब मृतक आश्रितों की नियुक्ति में नहीं होगी देरी. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaipur: राजस्थान में अब मृतक आश्रितों को नियुक्ति मिलने में अब देरी नहीं होगी. सरकारी विभागों में मृतक आश्रितों के आवेदन पेंडिंग होने को लेकर राज्य सरकार ने चिंता जाहिर की हैं. कार्मिक विभाग ने सभी विभागों के अधिकारियों को मृतक आश्रित के अनुकंपा नियुक्ति के आवेदनों का शीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए हैं. विभागों से मृतक आश्रितों के आवेदन निस्तारित करने के लिए नोडल अधिकारी और केस प्रभारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि प्रकरणों का निस्तारण समय से किया जा सके.  

दरअसल, राजस्थान में मृत सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति नियम, 1996 के प्रावधानों के तहत मृतक राज्य कर्मचारी के पति, पत्नी, पुत्र या पुत्री को मृत राज्य कर्मचारी के आश्रित के रूप में नियुक्ति देने का प्रावधान है. इन नियमों के तहत नियुक्ति दिए जाने का उद्देश्य मृतक के परिवार को अविलम्ब राहत पहुंचाना हैं. सरकार के ध्यान में आया हैं कि कुछ नियुक्ति अधिकारियों द्वारा मृतक आश्रितों की नियुक्ति देने संबंधी प्रकरणों में असाधारण विलंब किया जाता हैं. जिसके कारण ऐसी नियुक्तियों का मूल उद्देश्य ही समाप्त हो रहा है. इस पर कार्मिक सचिव हेमंत गेरा ने सभी नियुक्ति प्राधिकारियों एसीएस, प्रमुख सचिव, सचिव और कलेक्टर को  निर्देश दिए हैं.  किसी भी राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित को नियुक्ति के लिए मिलने वाले आवेदनों के शीघ्र निस्तारण हेतु प्रत्येक विभाग में एक नोडल अधिकारी नियुक्त जाएगा. इसके साथ ही किसी भी राज्य कर्मचारी की मृत्यु होने पर प्रत्येक प्रकरण के लिए किसी एक कर्मचारी को केस प्रभारी नियुक्त किया जाएगा. राज्य नोडल अधिकारी एवं केस प्रभारी ही विभाग एवं कार्यालय स्तर पर अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन पत्रों का त्वरित निस्तारण कराएंगे.

  • नोडल अधिकारी  सामान्यतयाः विभागाध्यक्ष कार्यालय में पदस्थापित वरिष्ठ अधिकारी होगा. 
  • केस प्रभारी सामान्यतया उसी कार्यालय का कर्मचारी होगा. जिस कार्यालय में मृतक राज्यकर्मचारी अपनी मृत्यु से ठीक पूर्व पदस्थापित था.
  • अनुकम्पा नियुक्ति के संबंध में नोडल अधिकारी एवं केस प्रभारी के कार्य तय होंगे. 

       राज्य नोडल अधिकारी  के ये होंगे कार्य

  • विभाग के अनुकम्पा नियुक्ति के संबंधित समस्त प्रकरणों का ब्योरा एकत्रित करवाना.
  • विभाग में किसी भी राजकीय कर्मचारी की सेवाकाल में मृत्यु होने पर केस प्रभारी नियुक्त करवाना.
  • कार्यालयाध्यक्ष एवं केस प्रभारी के माध्यम से यह सुनिश्चित करना कि मृत राज्य कर्मचारी के परिवारजन को अनुकम्पा नियुक्ति नियमों एवं आवेदन की सम्पूर्ण प्रक्रिया की जानकारी हो.
  • यह सुनिश्चित करना कि मृत राज्य कर्मचारी के एक पात्र आश्रित द्वारा नियमों के अन्तर्गत निर्धारित अवधि में अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन कर दिया जाए.
  • अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन के साथ संलग्नीय विभागाध्यक्ष के स्तर से जारी होने वाले आदेश या प्रमाण पत्र अथवा अन्य कोई भी दस्तावेज॑ तैयार करवाना.
  • अनुकंपा नियुक्ति आवेदन विभाग में प्राप्त होने पर उसकी सम्पूर्ण जांच करना तथा यदि में कोई कमी पाई जाए तो केस प्रभारी के सहयोग से 30 में दिन पूर्ण करना.
  • नियुक्ति दिए जाने के लिए यदि कार्मिक विभाग से कोई मार्गदर्शन-अनुमति अपेक्षित हो आवश्यक समन्वय करते हुए शीघ प्राप्त करना.
  • आवेदन प्राप्त होने के पश्चात सक्षम स्तर से अनुमोदन करवाकर 45 दिन की अवधि के अन्दर नियुक्ति आदेश जारी करवाना.
  • अवधि पार आवेदन-पत्रों के संबंध में कार्मिक विभाग से समन्वय कर शीघ्र अनुमति/विलम्ब शिथिलन प्राप्त करना .

        केस प्रभारी के कार्य भी तय किए गए हैं

  1. मृत कर्मचारी के परिजनों को अनुकम्पा नियुक्ति की आवश्यक जानकारी, आवेदन-पत्र उपलब्ध करवाना तथा सतत्‌ सम्पर्क में रहकर पात्र आश्रित से निर्धारित समयावधि में आवेदन लेना.
  2. अनुकम्पा. नियुक्ति आवेदन के संबंध में कार्यालयाध्यक्ष के स्तर पर आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कराना.
  3. आवेदन पत्र में रही किसी भी प्रकार की कमी को स्वयं पहल करते हुए पूर्ण करवाना.
  4. आश्रित द्वारा कार्यालयाध्यक्ष के पास आवेदन करने पर 5 दिन की अवधि में आवेदन पूर्ण कराते हुए विभागाध्यक्ष कार्यालय भेजना सुनिश्चित करना.
  5. कार्यालयाध्यक्ष के माध्यम से नोडल अधिकारी के संपर्क में रहना.
  6. नोडल अधिकारी द्वारा इंगित किये जाने पर आवेदन पत्र में रही कमी की अविलम्ब पूर्ति करवाना.
  7. नियुक्ति आदेश जारी होने पर मृत राज्य कर्मचारी आश्रित को सूचित करना.

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