MGNREGA के तहत SHG के सहयोग से वृहद स्तर पर किया जाएगा पौधारोपण
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MGNREGA के तहत SHG के सहयोग से वृहद स्तर पर किया जाएगा पौधारोपण

बैठक में स्पीकर बिरला ने मनरेगा से जुड़ी योजनाओं की जानकारी मांगने पर मंत्री गिरीराज सिंह ने बताया कि मनरेगा में अब स्वयं सहायता समूहों को भी सबल बनाने के लिए काम किया जा रहा है. स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर लेवल फेडरेशन को नर्सरी बनाने का काम दिया जाएगा.

समूह का एक सदस्य 200 पेड़ों की देखरेख करेगा.

Jaipur: मनरेगा (MGNREGA) के तहत राजस्थान में वृहद स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा, जिसमें स्वयं सहायता समूहों को भी जोड़ा जाएगा. इससे स्वयं सहायता समूहों की आय भी बढ़ेगी. केंद्र सरकार (Central Government) राजस्थान को मनरेगा के तहत बजट आवंटन भी जल्द करेगी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) की ओर से राजस्थान में ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों की समीक्षा बैठक में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरीराज सिंह (Giriraj Singh) ने यह जानकारी दी. 

बैठक में स्पीकर बिरला ने मनरेगा से जुड़ी योजनाओं की जानकारी मांगने पर मंत्री गिरीराज सिंह ने बताया कि मनरेगा में अब स्वयं सहायता समूहों को भी सबल बनाने के लिए काम किया जा रहा है. स्वयं सहायता समूहों के क्लस्टर लेवल फेडरेशन को नर्सरी बनाने का काम दिया जाएगा. इसके अलावा सड़क किनारे लगाए जाने वाले पौधों की देखरेख का काम भी स्वयं सहायता समूहों को दिया जाएगा. समूह का एक सदस्य 200 पेड़ों की देखरेख करेगा. इससे समूहों और उनके सदस्यों की आय भी बढ़ेगी. 

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उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत राज्यों को बजट आवंटन की प्रक्रिया पर भी मंत्रालय में तेजी से काम हो रहा है. राजस्थान को जल्द ही मनरेगा के तह बजट जारी कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि मंत्रालय ने कुछ नए कार्यक्रम भी हाथ में लिए हैं, जिनका पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कुछ स्थानों पर परीक्षण किया जाएगा. स्पीकर बिरला के कहने पर मंत्री गिरीराज सिंह ने पायलट प्रोजेक्ट में राजस्थान को प्राथमिकता देने पर सहमति जताई. 

बाढ़ प्रभावितों को आवास पर सहमति
प्रदेश के बाढ़ प्रभावित चार जिलों के 24 हजार बाढ़ प्रभावितों को प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister Housing Scheme) ग्रामीण में स्पेशल प्रोजेक्ट के तहत आवास उपलब्ध करवाए जाने पर भी मंत्री गिरीराज सिंह ने सैद्धांतिक सहमति दी. उन्होंने बताया कि कोटा में 11,598, बूंदी में 168, झालावाड़ में 350 और बारां में 11837 बाढ़ प्रभावितों को आवास की आवश्यकता की जानकारी मिली है. इसके लिए मंत्रालय प्रस्तावों का परीक्षण कर रहा है. 

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