Rajasthan में गहराया बिजली का संकट, मांग और उत्पादन में इतने मेगावाट का अंतर
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Rajasthan में गहराया बिजली का संकट, मांग और उत्पादन में इतने मेगावाट का अंतर

बिजली की मांग और बिजली की उपलब्धता का अंतर और बढ़ेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: राजस्थान में बिजली संकट (Power Crisis) गहरा रहा है. कोल कंपनियों से कोयले की सीमित आपूर्ति ने उत्पादन प्रक्रिया पर असर डाला है. जयपुर डिस्कॉम क्षेत्र में रविवार के दिन भी 7 से 8 घंटे बिजली कटौती (Power cut) रही. राजस्थान में बिजली की मांग और उत्पादन में रविवार को करीब 2450 मेगावाट (megawatts) का अंतर देखा गया. 

बिजली की अधिकतम मांग 11800 मेगावाट और बिजली की उपलब्धता 9353 मेगावाट रही. सोमवार को फिर से बिजली की मांग और बिजली की उपलब्धता का अंतर और बढ़ेगा. ऊर्जा विभाग के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने पूरा कोयला नहीं मिलने पर केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर आपत्ति भी जताई है. 

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इस पूरे मसले पर सक्रिय
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) इस पूरे मसले पर सक्रिय हुए हैं. कोयले की कमी से राजस्थान में भी विद्युत संकट गहरा गया है. अब कस्बें और शहरी इलाकों में रोजाना 1 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 3 से 4 घंटे तक घोषित तौर पर बिजली कटौती (Power Cut) होगी. शहरों और कस्बों में 1 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 4 से 5 घंटे बिजली कटौती होगी.  

कोयले की कमी से सूरतगढ़ प्लांट की यूनिट अब भी बंद
इस बीच एक अच्छी खबर ये भी है कि कोटा थर्मल प्लांट (Kota Thermal Plant) की 195 मेगावाट क्षमता की एक यूनिट से सोमवार सुबह से उत्पादन शुरू हो गया है. इसके अलावा पहले कालीसिंध प्लांट (Kalisindh Plant) की 600 मेगावाट की एक यूनिट से बिजली (Electricity) उत्पादन शुरू हो चुका है. तकनीकी कारणों के चलते ये दोनों यूनिट पहले बंद थी. उधर कोयले की कमी से सूरतगढ़ प्लांट (Suratgarh Plant) की 6 यूनिट अब भी बंद है.

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ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त सचिव ने रविवार को फिर से केन्द्रीय कोल सचिव को भेजा संदेश
ऊर्जा विभाग (Department of Energy) के अतिरिक्त सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agarwal) द्वारा रविवार को फिर से केन्द्रीय कोल सचिव को संदेश भेजकर पूरा कोयला नहीं भेजने को लेकर आपत्ति भी जताई गई है. उन्होंने लिखा कि संयुक्त सचिव (कोल) की अध्यक्षता में गठित सब ग्रुप की अनुशंसा के बाद भी एनसीएल से 4 ही रैक भेजी और एसईसीएल से एक भी रैक नहीं भेजी गई. हर दिन कम से कम दस रैक की मांग की गई है.

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राजस्थान सरकार ने भी कोल कंपनियों को बकाया भुगतान में दिखाई तेजी
राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने भी हाल ही में कोल कंपनियों को बकाया भुगतान में तेजी दिखाई है. राजस्थान में मानसून (Monsoon) की हो रही विदाई और लगातार गर्मी बढ़ने के कारण बिजली की मांग में 3 हजार 500 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई हैं. राजस्थान में वर्तमान मांग 12,500 मेगावाट की है. 

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