मरुधरा का होगा अपना फैशन स्टेटमेंट, राजस्थान सरकार की पहल से बदलेगी वीवर्स की तकदीर
राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन खत्म हो रही उत्पाद निर्माण कलाओं के प्रोत्साहन लिए कार्ययोजना को अंतिम रुप दे रहा है, ताकि आजीविका के साथ और निर्यात कारोबार दोनों को बढ़ाया जाए. राजस्थान के जिलों की पहचान के तौर पर भी इसे उभारने की तैयारी है. इसके अलावा इंवेस्ट राजस्थान में भी नए निवेशकों के जरिए हैंडलूम उत्पादों और हैंडीक्राफ्ट को संवारने की तैयारी है.
Jaipur: मरुधरा के हस्तशिल्प को नया बाजार देने की तैयारी है. राजस्थान सरकार का राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन इसकी पहल कर रहा है. इसके तहत विश्व की प्रमुख उत्पाद बिक्री कंपनियों से वार्ता की जा रही है. मकसद है मरुधरा के कौने कौने में बनने वाले बुनकर, हैंडलूम उत्पाद निर्माताओं और हस्तशिल्प उत्पादों को नया बाजार मिले.
राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन खत्म हो रही उत्पाद निर्माण कलाओं के प्रोत्साहन लिए कार्ययोजना को अंतिम रुप दे रहा है, ताकि आजीविका के साथ और निर्यात कारोबार दोनों को बढ़ाया जाए. राजस्थान के जिलों की पहचान के तौर पर भी इसे उभारने की तैयारी है. इसके अलावा इंवेस्ट राजस्थान में भी नए निवेशकों के जरिए हैंडलूम उत्पादों और हैंडीक्राफ्ट को संवारने की तैयारी है.
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डेडीकेटेड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने की तैयारी
राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन की सीएमडी नेहा गिरी का कहना है कि वस्त्र उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. राजस्थान का अपैरल क्षेत्र पहले से अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्ति है. नई पीढ़ी और फैशन स्टेटमेंट अब ऑर्गेनिक उत्पादों के उपयोग का है. ऐसे में राजस्थान के वीवर्स के लिए असीम संभावनाएं है. प्रदेश के बुनकरों, हैंडलूम उत्पाद निर्माताओं के लिए राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन कई नवाचार कर रहा है. इसमें पुरानी कलाओं की तरफ रुझान, उन्हें वैश्विक बाजार उपलब्ध करवाना और रेडीमेड गारमेंट के मुकाबले में लाना है. इसके लिए डेडीकेटेड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाने की तैयारी है.
किसे मिलेगा पहल का सीधा फायदा
राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के इस पहल का सीधा फायदा उन महिला बुनकरों और हैंडलूम कलाओं को पारंपरिक रूप से सहेजे हुए ऑर्टिजन को मिलेगा. परंपरा और आधुनिकता का समन्वय बनाने के प्रयास भी किए जा रहे है. कॉर्पोरेशन की सीएमडी नेहा गिरी का कहना है कि आज फैशन की मांग बदल चुकी है. लोग पारंपरिक परिधानों में आधुनिकता का मिश्रण चाहते है. इसके लिए नई पीढ़ी के डिजाइनर्स का साथ लेने की तैयारी है. कॉलेजों के डिजाइनर्स को वीवर्स औी हैंडलूम उत्पादकों की मदद के लिए साथ में जोड़ा जा रहा है. इस पहल से ऑर्गेनिक फैशन अफोर्डेबल प्राइस पर उपलब्ध होगा.
क्या है विभाग की कोशिश
राजस्थान स्टेट हैंडलूम डवलपमेंट कॉर्पोरेशन की पहल अगर धरातल पर उतरती है, जो राजस्थान में आगामी 7 और 8 अक्टूबर को आयोजित होने वाले इंवेस्ट राजस्थान-2022 में नए निवेशक मिल सकते हैं, जिनकी आर्थिक मदद से ना केवल संसाधनों में इजाफा होगा. साथ ही नए बाजार को तलाशने और पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी. विभाग की कोशिश है की पारंपरिक उत्पाद निर्माताओं को भरपूर संसाधन उपलब्ध हो ताकि गांव, ढ़ाणी और देहात में बसे वीवर्स की आर्थिक सेहत भी मजबूत हो, साथ ही निर्यात भागीदारी से विश्व में इनकी कलाओं का मान बढ़े.
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