न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज व्यास (Manoj Vyas) की खंडपीठ ने यह आदेश मुकेश शर्मा (Mukesh Sharma) की जनहित याचिका पर दिए.
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Jaipur: राजस्थान हाइकोर्ट (Rajasthan Highcourt) ने कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) की कीमत केंद्र सरकार, राज्य सरकार और निजी अस्पतालों के लिए अलग-अलग रखने एवं कंपनियों की ओर से मुनाफा वसूली करने पर केंद्र और राज्य सरकार सहित सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute of India) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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न्यायाधीश सबीना और न्यायाधीश मनोज व्यास (Manoj Vyas) की खंडपीठ ने यह आदेश मुकेश शर्मा (Mukesh Sharma) की जनहित याचिका पर दिए.
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याचिका में अदालत को बताया कि कोरोना वैक्सीन (Corona vaccine) के नाम पर इसकी निर्माता कंपनियां मुनाफा वसूल रही हैं. एक ही वैक्सीन की कीमत केंद्र सरकार के लिए अलग और राज्य सरकार के लिए अलग तय की गई है. वहीं, निजी अस्पतालों को कई गुणा अधिक कीमत पर वैक्सीन लेने के लिए बाध्य किया जा रहा है जबकि केंद्र सरकार को शक्ति है कि वह वैक्सीन निर्माताओं को वैक्सीन की कीमत कम और एक समान रखने के लिए पाबंद कर सकती है.
कंपनियां 800 फीसदी तक मुनाफा वसूल रही
याचिका में कहा गया कि सीरम इंस्टीट्यूट अपनी वैक्सीन कोविशील्ड केंद्र सरकार को 150 रुपये, राज्य सरकार को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये में देना तय किया है. इसी तरह भारत बायोटेक अपनी कोवैक्सीन के 600 रुपये और 1200 रूपए तक लेने का निर्णय किया है. यह कीमत विश्व में सबसे अधिक है. नियमानुसार कोई भी निर्माता सिर्फ 16 फीसदी तक ही मुनाफा कमा सकता है, जबकि ये कंपनियां 800 फीसदी तक मुनाफा वसूल रही हैं.
याचिका में कहा गया कि पीएम केयर्स फंड में गत 9 जुलाई तक 30 अरब रुपये से अधिक जमा हो चुका है. याचिका में गुहार की गई है कि केंद्र सरकार की ओर से सभी को फ्री वैक्सीन लगवाई जाए और वैक्सीन निर्माताओं को वैक्सीन की न्यूनतम कीमत ही वसूलने के निर्देश दिए जाए.
Reporter- Mahesh Pareek