खटारा वाहनों के सहारे चल रहा है राजस्थान होमगार्ड महकमा, 37 वाहन नकारा घोषित
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खटारा वाहनों के सहारे चल रहा है राजस्थान होमगार्ड महकमा, 37 वाहन नकारा घोषित

राज्य सरकार ने दो साल पहले पुलिस को वाहनों के लिए बजट दिया था लेकिन होमगार्ड को वाहनों के लिए नहीं मिल पाया.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: राज्य का होमगार्ड महकमा खटारा वाहनों के सहारे चल रहा है. हालत यह है कि महकमे में करीब 37 वाहनों को नकारा घोषित किया जा रहा है. ये निर्धारित मापदंड से कई गुना ज्यादा चल चुके हैं. 

इन खटारा वाहनों से के बदले होमगार्ड को कब नए वाहन मिलेंगे यह भी पता नहीं है, ऐसे में होमगार्ड अधिकारियों-कर्मचारियों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इन नकारा और खटारा वाहनों के बदले नए चमचमाते और फर्राटेदार वाहन चाहिए. 

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गृह मंत्रालय से हर साल राजस्थान पुलिस को मॉर्डनाइजेशन स्कीम के लिए करोड़ों का बजट दिया जा रहा है. इस बजट से राज्य सरकार पुलिस, होमगार्ड और ब्रांचों के वाहन भी हर साल खरीदती आई है लेकिन करीब छह साल से गृहमंत्रालय ने वाहनों के लिए दिए जाने वाला पैसा बंद कर रखा है. इससे राजस्थान पुलिस, होमगार्ड आदि में वाहनों का संकट खड़ा हो गया. राज्य सरकार ने दो साल पहले पुलिस को वाहनों के लिए बजट दिया था लेकिन होमगार्ड को वाहनों के लिए नहीं मिल पाया.

होमगार्ड में वाहन बदलने के मापदण्ड निर्धारित है. इनमें मोटरसाइकिल सात साल और एक लाख 20 हजार किमी तक वाहन चलने के बाद नकारा घोषित की जाती है, वहीं चार पहिया वाहनों में दो लाख किलोमीटर और आठ वर्ष समय सीमा निर्धारित की गई है. कई वाहन निर्धारित तय मापदंड से ज्यादा किलोमीटर और वर्ष चल चुके हैं. होमगार्ड में 14 चार पहिया और 23 मोटरसाइकिलें खटारा हो चुकी है. हालात यह है कि इनमें सात का निर्धारित समय की तुलना में करीब 17 साल से खटारा वाहनों को घसीट रहे हैं. इधर जब बार बार खराब होने लगे तो इन वाहनों को नकारा घोषित करना ही बेहतर समझा गया.

मुख्य बिंदु
- होमगार्ड में मोटरसाइकिलें प्लाटून कमांडर और अधीनस्थ स्टाफ के आने जाने
- डाक पहुंचाने या अन्य सरकारी कार्य में काम ली जाती हैं
- वहीं हल्के वाहन कम्पनी कमांडर से कमांडेंट तक के काम आ रहे हैं
- होमगार्ड मुख्यालय ने जिन 14 हल्के वाहनों को नकारा घोषित करने की सिफारिश की है, उनमें 10 तो 17 साल से ज्यादा पुराने हो चुके हैं.
- वहीं चार अन्य वाहन भी 9 से 12 साल पुराने हैं, जो आठ साल के निर्धारित मापदंड को पूरा कर चुके हैं.
- वहीं मोटरसाइकिलों में चार की खरीद 2009 की है, वहीं अन्य भी आठ से दस साल पुरानी हैं.
- विभागीय कमेटी ने 22 दिसम्बर 2021 को अपनी रिपोर्ट में इन वाहनों को नकारा घोषित कर अनुशंषा कर दी है. साथ ही स्टेट मोटर गैराज में जमा करवाने की स्वीकृति दे दी है.
- इधर होमगार्ड महकमे ने इन वाहनों के बदले वाहन रिप्लेशमेंट मांगा है, लेकिन बजट सत्र से पहले यह मिलना संभव नहीं है.
- अब जब तक नए वाहनों के लिए बजट नहीं मिल जाता तब तक होमगार्डकर्मियों को परेशान होना पड़ेगा.

 

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