परिवादी हेमंत भाई गोयल के परिवाद के बाद में मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव और विधि सचिव को नोटिस थमा कर जवाब मांगा है.
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Jaipur: दिव्यांगों के नोटरी पब्लिक में नियुक्ति के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग (State Human Rights Commission) ने मुख्य सचिव और विधि सचिव को नोटिस थमाया है. आयोग के अध्यक्ष गोपालकृष्ण व्यास ने नोटिस थमा कर 3 सप्ताह में तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.
दिव्यांग अधिवक्ताओं को नोटरी पब्लिक में प्राथमिकता और आरक्षण की मांग को लेकर परिवाद दिया था. परिवादी हेमंत भाई गोयल के परिवाद के बाद में मानवाधिकार आयोग ने मुख्य सचिव (Chief Secretary) और विधि सचिव (Law Secretary) को नोटिस थमा कर जवाब मांगा है.
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नोटेरी पब्लिक का पद अपेक्षाकृत कम भागदौड़ का
विधि विभाग के अंतर्गत नोटेरी पब्लिक का पद अपेक्षाकृत कम भागदौड़ का होता है और बैठे-बैठे ही इस पद की जिम्मेदारी को बिना किसी परेशानी के संपादित किया जा सकता है, इसलिए ये पद दिव्यांग अधिवक्ताओं के लिए उपयुक्त माना जा सकता है.
दिव्यांगजन मामलों के विशेषज्ञ हेमंत भाई गोयल नोटेरी नियमों में संशोधन तो केंद्र सरकार के विधि विभाग के स्तर पर ही संभव है. लेकिन प्रदेश सरकार के स्तर पर नोटेरी पब्लिक के पद पर होने वाली नियुक्तियों में दिव्यांग अधिवक्ताओं को प्राथमिकता प्रदान करने का प्रावधान अवश्य किया जा सकता है. जिससे प्रदेश के सैंकड़ों दिव्यांग अधिवक्ताओं को इस पद पर नियुक्ति की राह आसान होना संभव है.
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क्या कहते हैं नोटेरी नियम?
नोटेरी रूल्स 1956 के संशोधित प्रावधानों के अनुसार, राजस्थान में केंद्र सरकार के स्तर पर अधिकतम 1500 तथा राज्य सरकार के स्तर पर अधिकतम 2000 नोटेरी पब्लिक की नियुक्तियां की जानी होती है. इसलिए राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र की नोटेरी पब्लिक की नियुक्ति में दिव्यांग अधिवक्ताओं को प्राथमिकता प्रदान की जानी चाहिए.
घोषणा पत्र में जिक्र,अब आरक्षण की मांग
कांग्रेस के जन घोषणा पत्र बिंदु 18 के अनुसार, दिव्यांगजनों की विशेष योग्यता को देखते हुए सरकार में उपलब्ध पदों को चिन्हित कर उन पर नियुक्ति हेतु आरक्षण की व्यवस्था करने का विषय शामिल है. दिव्यांगजन मामलों के विशेषज्ञ हेमंत भाई गोयल ने राजस्थान सरकार से दिव्यांग अधिवक्ताओं को नोटेरी पब्लिक की नियुक्ति में अधिकतम प्राथमिकता प्रदान करने की मांग की है.