Rajasthan News: राजस्थान में भी एक बार फिर धर्मांतरण विरोधी कानून लाया जा रहा है. धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से दस साल की सजा होगी, वहीं खुद व्यक्ति के लिए भी धर्म परिवर्तन करना आसान नहीं होगा. इधर, कांग्रेस ने धर्मांतरण विरोधी बिल को लेकर भाजपा सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. क्या सरकार संघ परिवार का एजेंडा लागू कर रही है? 


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वहीं, बीजेपी नेताओं और साधू संतों ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे प्रलोभन और जबरधन धर्म परिवर्तन पर रोक लगेगी. हालांकि करीब 16 साल पहले भी राजस्थान में धर्मांतरण विरोधी बिल लाया गया था, जो ठंडे बस्ते में पड़ा है. यह सवाल उठ रहा है कि आखिर इस कानून की फिर क्यों जरूरत पड़ी. 


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मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा केबीनेट ने राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल 2024 को मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही राजस्थान भी धर्मांतरण रोकने के लिए बिल लाने वाले उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तराखंड सहित भाजपा शासित राज्यों की सूची में शामिल हो गया है.


अब इस बिल को आगामी सत्र में विधानसभा में पेश किया जाएगा और धर्मांतरण विरोधी कानून बन जाएगा. धर्मांतरण के साथ ही लव जिहाद भी इस कानून के दायरे में आएगा. राजस्थान में लंबे समय से धर्मांतरण विरोधी और लव जिहाद की गतिविधियां सामनें आ रही थी. इससे प्रदेश में साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने के साथ ही सामाजिक विद्वेष उत्पन्न हो रहा था. संघ के अनुषांगिक संगठन भी धर्मांतरण और लव जिहाद रोकने के लिए बरसों से काम कर रहे हैं और लोग धर्म विरोधी कानून की मांग कर रहे हैं. 


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इधर सवाल उठ रहा है कि विकास के बजाय इस धर्मांतरण बिल की जरूरत क्यों पड़ी. क्या जनता को धर्म की अफीम खिलाई जा रही है. इसी प्रकार के सवाल जनता के मन में भी उठ रहे हैं.


16 साल बाद फिर लाया गया बिल 
राजस्थान दूसरा मौका है जब धर्मांतरण विरोधी बिल लगा गया है। इससे पहले, वसुंधरा राजे सरकार ने भी साल 2008 में धर्म स्वातंत्र्य बिल पारित किया था. हालांकि, उस बिल को राष्ट्रपति की मंज़ूरी नहीं मिल पाई. उस बिल में भी किसी व्यक्ति को दूसरा धर्म अपनाने से पहले जिला कलेक्टर से मंज़ूरी लेने की बात कही गई थी. राज्यपाल से मंजूरी के बाद यह केंद्र को भेजा गया थाऔर फिर बिल राष्ट्रपति को भेजा गया था. इधर अब सरकार नए नाम से बिल ला रही है. 


नए बिल में बताए जा रहे प्रावधान
नए बिल राजस्थान प्रोविजन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल 2024 में कई प्रावधान किए गए हैं. आगामी विधान सभा सत्र में यह बिल लाएगी सरकार. 
नाबालिग का धर्म परिवर्तन कराने का मामला आया तो तीन से दस साल की सजा.
बार–बार धर्म परिवर्तन का मामला आया तो तीन से दस साल की सजा. 
सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में दोषी को 3 से 10 साल की सजा. 
अगर कोई स्वेच्छा से धर्म बदलना चाहता है तो उसके भी प्रावधान होंगे. इसके लिए 60 दिन पहले जिला कलेक्टर को सूचना देनी होगी.
इस विधेयक में लव जेहाद को रोकने के भी प्रावधान


बिल को लेकर इन नेताओं का कहा है ये 
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. ताकत के बल पर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है. किसी भी प्रकार का प्रेम झूठ का सहारा लेकर के धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है, यह ठीक नहीं है यह अन्याय पूर्ण है. सरकार कानून ला रही है, समझ के आधार पर प्रभावित होकर धर्मपरिवर्तन ठीक नहीं है. परंपरागत तरीके से वह मौलिक अधिकार है लेकिन किसी और कारण से धर्म परिवर्तन कराया जाता तो ठीक नहीं है उसे रोकने के लिए बिल लाया गया है. 


त्रिवेणीधाम पीठाधीश्वर रामरतन महाराज ने कहा कि 'स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः' का मतलब है कि अपने धर्म में मरना श्रेष्ठ करें दूसरे के धर्म में जीना मरने के बराबर है. धर्मांतरण 40 वर्षों ज्यादा समय से चल रहा है. यह सनातन पर कुठाराघात है. पहले अंग्रेज आते हैं, कभी इसाई आते हैं, धर्म को तोड़ कर ले जाते हैं कभी मुगल आए यूनानी आए और धर्मांतरण किया. हालांकि सनातन धर्म अडिग है. 


राजस्थान सरकार ने कैबिनेट में बिल पास किया है साधुवाद और धन्यवाद. इससे सनातन धर्म की रक्षा होगी. सभी को अपने-अपने धर्म में रहकर काम करना चाहिए. जैसे खेत में जिस प्रकार से क्यारियां बनाकर पूरे खेत में पानी दे सकते हैं, लेकिन क्यारियां टूट जाएगी तो खेत झिलमिल हो जाएगा, कुछ भी नहीं बचेगा. सब कुछ खत्म कर देगा. 


बीजेपी नेता सुरेश मिश्रा ने कहा कि जबरन धारा धर्म परिवर्तन की बातें कई सालों से लगातार चली आ रही है. लोग लालच देकर, धर्म में कमी दिखाकर धर्म परिवर्तन करते थे. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अच्छी पहल की है, धन्यवाद देना चाहता हूं. पिछले कई वर्षों से उठ रही थी बिल लाने का काम किया है. राजस्थान के बांसवाड़ा डूंगरपुर कई जिले हैं, आदिवासी धर्म परिवर्तन कर रहे हैं, बिल आने के बाद से धर्मांतरण रुकेगा. 


कांग्रेस का विरोध ये
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा धर्म की अफीम बांट रही है. प्रदेश में विकास की जरूरत है, लेकिन लोगों को धर्म का नशा बांटकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है. प्रदेश में शिक्षा चिकित्सा सहित अन्य जरूरी सुविधाओं की जरूरत है. धर्म परिवर्तन होता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का प्रावधान पहले ही है, नए कानून की कोई जरूरत नहीं है.