Shortage of buses in Rajasthan Roadways: राजस्थान रोडवेज में बसों की कमी का संकट है, आर्थिक संकट है और अब इन्हीं संकटों के बीच निजी अनुबंधकर्ता भी बसें देने से इनकार करने लगे हैं. रोडवेज प्रशासन ने इस वर्ष जिन निजी अनुबंधकर्ताओं से बसों को लेकर अनुबंध किए थे, उनमें से कई बस संचालक बसें देने से इनकार कर चुके हैं.


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राजस्थान रोडवेज करीब 6300 करोड़ के घाटे में है, ऐसे में बसों और कर्मचारियों की कमी से जूझ रही है. अब रोडवेज को निजी बस संचालकों द्वारा अनुबंध पर भी बसें नहीं दी जा रही हैं.



दरअसल रोडवेज प्रशासन ने इस साल 2 अलग-अलग टेंडर में 476 बसें अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट)पर लेने के लिए कवायद की थी. इनमें से 76 बसें लग्जरी श्रेणी की थी, जबकि 400 बसें एक्सप्रेस श्रेणी की थी. बड़ी बात यह है कि लग्जरी श्रेणी की बसों के अनुबंध को 4 माह बीत चुके हैं. जबकि नियमानुसार निजी बस संचालकों को अनुबंध की शर्तों के हिसाब से 4 माह में बस देना जरूरी था लेकिन एक भी लग्जरी बस अभी तक रोडवेज प्रशासन को नहीं मिल सकी है. 


बस संचालकों के रोडवेज को अनुबंध पर बसें नहीं देने के पीछे बड़ी वजह रोडवेज का आर्थिक संकट है. दरअसल बस संचालकों का कहना है कि जब वे बैंक से बसें बनवाने के लिए लोन लेते हैं तो रोडवेज में अनुबंध पर बसें लगाने की बात सामने आती है. ऐसे में ज्यादातर बैंक इस बात पर लोन स्वीकृत करने में आनाकानी करते हैं. इसी वजह से रोडवेज को ये बसें नहीं मिल पा रही हैं.


कब दिए LOI, बसें नहीं मिली ?


- रोडवेज प्रशासन ने जनवरी माह में 76 एसी लग्जरी बसों का LOI दिया


- अलग-अलग अनुबंधकर्ताओं से अलग-अलग डिपो में बसें मांगी गई


- 8 से 18 जनवरी तक सभी कंपनियों को लैटर ऑफ इंटेंट जारी किए गए


- रोडवेज को ये सभी बसें 18 मई तक मिल जानी चाहिए थी


- लेकिन अभी तक एक भी कम्पनी ने बस सप्लाई नहीं की


- निजी बस संचालक अब तक 10 बसें देने से इनकार कर चुके


- अलवर और लोहागढ़ डिपो के लिए 4-4, कोटा के लिए 2 बसें देने से इनकार


- एक बड़ी कम्पनी 34 बसें देने में कर रही आनाकानी


- इस तरह 76 में से आधी बसें मिल पाने पर भी असमंजस


राजस्थान रोडवेज को लग्जरी बसें मिलने में ही परेशानी नहीं हो रही है, बल्कि एक्सप्रेस बसें मिलने में भी दिक्कत सामने आ रही है. रोडवेज प्रशासन ने जनवरी और फरवरी माह में करीब 400 एक्सप्रेस बसें अनुबंध पर लेने के लिए एलओआई जारी किए थे. लेकिन इनमें से अभी तक मात्र 125 बसें ही रोडवेज प्रशासन को मिल सकी हैं. 100 बसों के लिए अनुबंध करने वाले संचालक तो बसें देने से इनकार कर चुके हैं, ऐसे में रोडवेज प्रशासन ने इनकी अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट राशि भी जब्त कर ली है.


एक्सप्रेस बसों में क्या हुआ ?


- रोडवेज प्रशासन ने 400 एक्सप्रेस बसों के लिए अनुबंध किया


- अलग बस संचालकों को बसें देने के लिए LOI जारी किए गए


- 6 जनवरी से फरवरी अंत तक बसें देने के लिए LOI जारी किए गए


- इनमें से अब तक रोडवेज को करीब 125 बसें मिल चुकी हैं


- हालांकि बस संचालक करीब 100 बसें देने से इनकार कर चुके


- यानी अब 175 और बसें रोडवेज को अनुबंध पर मिल सकेंगी


- कुलमिलाकर 400 में से करीब 300 बसें ही मिल सकेंगी