राजस्थान के बांसवाड़ा और राजसमंद में मैगनीज के विशाल भण्डार मिले हैं.
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Jaipur : राजस्थान (Rajasthan News) के बांसवाड़ा और राजसमंद में मैगनीज के विशाल भंडार मिले हैं. वहीं, नागौर, गंगानगर बेसिन के बीकानेर हनुमानगढ़ जिले के सतीपुरा, जैतपुरा, भारुसरी और लखासर में 2400 मिलियन टन पोटाश के भंडार संभावित है. जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया और माइंस और जियोलॉजी विभागीय के खनिज खोज कार्य की आरंभिक रिपोर्ट मैं इसकी जानकारी सामने आई है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस व पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल (Dr. Subodh Agrawal) ने बताया है कि पोटाश क्षेत्र में एमईसीएल से त्रिपक्षीय एमओयू कर व्यावहार्यता अध्ययन कराया जा रहा है. वहीं, इस बेल्ट में पोटाश खोज कार्य जारी है. एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को सचिवालय में मैगनीज और पोटाश खोज कार्य प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने बताया कि जीएसआई द्वारा नागौर-गंगानगर बेसिन में पोटश के किए गए एक्सप्लोरेशन के परिणाम के आधार पर केन्द्र सरकार (Central Government) को पोटाश की रॉयल्टी और बिक्री दर तय करने के लिए लिखा गया है.
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उन्होंने बताया कि देश में पोटाश के भण्डार (potash stores) राजस्थान में ही मिले हैं और नागौर गंगानगर बेसिन में नए क्षेत्रों में पोटाश का खोज कार्य जारी रखने और व्यावहार्यता अध्ययन का कार्य साथ साथ किया जा रहा है. उन्होेंने बताया कि जीएसआई द्वारा एक्सप्लोर किए गए क्षेत्र में ब्लॉक्स बनाने और खनन हेतु नीलामी की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है. एक अनुमान के अनुसार पोटाश माना जा रहा है कि देश की पोटाश की आवश्यकता की पूर्ति इस बेसिन हो सकेगी और पोटाश की आयात की निर्भरता नहीं रहेगी. उन्होंने बताया कि इस बेल्ट में आधुनिकतम माइनिंग तकनीक सोल्यूशन माइनिंग तकनीक से पोटाश का खनन किया जाएगा.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बांसवाड़ा जिले (Banswara News) में घाटोल क्षेत्र में कालाखूंटा, तामेसरा और रुपाखेडी सहित करीब 24 वर्ग किलामीटर बेल्ट में मैगनीज के विशाल भण्डार खोजे गए हैं. उन्होंने बताया कि इससे जुड़ी कालाखूंटा में तो मैगनीज की खान में खनन कार्य हो रहा है. उन्होंने बताया कि इसमें 2 लाख 12 हजार टन मैगनीज के भण्डार संभावित है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में जीएसआई और राज्य सरकार के माइंस व जियोलिजी विभाग द्वारा खोज कार्य जारी है. इसके अलावा राजसमंद में भी मैगनीज के भण्डार उपलब्ध है.
एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बीकानेर (Bikaner News) के छोटी और बड़ी नाल में करीब 500 हैक्टेयर एरिया मेें बॉल क्ले और सिलिकोन उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में ब्लॉक बनाकर कर ऑक्शन में आ रही बाधाओं को दूर किया जाएगा.
निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि अगले सप्ताह जीएसआई के अधिकारियों के साथ उदयपुर में बैठक कर खनन खोज कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी.
समीक्षा बैठक में अतिरिक्त निदेशक जियोलॉजी प्रदीप अग्रवाल ने पोटाश पर प्रस्तुतिकरण देकर विस्तार से जानकारी दी. अतिरिक्त निदेशक जियोलॉजी एसएन डोडिया और सीनियर जियोलॉजिस्ट मनीष शर्मा ने मैगनीज खोज व खनन कार्य और बीकानेर से गिरिराज सिंह निर्वाण और राजीव चौधरी ने बॉलक्ले और सिलिकोन खोज कार्य व ब्लॉक्स का प्रजेंटेशन दिया.
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