इस वजह से रोकी गई 3 लाख की पेंशनधारियों की पेंशन, नोटिस जारी

Jaipur News: सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 3 लाख पेंशनधारियों की पेंशन रोक दी गई है, जिस परिवार का बिजली का बिल सालाना 24 हजार या इससे ज्यादा का आया, उसकी पेंशन को अस्थाई रूप से रोक दिया गया है.  

इस वजह से रोकी गई 3 लाख की पेंशनधारियों की पेंशन, नोटिस जारी

Jaipur News: राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा योजना में 3 लाख पेंशनधारियों की पेंशन रोक दी गई है. इसकी वजह बिजली का बिल. जिन परिवारों के बिजली का बिल सालाना 24 हजार या इससे ज्यादा आ रहा है, उन पेंशनधारियों की पेंशन को रोक दिया गया है क्योंकि इस योजना के वही लोग हकदार है, जिनके परिवार की सालाना आय 48 हजार रुपये है.

ऐसे में संदेहस्पद मानते हुए सामाजिक न्याय निदेशक आशीष मोदी ने आदेश जारी करते हुए 3 लाख 2000 पेंशनधारियों की पेंशन अस्थाई रूप से रोक दी गई है. उन्होंने सभी जिला कलक्टर्स को निर्देश देते हुए कहा कि पेंशन स्वीकृकर्ता अधिकारी पेंशनर्स को नोटिस देकर आय की गहनता से जांच करें.

यदि पेंशनधार या उसके परिवार की आय 48,000 या इससे ज्यादा होगी तो उनकी पेंशन को निरस्त किया जाएगा. सामाजिक न्याय विभाग ने सितंबर 2023 से 2024 तक के बिलों की गणना की थी, जिसके आधार पर पेंशन रोकी गई. मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा था कि हम गिवअप अभियान चलाकर अपात्रों की बाहर कर रहे है.

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ज़ी मीडिया ने 19 मार्च को ही ये खबर प्रसारित की थी, जिसमें आयोजना विभाग के प्रस्ताव का सामाजिक न्याय अधिकारिता ने परीक्षण करवाया, जिसमें आर्थिक रूप से सक्षम पाए जाने के बाद पेंशन बंद कर गई है. ऐसे लाभार्थी सबसे ज्यादा जोधपुर, अलवर और बूंदी जिले में है. मंत्री अविनाश गहलोत के गृह जिले पाली में करीब 6 हजार लाभार्थी है.

इन जिलों में सबसे अपात्र लाभार्थी

जिला लाभार्थी            
अलवर 8400             
 भरतपुर3600             
दौसा 6200                 
झालावाड़ 1100             
कोटपूतली 6200       
टोंक3650                   
जोधपुर15500             
बाड़मेर 1700             
बांरा     1800
 बूंदी             8,000
डीग             1800
कोटा             2250
सवाई माधोपुर 2700
ब्यावर 2400
पाली  6000
जालौर             1400

कैसे पता लगा 3 लाख लाभार्थियों का आंकड़ा?
पिछली सरकार में महंगाई राहत कैंप के जरिए सभी योजनाओं के लाभार्थियों को जनाधार नंबर से जोड़ा था. आयोजना विभाग ने ऐसे बिजली उपभोक्ताओं का डेटा निकाला जिनका बिल 24,000 तक सालाना आ रहा है, जिसमें सामने आया कि 3 लाख लाभार्थी ऐसे है जिनका बिल 24 हजार आ रहा है.

इस फैसले के लागू होने के बाद सरकार को 3 लाख उपभोक्ताओं के हिसाब से प्रतिमाह करीब 37 करोड़ और सालाना 450 करोड़ राजस्व की बचत होगी. हर साल पेंशन 15 प्रतिशत बढ़ेगी इसलिए बचत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ता चला जाएगा. विभाग ऐसे सक्षम पेंशनधारियों से वसूली भी कर सकती है.

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