Tokyo Paralympics में Rajasthan के खिलाड़ियों का दिखा दमखम, प्रदेशभर में जश्न का माहौल
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Tokyo Paralympics में Rajasthan के खिलाड़ियों का दिखा दमखम, प्रदेशभर में जश्न का माहौल

एक ही दिन में तीन मेडल जीतने के बाद पूरे राजस्थान में जश्न का माहौल देखने को मिला. 

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: पैरा ओलम्पिक (Para olympics) में राजस्थान के खिलाड़ियों ने ना सिर्फ देश का मान बढ़ाया है. साथ हीं, राजस्थान का नाम भी रोशन किया है. जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन अवसर पर राजस्थान के तीन खिलाड़ी शूटिंग में अवनि लेखरा (Avani Lekhra) ने गोल्ड पर निशाना साधा तो वहीं जेवेलियन थ्रो में देवेन्द्र झांझड़िया (Devendra Jhanjharia) ने सिल्वर और सुंदर गुर्जर (Sunder Gujjar) ने कांस्य पदक देश की झोली में डाला. एक ही दिन में तीन मेडल जीतने के बाद पूरे राजस्थान में जश्न का माहौल देखने को मिला. 

चीनी खिलाड़ी को पछाड़ते हुए गोल्ड पर साधा निशाना 
जयपुर (Jaipur news) की रहने वाली अवनि लेखरा ने महज 19 साल की उम्र में पैरा ओलम्पिक की शूटिंग प्रतियोगिता में पहला गोल्ड दिलाया. अवनि ने क्वालिफाइ 621.7 का स्कोर कर 7 वें स्थान पर रहते हुए फाइनल में जगह बनाई तो वहीं फाइनल में शुरुआत से ही अवनि का शानदार खेल देखने को मिला. फाइनल मुकाबले में अवनी ने चीनी खिलाड़ी को पछाड़ते हुए 249.6 का स्कोर बनाते हुए गोल्ड पर निशाना साधा. \

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महज 12 साल की उम्र में एक कार दुर्घटना में कमर के नीचे का हिस्सा पैरालाइज होने की वजह से दौड़ने वाली अवनि सीधी व्हीलचेयर पर आ गई लेकिन अवनि यहीं रुकने वाली नहीं थी. अवनी ने शूटिंग को अपना लक्ष्य बनाया और महज कुछ ही समय में अवनी ने विश्व में गोल्डन गर्ल (Golden Girl) का तमगा हासिल किया. 

अवनि ने अपना वादा निभाया
कोरोना (Corona) की वजह से अवनि पिछले डेढ़ सालों से घर पर ही टारगेट सेट करके तैयारी कर रही थी. अवनि के परिजनों का कहना है कि अवनि बचपन से ही पढ़ाई में काफी आगे थी लेकिन एक कार दुर्घटना ने उसका जीवन बदल दिया. ओलम्पिक में जाने से पहले उसने वादा किया था कि वह गोल्ड जीतकर आएगी और अवनि ने अपना वादा निभाया. 

ओलम्पिक में तीसरा मेडल जीता है
वहीं, राजस्थान के सीकर के रहने वाले देवेन्द्र झांझड़िया (Devendra Jhanjharia) ने एथेंस ओलम्पिक और रियो ओलम्पिक में जेवेलियन थ्रो में गोल्ड मेडल जीता था. साथ हीं, देवेन्द्र से ओलम्पिक में तीसरे गोल्ड की उम्मीद की जा रही थी लेकिन इस पैरा ओलम्पिक में देवेन्द्र सिल्वर मेडल जीत पाए. सिल्वर जीतने के बाद देवेन्द्र के घर पर जश्न का माहौल शुरू हुआ जो रुकने का नाम ही नहीं ले रहा था. देवेन्द्र की पत्नी मंजू ने बताया कि लगातार 20 सालों से देश का नाम रोशन करने वाले देवेन्द्र ने ओलम्पिक में तीसरा मेडल जीता है.

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ओलम्पिक का मेडल जीतना ही बड़ी बात होती है
देवेन्द्र के भाई, मां, बेटी सहित सभी रिश्तेदार देवेन्द्र की जीत के बाद एक जगह ही एकत्रित होकर जश्न मना रहे थे. देवेन्द्र के परिजनों ने बताया कि पहले दो ओलम्पिक में गोल्ड जीतने के बाद देवेन्द्र से इस बार भी गोल्ड की उम्मीद थी और उसके थ्रो भी बहुत अच्छे जा रहे थे लेकिन संतोष सिल्वर से करना पड़ा. ओलम्पिक का मेडल जीतना ही बड़ी बात होती है और पिछले 20 सालों से देवेन्द्र लगातार देश का नाम रोशन कर रहे हैं. 

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