राज्य सरकार (State Government) कोरोना संकट के बीच कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा देने जा रही है.
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Jaipur: कांग्रेस (Congress) की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के आह्वान पर पीसीसी से ब्लॉक स्तर तक कोविड-19 मरीजों (Covid 19 Patients) की मदद के लिए सहायता केंद्र खोले जाने के निर्देश जारी किए गए हैं. ऐसे में कांग्रेस संगठन और सत्ता के समक्ष पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को चार्ज करना बेहद जरूरी हो गया है.
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यही वजह है कि पिछले ढाई साल से राजनीतिक नियुक्तियों (Political appointments) का इंतजार कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का इंतजार अब कोरोना संकटकाल के बीच खत्म होने जा रहा है. राज्य सरकार (State Government) कोरोना संकट के बीच कार्यकर्ताओं और नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा देने जा रही है.
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प्रदेश में राजनीतिक नीतियों का दौर शुरू हो चुका है. बीते एक सप्ताह में सरकार में वित्त आयोग और राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (Rajasthan State Industrial Development & Investment Corporation Ltd) में राजनीतिक नियुक्तियां की हैं. माना जा रहा है कि खाली पड़े आधा दर्जन से ज्यादा संवैधानिक आयोगों और जिला स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा इसी महीने के अंत तक मिल सकता है.
क्या कहना है जानकारों का
जानकारों की मानें तो खाली पड़े आधा दर्जन संवैधानिक आयोगों में इसी माह राजनीतिक कर दी जाएंगी. खाली पड़े संवैधानिक आयोगों में राजनीतिक नियुक्तियों का होमवर्क पूरा हो चुका है. नामों को लेकर भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot), प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) के बीच मंथन हो चुका है.
इन संवैधानिक आयोगों में होनी हैं नियुक्तियां
दरअसल, खाली पडे जिन संवैधानिक आयोगों में नियुक्तियां होनी हैं, उन्हें महिला आयोग, अल्पसंख्यक आयोग, ओबीसी आयोग, एससी-एसटी आयोग और निशक्तजन आयोग प्रमुख हैं. वहीं दूसरी ओर प्रदेश के 20 जिलों में जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय 15 नियुक्तियां भी इसी महीने होने की बात कही जा रही है. 20 जिलों में जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों की सूचियां तैयार कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन के पास पहुंच चुकी है, जिन पर फाइनल मंथन चल रहा है.
फरवरी माह में शुरू हुई थी नियुक्तियों की कवायद
प्रदेश के 20 जिलों में जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियों की कवायद फरवरी माह में शुरू हुई थी. इसे लेकर प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने जिला प्रभारियों को एक परफॉर्मा भी दिया था, जिसमें जिला और उपखंड स्तर जिला स्तरीय 85 समितियों में से 15 समितियों के लिए नाम मांगे गए थे. उपखंड स्तर पर 5 और जिला स्तर पर 10 समितियों से नाम मांग गए थे. इन समितियों में उपखंड स्तरीय सतर्कता समिति, उपखंड स्तरीय वन अधिकारी समिति, उपखंड स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति, पेय जल प्रदूषण की रोकथाम हेतु समिति, उपखंड स्तरीय जल वितरण समिति है.
इसी प्रकार जिला स्तरीय समितियों में जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, जिला स्तरीय समन्वय समिति, जिला स्तरीय समीक्षा एवं संचालन समिति, जिला लोक शिक्षा समिति, प्रधानमंत्री 15 सूत्री कार्यक्रम, जिला स्तरीय अल्पसंख्यक मामलात कमेटी, जिला स्तरीय जल वितरण समिति, संभाग स्तरीय जल वितरण समिति, जिला महिला सहायता समिति, जिला क्रीड़ा परिषद समिति और 20 सूत्री कार्यक्रम आयोजन क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति शामिल हैं.
नेताओं और कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के मकसद है नियुक्तियों का तोहफा
प्रदेश के 12 जिले ऐसे हैं, जहां पर आगामी पंचायत और जिला परिषद चुनाव के बाद ही जिला स्तरीय और उपखंड स्तरीय राजनीतिक नियुक्तियां होंगी. इन 12 जिलों में अलवर, दौसा, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, जोधपुर, करौली, कोटा, सवाई माधोपुर, सिरोही और श्रीगंगानगर हैं. तो कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कोरोना के संकट काल में जब सोनिया गांधी के निर्देशों पर प्रदेश में पीसीसी से लेकर जिला और ब्लॉक स्तर तक को कोविड मरीजों की मदद के लिए सहायता केंद्र खोले जाने हैं ऐसे में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चार्ज करने के मकसद से प्रदेश में नियुक्तियों का तोहफा मिलने वाला है