Rajasthan politics: राजस्थान में तीसरी बार भी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत के लिए लक्ष्य-25 तय किया था, लेकिन 11 सीटों पर पार्टी को हार मिली. इस बार लोकसभा के चुनाव में जाट बेल्ट शेखावाटी की तीनों सीटों पर भाजपा का मैजिक नहीं चल पाया.
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Rajasthan politics: प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों पर भाजपा की हार के कारणों को लेकर रविवार को दो दिवसीय मंथन पूरा हो गया. लोकसभा चुनाव में भाजपा की 11 सीटों की हार को लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा (Jhabar Singh Kharra)का बयान सामने आया हैं.
उन्होंने कहा कि हार के कई कारण हैं. विपक्ष द्वारा जो भ्रम फैलाया गया है उसको हम दूर नहीं कर पाए इसलिए लोकसभा चुनाव में ऐसे परिणाम आए. इन सब पर गहन मंथन की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि जब व्यक्ति को सामान्य सर्दी जुकाम होता है तो समय रहते उसका इलाज नहीं हो तो बुखार बनता है. बुखार से निमोनिया बनता है और निमोनिया से टाइफाइड बनता है और उसके बाद एक के बाद एक बीमारी बढ़ती जाती है इसलिए हमारे एक नहीं बहुत से कारण है जिसको हमें समय रहते दूर करना है.राजस्थान में हमें जनता ने जो भी जनादेश दिया वह स्वीकार्य है और चुनाव में जो भी कमी रही है, उस पर आगे सुधार करेंगे.
गौरतलब हैं की राजस्थान में तीसरी बार भी भाजपा ने लोकसभा चुनाव में जीत के लिए लक्ष्य-25 तय किया था, लेकिन 11 सीटों पर पार्टी को हार मिली. इस बार लोकसभा के चुनाव में जाट बेल्ट शेखावाटी की तीनों सीटों पर भाजपा का मैजिक नहीं चल पाया. शेखावाटी में दो सीटों पर कांग्रेस और एक पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है.
सीकर सीट से माकपा के दिग्गज नेता व इंडिया गठबंधन के अमराराम ने तीसरी बार मैदान में उतरे भाजपा के सांसद सुमेधानंद सरस्वती के विजयी रथ को रोक दिया. अमराराम ने यहां से अच्छी शिकस्त देकर जीत की तिकड़ी बनाने के सपने को तोड़ दिया. झुंझनूं लोकसभा सीट से कांग्रेस के बृजेंद्र ओला ने जीत दर्ज कर ओला परिवार की विरासत को बचाया है.
इसी तरह चूरू लोकसभा सीट से चुनाव से ऐन पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थामने और से चुनाव लडऩे वाले निवर्तमान सांसद राहुल कस्वां ने प्रतिष्ठापूर्ण मुकाबले में ओलम्पियन से नेता बने देवेंद्र झाझड़िया को पटखनी देकर तीसरी बार सांसद बनने में कामयाबी हासिल की है.