BJP से 6 साल के लिए निष्कासित हुए रोहिताश्, कहा-कांग्रेस मेरा पीहर, भाजपा मेरा ससुराल
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BJP से 6 साल के लिए निष्कासित हुए रोहिताश्, कहा-कांग्रेस मेरा पीहर, भाजपा मेरा ससुराल

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने तो यहां तक कहा था कि रोहिताश पर कार्रवाई करके एक मैसेज देना चाहिए जिससे बयानबाजी करने वाले दूसरे नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच भी इसका संदेश जाए.

BJP से 6 साल के लिए निष्कासित हुए रोहिताश. (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Jaipur: भारतीय जनता पार्टी में आखिरकार अनुशासन का डंडा चल ही गया. सतीश पूनिया के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद पहली अनुशासनात्मक कार्रवाई पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता रोहिताश् कुमार पर हुई. पार्टी ने संगठन के खिलाफ गैरजरूरी बयानबाजी के मामले का दोषी मानते हुए रोहिताश् कुमार को 6 साल के लिए बीजेपी से निष्कासित कर दिया. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के दस्तखत से रोहिताश् के निष्कासन आदेश जारी हुआ.

इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता रामलाल शर्मा, पैनलिस्ट लक्ष्मीकांत भारद्वाज, अलवर बीजेपी के नेता संजय नरूका और प्रदेश मंत्री महेंद्र जाटव समेत कई नेताओं ने रोहिताश् के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी. रोहिताश् पर कार्रवाई की मांग उठाने वाले पार्टी नेताओं का कहना था कि रोहिताश् की तरफ से दिए जा रहे बयान गैर जरूरी हैं और पार्टी प्लेटफार्म से बाहर दिए जा रहे बयानों के चलते संगठन को नुकसान भी हो रहा है.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने तो यहां तक कहा था कि रोहिताश पर कार्रवाई करके एक मैसेज देना चाहिए जिससे बयानबाजी करने वाले दूसरे नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच भी इसका संदेश जाए.

अनुशासन समिति रोहिताश् के जवाब से संतुष्ट नहीं
दरअसल, बीजेपी में चल रही गुटबाजी और बड़बोले नेताओं के बयानों के बाद कार्रवाई के संकेत पहले ही मिलने लगे थे. इसकी शुरुआत रोहिताश् को दिए गए नोटिस से हुई थी. प्रदेश महामंत्री भजनलाल शर्मा के दस्तखत से जारी नोटिस में रोहिताश् शर्मा पर पार्टी विरोधी गतिविधियां और बयान के आरोप लगाते हुए उनसे सफाई देने को कहा गया था. रोहिताश् ने इस पूरे मामले में अपना जवाब ई-मेल के जरिए पार्टी नेतृत्व को को भेज भी दिया था. जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष ने पूरा मामला अनुशासन समिति को सौंप दिया. अनुशासन समिति ने रोहिताश् के जवाब का अध्ययन किया. जिसमें उन्हें पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और पार्टी विरोधी गतिविधियों का दोषी माना गया. 
इसके साथ ही अनुशासन समिति ने रोहिताश् को दोषी मानते हुए उन पर कार्रवाई की सिफारिश के साथ अपनी रिपोर्ट बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को सौंप दी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही पूनिया ने रोहिताश् को 6 साल के लिए बीजेपी से निष्कासित करने का आदेश जारी कर दिया. वहीं, पार्टी के प्रदेश नेतृत्व, केंद्रीय नेतृत्व व केंद्रीय मंत्रियों के खिलाफ बयानबाजी करने वाले पूर्व मंत्री रोहिताश् शर्मा के मामले पर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने प्रदेश नेतृत्व से रिपोर्ट लेकर केंद्रीय नेतृत्व को अवगत कराया. जिसके बाद उन्हें अनुशासन समिति की रिपोर्ट में दोषी पाए जाने पर पार्टी से निकाला गया.

दरअसल, रोहिताश के खिलाफ कार्रवाई के कई आधार बीजेपी के संगठन के पास तैयार हो गए थे. सबसे पहले उन्होंने प्रदेश नेतृत्व के साथ ही केंद्रीय नेताओं पर भी निशाना साधा था. उनका कहना था कि कोरोना के दौर में कोई भी केंद्र स्तर का नेता अलवर दौरे पर नहीं आया जिससे कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई होती.
 
इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के खिलाफ भी रोहिताश् ने मोर्चा खोल रखा था. पूनिया के खिलाफ की गई बयानबाजी को प्रदेश संगठन ने प्रभारी अरुण सिंह के जरिए केंद्र तक पहुंचाया. उनके बयानों पर केंद्रीय मंत्रियों ने भी ऐतराज जताया था. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का भी कहना था कि चाहे कोई बड़ा नेता हो या छोटा, पार्टी की लाइन के खिलाफ कोई नहीं जा सकता. बीजेपी के संगठन में नेता प्रतिपक्ष के इस बयान को रोहिताश् के खिलाफ कार्रवाई की पैरवी के रूप में देखा गया.

उधर बीजेपी से 6 साल के लिए निष्कासित किए जाने के बाद रोहिताश् कुमार ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा संगठन की रीति-नीति के अनुसार काम किया है. रोहिताश् ने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने उनके खिलाफ दुर्भावनावश निष्कासन की कार्रवाई की. पूर्व मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर वे इस मामले में न्याय की गुहार लगाएंगे. 

उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व ने खुद को बचाने के लिए उनके खिलाफ यह कार्रवाई की. रोहिताश् ने कहा कि उन्हें इस कार्रवाई के मामले में बीजेपी के संगठन से कोई शिकायत नहीं है और वे बीजेपी के लिए काम करते रहेंगे. रोहिताश् ने कांग्रेस में जाने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस उनका पीहर है और बीजेपी ससुराल, लेकिन वे कांग्रेस में अभी वापस कतई नहीं जाने वाले.

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