सरकार जिन गर्भवती महिलाओं के पोषाहार पर करोड़ों रुपए खर्च करती है उन्हीं के लिए अफसरों ने झुंझुनूं के बिसाऊ में इतने घटिया चने बांट दिए कि जिन्हें जानवर भी नहीं खा सकते.
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Jhunjhunu : सरकार जिन गर्भवती महिलाओं के पोषाहार पर करोड़ों रुपए खर्च करती है उन्हीं के लिए अफसरों ने झुंझुनूं के बिसाऊ में इतने घटिया चने बांट दिए कि जिन्हें जानवर भी नहीं खा सकते. कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों (Anganwadi Centers) पर यह चने महिलाओं को बांटे गए. जब उन्होंने घर ले जाकर चनों को देखा तो वे सड़े और घुन लगे हुए मिले. शिकायत होने पर महिला एवं बाल विकास विभाग (Women and Child Development Department) ने आनन-फानन में इसका वितरण रुकवा दिया, लेकिन अब कोई भी अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है.
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जानकारी के अनुसार महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से खटीकों के मोहल्ले में स्थित स्कूल भवन में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र में सरकार के निर्देशानुसार बच्चों व गर्भवती महिलाओं को चना का वितरण किया गया. लेकिन चने में कीड़े व घुन होने पर सामाजिक कार्यकर्ता सतवीर चौहान ने विरोध जताया.
चौहान ने कहा कि गर्भवती महिला व बच्चे दोनों को विशेष पोषण की जरूरत होती है, यहां दिए जा रहे चने किसी भी तरह से खाने योग्य नही है. इस तरह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, जो एक जांच का विषय है. शिकायत पर विभाग के अधिकारी तो पहुंचे, लेकिन उन्होंने लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई की बजाय चने वापिस मंगवाकर उसे बदल दिए और इतिश्री कर ली. अब सवाल यही है कि विभाग लापरवाहों को क्यों बचा रहा है. बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि उच्चाधिकारी इस दिशा में कोई कदम उठाते है या नहीं.
सुलगते सवाल...
— चने वितरण करने से पहले चैक क्यों नहीं किए
— खराब और सड़े चने वितरण का जिम्मेदार कौन
— जिम्मेदार और लापरवाही करने वालों को क्यों बचाया जा रहा है
— क्या कहीं बड़े अफसर भी इस लापरवाही में शामिल तो नहीं
— क्या अच्छे चने इधर—उधर कर, खराब चनों का वितरण नहीं
रिपोर्ट : संदीप केडिया
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