Sikar News: खामी को दूर करने के लिए सीकर कलेक्टर ने सरकार को अवगत कराते हुए स्थानीय लोगों के टीकाकरण में प्राथमिकता की कवायद शुरू की है.
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Sikar: हर कोई कोरोना महामारी से बचने के लिए टीकाकरण के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है. टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन के लिए की गई ऑनलाइन व्यवस्था की खामी के चलते जिस स्थान व गांव के लिए टीकाकरण तय किया जा रहा है वहीं के लोग टीकाकरण से वंचित रह रहे हैं और दूसरे गांव और अन्य स्थान के लोग टीकाकरण करवाने में कामयाब हो रहे हैं.
इसे लेकर कई गांवों और स्थानों में झगड़े और विवाद तक की नोबत आ रही है. इसकी वजह रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था में खामी सामने आ रही है. खामी को दूर करने के लिए सीकर कलेक्टर ने सरकार को अवगत कराते हुए स्थानीय लोगों के टीकाकरण में प्राथमिकता की कवायद शुरू की है.
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दरअसल, सरकार की ओर से टीकाकरण के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था है. टीकाकरण के लिए स्थान निश्चित कर उस स्थान के बुकिंग के स्लॉट ऑनलाइन ओपन किया जाता है. लेकिन जैसे ही स्लॉट ओपन होता है वेक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन और तकनीकी क्षेत्र में पारंगत व्यक्ति रजिस्ट्रेशन करवाने में कामयाब हो जाता है.
रजिस्ट्रेशन में उस स्थान के लिए उसी गांव या ढाणी कस्बे व शहर के होने की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में कोई कॉलम या ऑप्शन नहीं होने के कारण कहीं का भी व्यक्ति कहीं भी रजिस्ट्रेशन करवा लेता है और रजिस्ट्रेशन के आधार पर मिले समय और स्थान पर जाकर टीकाकरण करवा लेता है.
बाहर के व्यक्ति के टीकाकरण होता देख स्थानीय लोग विरोध करने लगते हैं. टीकाकरण करने गए टीमों पर भेदभाव का आरोप जड़ने लगते हैं. कई स्थानों पर तो झगड़े की नौबत आ जाती है. वहीं, सीकर कलेक्टर स्वीकार करते हुए बताते हैं कि ऐसे में लोगों को समझाना पड़ता है.
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कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि दूसरे जिले से आकर भी लोग रजिस्ट्रेशन करवाकर टीकाकरण करवाने में कामयाब हो जाते हैं. उन्होंने बताया कि इस बारे में उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया है. सीकर में व्यवस्था की जा रही है कि जिस स्थान या गांव में टीकाकरण होने के लिए स्लॉट खोला जाता है. वहां युवाओं और ई-मित्र वालों को बोलकर रजिस्ट्रेशन के लिए तैयार किया जा रहा है.
नए एप या अन्य भी कोई व्यवस्था पर भी विचार किया जा रहा है, ताकि जहां टीकाकरण का स्थान तय है वहां के लोगों को वैक्सीन लग सके. ऑफलाइन टीकाकरण के लिय भी उच्च अधिकारियों से आग्रह किया गया है. वहीं, शहरों-कस्बो में तो यह रजिस्ट्रेशन कामयाब है. लेकिन गांव के लोगों के लिए यह कामयाब साबित नहीं हो रहा है. ऐसे में तकनीकी रूप से जानकारों का कहना है कि रजिस्ट्रेशन एप में उस स्थान के पिन कोड का ऑप्शन हो और आधार कार्ड, उसी रजिस्ट्रेशन को एप्रूव करें जहां टीकाकरण हो रहा है. रजिस्ट्रेशन करवाने वाले व्यक्ति भी उसी स्थान का निवासी हो.
(इनपुट-अशोक शेखावत)