SMS Hospital Fire Tragedy: राजस्थान के SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात हुई आग की भयावह घटना के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई की है.
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SMS Hospital Fire Tragedy: राजस्थान के SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात हुई आग की भयावह घटना के बाद राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई की है. हादसे में 6 मरीजों की मौत के बाद सरकार ने जवाबदेही तय करते हुए SMS अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी और ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ को पद से हटा दिया है.
वहीं एसएमएस में पदस्थापित अधिशाषी अभियंता मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही फायर सेफ्टी का कार्य देख रही एजेंसी एसके इलेक्ट्रिक कंपनी की निविदा निरस्त करते हुए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने अस्पताल की लापरवाही और सुरक्षा चूक पर यह सख्त रुख दिखाया है.
घटना के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं देर रात 3 बजे एसएमएस अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने मौके पर अधिकारियों से जानकारी ली और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही सोमवार सुबह यह बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की गई.
सरकार ने अब डॉ. मृणाल जोशी को एसएमएस अस्पताल का नया अधीक्षक और डॉ. बी.एल. यादव को ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज नियुक्त किया है. आज सुबह चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भी ट्रॉमा सेंटर पहुंचे और मौके की स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने कहा कि यह हादसा बेहद दुःखद है. सरकार मृतकों के परिजनों के साथ खड़ी है. दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.
मंत्री खींवसर ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की और कहा कि राज्य सरकार उन्हें उचित मुआवजा उपलब्ध करवाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि घटना की जांच के लिए चिकित्सा शिक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है. यह समिति सभी बिंदुओं पर गहन जांच कर शीघ्र रिपोर्ट सौंपेगी.
मंत्री ने बताया कि जून माह में ही चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सीआईएसएफ को एसएमएस अस्पताल सहित सभी संबद्ध अस्पतालों की सुरक्षा और फायर सेफ्टी व्यवस्था पर रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे. यह रिपोर्ट जल्द ही मिलने की उम्मीद है. इसके आधार पर पहले चरण में एसएमएस अस्पताल और अन्य संबद्ध अस्पतालों में सुरक्षा प्रबंध मजबूत किए जाएंगे, जिसके बाद राज्यभर के अस्पतालों में फायर सेफ्टी मानकों को सुदृढ़ किया जाएगा.
मंत्री ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि ट्रॉमा सेंटर के क्षतिग्रस्त न्यूरो आईसीयू की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू किया जाए और तब तक मरीजों के लिए वैकल्पिक उपचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि हादसे के कारण किसी भी गंभीर मरीज को उपचार से वंचित नहीं होना चाहिए.
खींवसर ने स्पष्ट कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट में जो भी अधिकारी, कर्मचारी या एजेंसी दोषी पाई जाएगी, उसके खिलाफ कानूनी और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार इस घटना को लापरवाही का परिणाम मानते हुए सिस्टम में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने जा रही है.
साथ ही SMS दुखांतिका में मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा भी राजस्थान सरकार ने की है. इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा सचिव अंबरीष कुमार, चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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