मौसमी बीमारियों का प्रदेश में मंडरा रहा खतरा, मरीजों की बढ़ती जा रही है संख्या
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मौसमी बीमारियों का प्रदेश में मंडरा रहा खतरा, मरीजों की बढ़ती जा रही है संख्या

सीकर कोरोना के बाद क्षेत्र में मौसमी बीमारियों (seasonal diseases) का खतरा मंडराने लगा है. 

प्रतीकात्मक तस्वीर

Sikar: सीकर कोरोना के बाद क्षेत्र में मौसमी बीमारियों (seasonal diseases) का खतरा मंडराने लगा है. सीकर के सबसे बड़े अस्पताल कल्याण चिकित्सालय का ओपीडी पहले की तुलना में दोगुना हो चुका है. इन मौसमी बीमारियों से सबसे ज्यादा ग्रसित 5 वर्ष से 16 वर्ष तक के बच्चे हो रहे हैं. सीकर के दो अस्पतालों में प्रतिदिन 30 से अधिक मरीज बच्चे मौसमी बीमारियों के भर्ती हो रहे हैं. हालांकि अभी तक दोनों ही अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के चलते किसी भी प्रकार की कोई कैजुअल्टी नहीं हुई है.

जानकारी देते हुए कल्याण राजकीय चिकित्सालय के मेडिसिन आउटडोर के डॉ  विकास ने बताया कि पूर्व में अस्पताल में आउटडोर 500-700 व्यक्ति प्रतिदिन रहता था.  पिछले करीब 15-20 दिनों में बढ़कर यह 1500- 2000 व्यक्ति प्रतिदिन हो चुका है. विकास ने बताया किवर्तमान में अस्पताल में आउटडोर में पेट दर्द, हाथ पैर दर्द, सर्दी जुकाम आदि के रोगी ज्यादा आ रहे हैं। डॉक्टर ने बताया कि यह सभी लक्षण वायरल बुखार के हैं. डॉक्टर विकास ने बताया कि वर्तमान में डेंगू बीमारी भी ज्यादा फैल रही है.

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डेंगू से बचाव के लिए ज्यादा मात्रा में पानी पीएं, अपने आसपास मच्छरों को नहीं पनपने दे, फुल बाजू के कपड़े पहने। और यदि किसी व्यक्ति को तेज बुखार है तो तुरंत मेडिकल आउटडोर में चिकित्सक से परामर्श लेकर दवाइयां ले. कल्याण चिकित्सालय के शिशु विभाग के डॉ अशोक कुमार ने बताया कि वर्तमान में कल्याण चिकित्सालय में ओपीडी 1500 - 2000 व्यक्ति प्रतिदिन है, जिसमें बच्चों का ओपीडी औसत 100 है.  जिनमें से मौसमी बीमारियों के करीब 8-10 मरीज बच्चे प्रतिदिन अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं.

डॉ अशोक ने बताया कि राजकीय अस्पताल में भी प्रतिदिन बच्चों की ओपीडी 100 से ज्यादा है. जिनमें 5 से 16 वर्ष तक के बच्चे ज्यादा है, जिनमें 20 से 30 बच्चे प्रतिदिन भर्ती हो रहे हैं. शादी दोनों अस्पतालों में अभी तक मौसमी बीमारियों से कोई कैजुअल्टी नहीं हुई है और ना ही किसी मरीज को रैफर किया गया है.

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मौसमी बीमारियों के बढ़ने के साथ ही अस्पताल के आउटडोर में दोगुना वृद्धि हुई है, जिसके चलते पिछले करीब 10 से 15 दिनों से ओपीडी के बाहर रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए मरीजों के परिजनों की लंबी कतार देखी जा सकती है. कतार में लगे अधिकतर परिजनों का कहना है कि उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए डेढ़ से दो घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.

Report-Ashok Singh

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