देश देख रहा Gold का सपना, यहां टपकती बूंदों के बीच प्रैक्टिस को मजबूर खिलाड़ी
Advertisement

देश देख रहा Gold का सपना, यहां टपकती बूंदों के बीच प्रैक्टिस को मजबूर खिलाड़ी

राजस्थान में शूटिंग को एक नया आयाम देने के लिए जगतपुरा में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज स्थापित की गई. 

करोड़ों की लागत से बनी रेंज के हालात है वो भी चौंकाने वाले हैं.

Jaipur : राजस्थान में शूटिंग को एक नया आयाम देने के लिए जगतपुरा में अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज स्थापित की गई. शूटिंग रेंज को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचा कर यहां से बड़े खिलाड़ी निकालना का सपना देखने वाली ये शूटिंग रेंज आज बदहाली का शिकार हो रही है. पिछले 2 साल से जहां शूटिंग रेंज इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट (EST) का इंतजार कर रही है. वहीं, बारिश के मौसम में टपकती बूंदों के बीच में खिलाड़ियों को अपनी प्रैक्टिस पर फोकस करना पड़ता है.

यह भी पढ़ें : Rajasthan: मंत्रिमंडल फेरबदल और विस्तार में लागू हो सकता है यह सिद्धांत, होंगे बड़े बदलाव

जयपुर के जगतपुरा स्थित शूटिंग रेंज (Jagatpura Shooting Range) से निकल कर तीन खिलाड़ी टोक्यो ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में हिस्सा लेने पहुंचे. अपूर्वी और दिव्यांश से प्रतिभा के अनुरूप खेल का प्रदर्शन देखने को नहीं मिला, लेकिन अवनी से अभी भी देश को पदक की उम्मीद कायम है. दूसरी ओर, जगतपुरा शूटिंग रेंज असुविधाओं का शिकार होते हुए दिखाई दे रही है. शूटिंग में देश का प्रतिनिधित्व कर नाम रोशन करने का सपना देख रहे उभरते खिलाड़ी भले ही यहां मजबूरी में अभ्यास कर रहे हो, लेकिन व्यवस्थाएं सुचारू नहीं होने से प्रतिभावान शूटर्स यहां से पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं.

प्रदेश के शूटर्स (Shooters) के लिए सबसे बड़ी रेंज कही जाने वाले ओएसिएस रेंज की बदहाली, वैसे तो इस रैंज पर शूटिंग की ट्रेप, राइफल और पिस्टल वर्ग की प्रतियोगिताओं की खिलाड़ी तैयारियां करते हैं, लेकिन यह रेंज मौजूदा दौर में यहां के शूटर्स के लिए आउट डेटेज होती जा रही है. एक तो बरसों से खिलाड़ियों को यहां इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट्स (Electronic Shooting Target) की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिसके लिए खिलाड़ियों को बाहरी राज्यों में रूख करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ जो इस करोड़ों की लागत से बनी रेंज के हालात है वो भी चौंकाने वाले हैं. शूटर्स को बारिश में यहां अभ्यास से डर लगता है जिसका कारण है टपकती छत. पूरे मानसून सीजन (Monsoon) में शूटिंग रेंज में जगह-जगह टपकता हुआ पानी शूटर्स के अभ्यास में एक बड़ी बाधा बनता है.

शूटिंग रेंज (Jaipur Shooting Range) में निशाना साधने वाले खिलाड़ियों का कहना है कि "इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट की बातें पिछले 2 साल से सुनते आ रहे हैं, लेकिन आज तक इस रेंज को अपडेट नहीं किया गया है. पहले जहां प्रैक्टिस के लिए 6 हजार रुपए फीस का भुगतान करना पड़ता था तो अब इसको बढ़ाकर 12 हजार कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. शूटिंग में अपना करियर बनाने वाले पैरा खिलाड़ियों के लिए न तो यहां पर रैंप की कोई व्यवस्था है और ना ही अन्य प्रकार की कोई सुविधाएं हैं. वहीं, जब यहां से तैयारी करने वाले खिलाड़ी नेशनल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जाते हैं तो वहां इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट के सामने वह फिसड्डी साबित होते हैं, क्योंकि एक नॉर्मल शूटिंग रेंज पर अभ्यास करने और नेशनल प्रतियोगिता में इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट पर निशाना साधने में काफी परेशानी होती है."

शूटर्स के अभिभावकों का कहना है कि "टपकती छतों के बीच में खिलाड़ियों को अपने महंगे गैजेट्स के साथ प्रैक्टिस करनी पड़ रही है. शूटिंग के दौरान अभ्यास के दौरान इन खिलाड़ियों का ध्यान टपकती छत ऊपर ना जाए इसके लिए इनके पीछे बैठकर इनके सामान का ध्यान रखना पड़ता है. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट नहीं होने की वजह से भी बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है और यही कारण है कि पिछले 2 साल से बड़ी संख्या में यहां से निकलकर खिलाड़ी दूसरे स्थान पर प्रैक्टिस करने जा रहे हैं. कई खिलाड़ियों ने तो दूसरे राज्यों तक का भी रुख कर लिया ."

बहरहाल, ओलंपिक (Olympics) में राजस्थान को अब तक 1 पदक ही मिला है और वह भी राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने राजस्थान की झोली में डाला है और राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से प्रेरित होकर अब कई शूटर्स इस खेल में अपनी तकदीर आजमा रहे हैं, लेकिन सुविधाओं का अभाव और अव्यवस्थाओं के चलते कहीं ना कहीं इन खिलाड़ियों के सपनों को पूरा करने में बाधा बन रहे हैं. खेल मंत्री अशोक चांदना कई बार इलेक्ट्रॉनिक शूटिंग टारगेट का वादा इन खिलाड़ियों से कर चुके हैं, लेकिन यह वादा भी महज आश्वासन बनकर रह गया है. ऐसे में इन खेलों की सुविधाएं और संसाधन बढाने और समय के अनुरूप उन्हें अपडेट करने पर भी ध्यान देना होगा, ताकि ओलंपिक और एशियन गेम्स जैसी प्रतियोगिताओं में हमें पदक तालिका देखकर निराशा ना हो.

यह भी पढ़ें : Hanuman Beniwal ने की RPSC चेयरमैन और सदस्यों की आय की CBI जांच की मांग, जानें मामला

Trending news