कोहरे में नहीं थमेगी Train की रफ्तार, उत्तर पश्चिम रेलवे ने किए ये विशेष इंतजाम
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कोहरे में नहीं थमेगी Train की रफ्तार, उत्तर पश्चिम रेलवे ने किए ये विशेष इंतजाम

रेल सेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबंध किए है.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम (Winter Season) में कोहरे की अधिकता के कारण रेल यातायात (Rail Traffic) भी प्रभावित होता है. उत्तर पश्चिम रेलवे (North Western Railway) के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल के रेलखण्ड कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते है. खण्डों में रेल सेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिए रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबंध किए है. जिसमें सम्बंधित विभाग इंजीनियरिंग, सिगनल एवं दूरसंचार, विद्युत, यांत्रिक, परिचालन व संरक्षा विभाग द्वारा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में संरक्षित रेल संचालन हेतु दिशा निर्देश जारी किए है.

उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण (CPRO Capt Shashi Kiran) ने बताया कि सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के दौरान गाड़ी संचालन में संरक्षा एवं सुरक्षा को देखते उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा विशेष इंतजाम किए गए है. संरक्षित रेल संचालन को सुचारू करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे महाप्रबंधक विजय शर्मा ने सभी विभागाध्यक्षों को सर्दियों के मौसम में विशेष सतर्कता के साथ कार्य करने के लिये समीक्षा बैठक में निर्देशित किया. इसके साथ ही चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनीता शर्मा, रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने भी सभी क्षेत्रिय रेलवे अधिकारियों के साथ सर्दियों के मौसम में की गई तैयारियों की समीक्षा की.

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कैप्टन शशि किरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे पर 27 रेलखण्डों को कोहरे की अधिकता वाले क्षेत्रों के रूप में चिन्हित किया गया है तथा सभी कोहरे से प्रभावित स्टेशनों पर विजीबिलिटी टेस्ट (Visibility test), आब्जेक्ट की उपलब्धता सुचारू की जा रही है. इन डिवाईस के उपयोग से स्टेशन पर दृश्यता को जांचा जा सकें. इसके साथ ही घने कोहरे वाले रेलखण्डों में चलने वाली समस्त रेलसेवाओं के लोको पायलेट क्रू को फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध करवाए जा रहे है.

उत्तर पश्चिम रेलवे पर 712 फोग सेफ्टी डिवायस क्रू लॉबी में उपलब्ध करवाए गए है तथा 175 फोग सेफ्टी डिवायस और उपलब्ध करवाने की प्रक्रिया जारी है. फोग सेफ्टी डिवाईस (Fog safety device) को इंजन पर लगा दिया जाता है, यह डिवाईस ऑन होने के बाद जीपीएस (GPS) प्रणाली द्वारा उस खण्ड में स्थित सभी सिंगनलों की स्थिति के बारे में लोको पायलेट (loco pilot) को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है, जिससे लोको पायलेट अपनी गाड़ी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा करता है.

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कोहरे वाले रेलखण्डों में सभी स्तर के कर्मचारियों के लिए सेफ्टी सेमीनार (Safety Seminar) का आयोजन किया गया. कम तापमान के दौरान रेल/वेल्डिंग फेलियर की पहचान कर उनको रिपेयर किया गया. फिस प्लेटों का अनुरक्षण, ट्रैक रिन्यूअल जैसे कार्य भी पूर्व में ही किए गए है. कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर (पटाखे) की आपूर्ति सुचारू की जा रही है. लोको पायलेट को सिगनल एवं अन्य संकेतकों की दृष्यता ठीक प्रकार से दिखे इसके लिए संकेतकों पर पुनः पेटिंग एवं चमकीले साईन बोर्ड तथा संकेतको के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है. 

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इसके अतिरिक्त ऐसे खण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढ़ाकर रेलपथ की निगरानी को बढ़ाया गया है. कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों/अधिकारियों द्वारा रेलवे स्टॉफ की सजगता को लगातार चेक किया जा रहा है. कोहरे के मौसम में रेल यात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा हेतु तैयार है. कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में गाड़िया देरी से संचालित हो सकती है. अतः यात्रा शुरू करने से पूर्व रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in अथवा NTES पर अपनी ट्रेन की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाए एवं असुविधा से बचें. 

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