तिनका तिनका पुरस्कार घोषित, जेल के बंदियों और अधिकारियों को सम्मान
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तिनका तिनका पुरस्कार घोषित, जेल के बंदियों और अधिकारियों को सम्मान

जयपुर के केंद्रीय कारागार में आयोजित समारोह में देश के 12 बंदी और 9 जेलकर्मी मानवाधिकार दिवस पर सम्मानित किए गए. पुरस्कार तीन श्रेणियों चित्रकारी, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए दिया गया.

 तिनका तिनका पुरस्कार घोषित, जेल के बंदियों और अधिकारियों को सम्मान

नई दिल्ली : तिनका तिनका पुरस्कार घोषित कर दिए गए. राजस्थान की राजधानी जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश के 12 बंदियों को तीन श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए. जेल में विशेष कार्य के लिए 9 जेल अधिकारी भी सम्मानित किए गए. पंजाब की भटिंडा सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास पर बन्दी राजाराम को इस साल तिनका तिनका इंडिया अवार्ड की पेंटिंग श्रेणी में प्रथम पुरस्कार दिया गया है. 33 वर्षीय राजाराम जेल के अंदर लगातार पंजाबी संस्कृति को बढ़ावा देते हुए पेंटिंग कर रहे हैं. पुरस्कार के लिए चयनित उनकी पेंटिंग में 2 बच्चे दिखाए गए हैं, जिनमें से एक बच्चे के हाथ में लैपटॉप और दूसरा बच्चा खाना खा रहा है. सपने देखते बच्चे शीर्षक की यह पेंटिंग एक अमीर औऱ एक गरीब बच्चे के जरिए जेल में बंद उन बच्चों की गाथा को कहती है जो अपने माता या पिता के साथ जेल के अंदर आए हैं. भारत में इस समय करीब 1800  बच्चे ऐसी परिस्थितियों में जेल में रह रहे हैं.

छत्तीसगढ की बिलासपुर केंद्रीय जेल के बन्दी शोभाराम को पेंटिंग में दूसरा पुरस्कार दिया गया है. उसकी पेंटिंग का शीर्षक है ऐ दरिया की कश्ती हर तूफान से निकाल. 36 वर्षीय शोभाराम पिछले 8 साल से जेल में है और आजीवन कारावास में है. उसने पेंटिंग जेल में आने के बाद सीखी. पेंटिंग में तीसरा पुरस्कार सुदीप मनमोहन पाल को दिया गया है. नासिक केंद्रीय जेल, महाराष्ट्र में बन्द 36 साल के सुदीप की पेंटिंग कुछ भी स्थाई नहीं को इस साल पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इस पेंटिंग में एक पिघलती हुई मोमबत्ती और उसके सामने एक घर के जरिए उम्मीद के चिराग को दिखाने की कोशिश की गई है. सुदीप पाल कॉमर्स, फाइन आर्ट्स, फैशन फोटोग्राफी और इंजीनियरिंग की डिग्री पा चुके हैं.

5 बंदियों को सांत्वना पुरस्कार
इस साल तिनका तिनका इंडिया अवार्ड के तहत 5 बन्दियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं. भोपाल की केंद्रीय जेल में बन्दी 28 वर्षीय आकाश सुरेश को जेल के अंदर विकास और सृजन की तस्वीर बनाने के लिए चुना गया है. अहमदाबाद केंद्रीय जेल में बन्दी 41 वर्ष के मनीष बाबू भाई परमार को भी सांत्वना पुरस्कार दिया जा रहा है. बिलासपुर की केंद्रीय जेल में बंद पंचम राठौर को उनकी तस्वीर उम्मीद के लिए चुना गया है. इसी जेल में रमेश पटेल को उनकी तस्वीर के लिए सांत्वना पुरस्कार दिया जा रहा है. मुंबई केंद्रीय जेल में बंद मृत्युंजय दास को एक छोटी बच्ची की तस्वीर के लिए चुना गया है.

इस बार पेंटिंग की थीम थी सपने
इस साल तिनका तिनका इंडिया अवार्ड के तहत पेंटिंग का विषय जेल में सपने था. 4 बन्दियों को जेल की विशेष सेवाओं के लिए चुना गया है. 46 वर्ष के चिंतन विद्यासागर उपाधयाय महाराष्ट्र की केंद्रीय जेल, ठाणे में बंद हैं. जेल में आने से पहले वह एक विजुअल आर्टिस्ट थे. अब वह आजीवन कारावास में हैं. उनकी बनाई एक तस्वीर को जानी- मानी फ़िल्म प्रोड्यूसर किरण राव ने 4.50 लाख में खरीदा था. उपाध्याय अब जेल में कैदियों को पेंटिंग की ट्रेनिंग भी दे रहे हैं.

बिलासपुर की केंद्रीय जेल में बंद रवि शंकर आजीवन कारावास में हैं. 42 वर्षीय रवि शंकर पिछले 12 साल से जेल में हैं. मॉडल जेल चंडीगढ़ के वासुदेव को जेल की रसोई के प्रति उनके विशेष योगदान के लिए जेल अधिकारियों ने सराहना करते हुए पुरस्कार के लिए नामांकित किया है. पश्चिम बंगाल से 39 वर्षीय अमृता मंडल को जेल के अन्दर बन्दियों को जूट का काम सीखने के लिए और अपने काम शुरू करने की प्रेरणा देने के लिए चुना गया है. वह भी आजीवन कारावास पर है.

9 जेल अधिकारियों को विशेष जेल सेवा के लिए चुना गया...
इस साल विशेष जेल सेवा के लिय 9 जेल अधिकारियों को चुना गया है. इनमें 3 महिला जेल अधिकारी हैं. हैदराबाद की महिला जेल की सुपरिटेंडेंट 57 वर्षीय बशीरा बेगम को जेल से रिहा हुई महिलाओं के लिए पेट्रोल पंप को चलाने और जेल में बंद महिलाओं के बच्चों की शिक्षा के लिए बेहद विशेष योगदान के लिए चुना गया है. नागपुर केंद्रीय जेल, महाराष्ट्र की सुपरिटेंडेंट 36 वर्षीय रानी राजाराम भोंसले को जेल में टेली मेडिसिन की सुविधा लाने और बीमार बन्दियों की विशेष सेवाओं के लिए चुना गए है. जयपुर की महिला जेल की सुपरिटेंडेंट मोनिका अग्रवाल को जेल में परंपरा और आधुनिकता को आपस में जोडकर जेल के वातावरण को मानवीय बनाने और इग्नू की मदद से जेल में शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग पर विशेष काम के लिए चुना गया है.

52 वर्षीय शशिकांत मिश्रा आगरा जिला जेल के सुपरिटेंडेंट हैं. उनका चुनाव जेल में अलग-अलग स्वयंसेवी संस्थाओं की जरिये बदलाव लाने और बंदियों के बच्चों की स्कूलों में दाखिले और परवरिश को लेकर उनके योगदान के लिए चुना गया है. होशियारपुर केंद्रीय जेल, पंजाब के सहायक सुपरिटेंडेंट अवतार किशन सैनी को जेल में बन्दियों की मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों पर मदद करने के लिए चुना गया है. 53 वर्षीय अवतार किशन सैनी जेल के बन्दियों को कानूनी मदद भी देते हैं.

 मॉडल सेंट्रल जेल, कांडा, हिमाचल प्रदेश के हेड वार्डर मानसराम ठाकुर को जेल में खादी और सिलाई के विशेष काम के लिए चुना गए है. जयपुर की केंद्रीय जेल के सुपरिटेंडेंट संजय यादव को जेल में कलाकार बंदियों का चुनाव करने और स्किल को प्रोत्साहित करने के लिए चुना गया है. 45 वर्ष के प्रदीप रघुनंदन को उत्तर प्रदेश में एटा जिला जेल में सुधारात्मक काम करने औऱ जेल के बच्चों की शिक्षा के लिए सक्रिय काम के लिए चुना है.

इस साल यह सम्मान समारोह जयपुर की केंद्रीय जेल में हुआ. सम्मान श्री भूपिंदर सिंह, आई पी एस, महानिदेशक जेल राजस्थान, श्री एपी के महेश्वरी, महानिदेशक, बीपीआरएंडडी और तिनका तिनका की संस्थापक वर्तिका नन्दा ने दिए. इस सम्मान के लिए सभी मोमेंटो जेल के बंदियों ने ही बनाए हैं. 35 वर्षीय राधा मोहन कुमावत को 2015 में तिनका तिनका इंडिया अवार्ड दिया गया था. जेल में आने से पहले कुमावत एक अध्यापक थे. एमए और बीएड की डिग्री के साथ वे जेल के अंदर शिक्षा का काम करते हैं. नूर मोहम्मद रेशम के धागे से कड़ाई करता है. इस साल अवार्ड के बैकड्रॉप देव किशन ने बनाये. वह भी जयपुर की सेंट्रल जेल में है और उसे भी 2015 में तिनका तिनका इंडिया अवार्ड मिला था. पुरस्कार विजेताओं को तिनका तिनका मध्य प्रदेश की एक प्रति भी दी गई जो देश की जेलों की अपनी तरह की पहली कॉफी टेबल बुक है.

तिनका तिनका की संस्थापक वर्तिका नन्दा हैं. यह भारत की जेलों को आपस में जोड़ने की पहल है. इससे पहले तिनका तिनका तिहाड़, डासना और तिनका तिनका तिनका मध्य प्रदेश चर्चित परियोजनाएं रहीं. मीडिया और साहित्य के ज़रिए महिला अपराधों के प्रति जागरूकता लाने के लिए भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से 2014 में स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं. यह देश की महिलाओं को दिया जाना वाला सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है. जेलों के अपने काम को लेकर दो बार लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल हो चुकी हैं.

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