राजस्थान विधानसभा में 'असंसदीय' शब्द से मचा हंगामा, मदन दिलावर को मांगनी पड़ी माफी
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राजस्थान विधानसभा में 'असंसदीय' शब्द से मचा हंगामा, मदन दिलावर को मांगनी पड़ी माफी

शून्यकाल में बीजेपी (BJP) ने सरकार को लचर कानून - व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा. इसकी शुरुआत मदन दिलावर ने की. उन्होंने मेवात और बृज क्षेत्र के मिनी पाकिस्तान में तब्दील होने और आपराधिक घटनाएं बढ़ने की बात कही.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: राजस्थान विधानसभा (Rajasthan Legislative Assembly) में आज असंसदीय शब्द से हंगामा हो गया. बात बीजेपी विधायक मदन दिलावर (Madan Dilawar) को सदन से निकाले जाने की मांग तक पहुंच गई. 

हंगामे के चलते एक बार तो सदन की कार्रवाई आधे घंटे तक स्थगित भी करनी पड़ी. इसके बाद सदन की कार्यवाही मदन दिलावर की तरफ से खेद जताने पर ही सुचारू हो सकी.

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शून्यकाल में बीजेपी (BJP) ने सरकार को लचर कानून - व्यवस्था के मुद्दे पर घेरा. इसकी शुरुआत मदन दिलावर ने की. उन्होंने मेवात और बृज क्षेत्र के मिनी पाकिस्तान में तब्दील होने और आपराधिक घटनाएं बढ़ने की बात कही.

कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल 
अभिनेष महर्षि ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पुलिस थानों तक में बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं. कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. महर्षि ने कहा कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं होता. कांग्रेस विधायक वेदप्रकाश सोलंकी (Vedprakash Solanki) के कथित हनीट्रैप प्रकरण का जिक्र करते हुए महर्षि ने कहा कि सत्ताधारी दल के विधायक को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ रही है. उसे जबरन कौन फंसा रहा है? इसकी जांच होनी चाहिए. महर्षि ने निम्बाराम प्रकरण को उठाते हुए कहा कि राष्ट्रवादी संगठनों पर अंगुली उठाई जा रही हैं. निम्बाराम बेदाग हैं और वे बरी होंगे, लेकिन सरकार की नीयत उन्हें जबरन फंसाने की है.

छिपते क्यों घूम रहे बेदाग नेता
इस पर सत्तापक्ष के सदस्यों में से शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, प्रताप सिंह खाचरियावास, शांति धारीवाल समेत दूसरों ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर वे बेदाग हैं तो छिपते क्यों घूम रहे हैं, सामने क्यों नहीं आ रहे?

दोनों पक्ष इस मसले को लेकर आपस में उलझ गए. इस दौरान बीजेपी विधायक मदन दिलावर की एक असंसदीय टिप्पणी ने सदन का माहौल गरमा दिया. सत्ता पक्ष के विधायकों ने दिलावर के शब्दों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें सदन से बाहर निकालने की मांग की. हंगामे के चलते सभापति राजेन्द्र पारीक ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी.

दिलावर को सदन में माफी मांगनी पड़ी 
आधे घंटे बाद विधानसभा की कार्यवाही फिर से शुरू तो भाजपा के मदन दिलावर की ओर से शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा पर की गई टिप्पणी पर सभापति राजेंद्र पारीक और उनकी बात नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया. इस टिप्पणी के लिए दिलावर को सदन में माफी मांगनी पड़ी, तब जाकर शांति स्थापित हो पाई. दिलावर की टिप्पणी पर सभापति राजेंद्र पारीक ने कहा-जिस तरह की अमर्यादित टिप्पणी मदन दिलावर ने की, यह कतई क्षम्य नहीं है. यह संसदीय परंपरा में उचित नहीं कही जा सकती. सदन आपसे अपेक्षा करता है कि आप इसके लिए माफी मांगे. पारीक ने कहा कि आपके माफी मांगने से गरिमा घटेगी नहीं बल्कि सदन की गरिमा बढ़ेगी. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने भी कहा कि मैं इसे लेकर दुखी हूं. शब्दों का चयन संयम के साथ करना चाहिए. 

मदन दिलावर ने दी सफाई
इस पर मदन दिलावर ने कहा कि उनकी मंशा ऐसी टिप्पणी की नहीं थी, लेकिन निंबाराम जी के लिए जो शब्द कहे गए वे निंदनीय हैं. इस पर सभापति राजेंद्र पारीक ने टोका और कहा, सीधे-सीधे माफी मांगी जाए. 

दिलावर बोले कि यदि उनके शब्दों से सदन में किसी को ठेस पहुंची है तो वे इसके लिए खेद प्रकट करते हैं. इसके बाद सभापति राजेंद्र पारीक ने निर्देश दिए कि सदन की कार्यवाही से असंसदीय शब्दों को निकाला जाए और यूट्यूब प्रसारण से भी इसे हटाया जाए. इसके बाद सदन की कार्यवाही सुचारू तरीके से चली.

 

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