युवा पीढ़ी में राम नाम की अलख जगाएगा 'स्कूल ऑफ राम नाम' का वर्चुअल बैंक, हुई शुरुआत
Advertisement

युवा पीढ़ी में राम नाम की अलख जगाएगा 'स्कूल ऑफ राम नाम' का वर्चुअल बैंक, हुई शुरुआत

शास्त्रों में राम नाम को तारक मंत्र कहा गया है, यह लोक-परलोक दोनों को तारता अर्थात् संवारता है. राम नाम की परिक्रमा ब्रह्माण्ड की परिक्रमा समान है.

छात्र प्रिंस तिवाड़ी ने बताया कि यह एक अनोखा बैंक है, जो लोग अनादिकाल से राम नाम लिखते आ रहे हैं.

Jaipur: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम (Lord Rama) की महिमा का बखान करने और तकनीक के दौर युवा पीढ़ी को राम नाम की भक्ति से जोड़ने के लिए दुनिया के पहले वर्चुअल विद्यालय स्कूल ऑफ राम नाम (School Of Ram Naam) के वर्चुअल बैंक की शुरुआत हुई. गलता तीर्थ के महंत स्वामी अवधेशाचार्य ने ऑनलाइन बैंक का उदघाटन किया.

यह भी पढ़ें- Jaisalmer: कल खुलेगा पश्चिम राजस्थान का कुंभ कहा जाने वाला बाबा रामदेव का समाधि स्थल

इस बैंक में हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, अंग्रेजी आदि किसी भाषा में राम नाम लिख कर जमा किया जा सकता है. शास्त्रों में कहा गया है कि राम से भी बड़ा उसका नाम होता है. काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (Banaras Hindu University) में अध्ययनरत विद्या भारती के पूर्व छात्र प्रिंस तिवाड़ी ने राम नाम की अलख जगाने और राम नाम की भक्ति से जोड़ने के लिए दुनिया के पहले वर्चुअल विद्यालय स्कूल ऑफ राम नाम के वर्चुअल बैंक की शुरुआत की है. राम नाम के वर्चुअल बैंक का शुभारंभ गलतापीठाधीश्वर अवधेशाचार्य महाराज ने किया.

यह भी पढ़ें- मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले अस्पताल नहीं कर रहे लोगों का इलाज

छात्र प्रिंस तिवाड़ी ने बताया कि यह एक अनोखा बैंक है, जो लोग अनादिकाल से राम नाम लिखते आ रहे हैं. राम नाम बैंक ने जप माला के क्रम से 108 बार राम नाम एक पेज पर अंकित करने की विधि तैयार की है, जो भारतवासियों को ही नहीं, दूर देश के कोने-कोने और विदेश तक भी पहुंचने वाली है. हर वर्ष रामनवमी राम नाम लेखन के बाद भक्त वर्ष भर पुस्तिका बैंक में जमा करते रहेंगे. पहली बार जमा करने पर भक्तों को एक खाता संख्या प्रदान की जाएगी और उसके बाद हर बार उसी खाते में उनके द्वारा लिखित राम नाम का लेखा-जोखा चढ़ाया जाएगा. तिवाड़ी ने बताया कि छह वर्ष से लेकर किसी भी आयु वर्ग के लोग खाता खोल सकते हैं. उन्हें खाता संख्या दी जाएगी. राम नाम लेखन पुस्तिका इंटरनेट से निःशुल्क डाउनलोड भी हो सकेगा. इस पर रामनाम लिख कर मेल द्वारा सब्मिट करना होगा. खाते में जमा हो रहे राम-नाम का लेखा-जोखा प्रतिवर्ष रामनवमी की तिथि पर किया जाएगा. 

सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी राम नाम की गूंज होगी
राम का नाम हिन्दी, उर्दू, बांग्ला, अंग्रेजी आदि अनेक भाषाओं में हस्तलिखित या टाइप फॉर्म में जमा करने की सुविधा है. आधुनिकता के दौर में फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर भी राम नाम की गूंज होगी. राम नाम लेखन पुस्तिका इन्टरनेट से निःशुल्क डाउनलोड भी की जा सकेगी. कम्प्यूटर, लैपटॉप, टैबलेट पर ही राम नाम टाइप करेंगे. इस आधुनिकीकरण के जरिए कागज की बचत होगी और युवा पीड़ी भी धर्म-कर्म से जुड़कर अपनी रोजमर्रा के तनाव से मुक्ति पा सकेगी. स्वामी अवधेशाचार्य ने कहा कि मोक्ष प्राप्ति, शांति एवं आध्यात्मिक उर्जा ग्रहण करने के अनेकानेक माध्यम हैं. 

शास्त्रों में राम नाम को तारक मंत्र कहा गया है, यह लोक-परलोक दोनों को तारता अर्थात् संवारता है. राम नाम की परिक्रमा ब्रह्माण्ड की परिक्रमा समान है. इस बैंक में भारत में ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी अनेक श्रद्धालु हैं जो राम का नाम अपनी-अपनी भाषाओं में लिखकर जमा कर सकते हैं. स्वामी अवधेशाचार्य और युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने राम नाम के महत्व पर प्रकाश डाला. बड़ी संख्या में युवा कार्यक्रम से जुड़े.

बहरहाल, इस बैंक से जुड़े लोगों के अंदर आस्था ही नहीं, बल्कि विश्वास भी है कि जिस राम नाम की पूंजी को वो यहां जमा करते हैं. उससे इनका इह लोक ही नहीं, परलोक भी सुधरेगा. बैंक में जमा राम नाम की पूंजी का ब्याज संबंधित राम भक्त खाताधारक का परलोक बेहतर करेगा.

 

Trending news