राज्य सरकार ने भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को रेस्क्यू करने को लेकर नई पहल की शुरुआत की है, जिसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जरिए शुरु किया गया है.
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Jaipur: राज्य सरकार ने भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को रेस्क्यू करने को लेकर नई पहल की शुरुआत की है, जिसे सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जरिए शुरु किया गया है. इस प्रयोग के तहत प्रदेश की सड़कों पर भीख मांगने वाले भिखारियों के पुनर्वास को लेकर कदम उठाए गए हैं.
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इस बारे में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने गुरूवार को अंबेडकर भवन के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग परिसर से जयपुर शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए रेस्क्यू वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर विभाग के निदेशक ओबी बुनकर सहित अनेक अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहें.
रेस्क्यू वैन को हरी झण्डी दिखाने के बाद मंत्री टीकाराम जूली ने इस बारे में संबोधित करते हुए कहा कि "बजट घोषणा के अनुसार जयपुर शहर और पूरे राजस्थान को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जिसकी शुरूआत गुरुवार से की गई है. इस संबंध में बड़े स्तर पर कार्य योजना तैयार की गई है. जिसमें ट्रैफिक पुलिस और पुलिस प्रशासन की मदद से चौराहों, धार्मिक स्थलों एवं अन्य चिन्हित स्थानों से भिक्षावृत्ति में लिप्त व्यक्तियों को रेस्क्यू किया जाएगा.
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उन लोगों को विभाग के जरिए संचालित पुनर्वास गृह में पुनर्वासित कर चिन्हित किया जाएगा. जिसके बाद उनकी पात्रता के अनुसार उन्हें बाल गृह, नारी निकेतन, मानसिक विमंदित गृह, वृद्वाश्रम आदि में भेजने तथा प्रशिक्षण में रूचि रखने वाले व्यक्तियों को आरएसएलडीसी के माध्यम से प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार प्रदान किया जाएगा. फिलहाल इस कार्य के लिए विभाग के जरिए संचालित पुनर्वास गृह में प्रवेश दिलाने के लिए जयपुर की मानव सेवा संस्थाके जरिए 2 वैन उपलब्ध कराई गई है.