ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जयपुर पुलिस ना केवल तस्करों को दबोच रही है बल्कि तस्करी के नेटवर्क से जुड़े हुए अन्य लोगों को दबोचने का भी काम किया जा रहा है.
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Jaipur: नशे के कारोबार में महिलाओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जयपुर की क्राइम ब्रांच की ओर से चलाए गए ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत पुलिस ने जो कार्रवाईयां की हैं, उनमें अब तक 147 महिलाओं को गिरफ्तार किया जा चूका है.
राजधानी जयपुर को ड्रग्स फ्री बनाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन क्लीन स्वीप (Operation Clean Sweep) के तहत जयपुर पुलिस एनडीपीएस एक्ट में 864 प्रकरण दर्ज कर चुकी है. इसके साथ ही 1098 मादक पदार्थ तस्करों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें चौंकाने वाली बात ये है कि गिरफ्तार तस्करों में 147 महिलाएं भी शामिल हैं. ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत जयपुर पुलिस ना केवल तस्करों को दबोच रही है बल्कि तस्करी के नेटवर्क से जुड़े हुए अन्य लोगों को दबोचने का भी काम किया जा रहा है. इसके साथ ही तस्कर किस रूट के जरिए कौन सा मादक पदार्थ तस्करी कर ला रहे हैं और किन-किन शहरों में सप्लाई किया जा रहा है, इन तमाम चीजों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
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एडिशनल डीसीपी क्राइम सुलेश चौधरी ने बताया कि मादक पदार्थों की तस्करी के रूट को पुलिस ने गहन अनुसंधान के बाद आइडेंटीफाई किया है. जिसके तहत पुलिस ने गांजे की तस्करी का जो रूट चिन्हित किया है, उसके तहत आंध्र प्रदेश और ओडिशा के सीमावर्ती इलाकों से तस्कर भारी मात्रा में गांजा तस्करी कर जयपुर के ग्रामीण क्षेत्र में लाते हैं. उसके बाद छोटी-छोटी गाड़ियों में तस्करी कर गांजे को जयपुर शहर और अलग-अलग जिलों में सप्लाई किया जाता है. जिसे रोकने के लिए जयपुर पुलिस टेक्निकल इंटरसेक्शन और अन्य तरीकों से लगातार तस्करों पर नजर बनाए हुए हैं.
क्राइम ब्रांच की जांच में सामने आया है कि नशा तस्करों की ओर से भारी मात्रा में स्मैक झालावाड़, कोटा और अकलेरा से तस्करी कर लाया जाता है. स्मैक की तस्करी में तस्कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं, जिसे देखते हुए अब जयपुर पुलिस इन क्षेत्रों से आने वाली रोडवेज और प्राइवेट बसों में डॉग स्क्वायड के जरिए रेंडम सर्च करने की कार्य योजना बना रही है.