आज पूरा विश्व वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मना रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जागरूकता फैलना है.
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जयपुर: चेहरे की सुंदरता दांत से होती है. दांतों का संबंध हमारे स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों से होता है. दांत अगर साफ और चमकदार होते हैं, तो वो हमारी पर्सनालिटी पर चार चांद लगा देते हैं. दांतों की नियमित सफाई से कई बीमारियों से बचा जा सकता है, लेकिन सच्चाई ये है कि आमतौर पर दांतों से जुड़ी बीमारियों को हर कोई नजरअंदाज करता है. जो बड़ी बीमारियों को निमंत्रण दे देती हैं. आज पूरा विश्व वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मना रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जागरूकता फैलना है. इसी सोच में बदलाव के लिए हर साल 20 मार्च को अलग-अलग थीम पर वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. लोगों को जागरुक करने के लिए जयपुर में इस बार की थीम 'Say Ahh: Think Mouth,Think Health' रखी गई है.
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बड़ी समस्या न बन जाए दांतों की मुसीबत
ये बहुत कम लोग ये जानते हैं कि दांतों के रोग भी हमें बड़ी मुसीबत में फंसा सकते हैं. दांतों में सड़न, कीड़े लगना जैसी समस्या मुंह में मौजूद एसिड के कारण होती है. इस वजह से दांतों के इनेमल खोखले होने लगते हैं और यही कारण है कि कैविटी का निर्माण होता है. इसके अलावा, मुंह में मौजूद बैक्टीरिया दांतों कि सतह पर जमा होने लगते हैं, जिसे प्लॉक कहा जाता है.
70 प्रतिशत लोग नहीं कराते जांच
जागरूकता की कमी के चलते करीब 70 फीसदी लोग ऐसे है, जो पांच सालों में एक बार भी अपने दांतों की जांच नहीं कराते हैं. करीब 90 फीसदी लोग ऐसे हैं जो दिनभर में एक बार अपने दांतों की सफाई करते हैं. जानकारी के मुताबिक, 80 प्रतिशत लोग ऐसे हैं दांतों की अलग-अलग बीमारियों से घिरे हुए हैं.
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दांतों की लापरवाही से हो सकता है कैंसर
मुंह का कैंसर, जिसे ओरल कैंसर भी कहा जाता हैं. भारत में करीब 30 फीसदी ओरल कैंसर के मरीज होते है, जो कि एडवांस स्टेज में ही सामने आते है. लापरवाही इसका एक मात्र कारण है. यदि समय पर दातों की जांच कराई जाए तो कैंसर को प्राथमिक स्टेज पर ही रोका जा सकता है. आज हमारे आस पास बहुत ही तेज़ गति बढ़ता जा रहा है, जिसका कारण पान मसाला, तम्बाकू व गुटका जैसी चीज़ो का लगातार सेवन करना है. यह भारत की एक प्रमुख स्वास्थ्य संबंधित चिंता का विषय है.