जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में यह ट्रायल दो चरणों में हुआ. इस दौरान 45 राउंड फायर किए गए. इसके बाद एक घंटे में 25 किलोमीटर का रोड ट्रायल किया गया. इसके फौरन बाद दूसरा ट्रायल शुरू हुआ. इस राउंड में भी 45 राउंड सफलतापूर्वक फायर किए गए.
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Pokhran: जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में स्वदेशी बोफोर्स कहलाई जाने वाली धनुष गन के सफल परीक्षण हुए. रेंज में दो धनुष गन ने इस दौरान करीब 90 राउंड अचूक फायर किए. चार घंटे के ट्रायल में करीब 1 घंटे में 25 किलोमीटर तक का रोड ट्रायल किया गया.
सफल परीक्षण के दौरान गन कैरिज फैक्ट्री के जीएम दीपक गुप्ता अपनी टीम के साथ खुद मौजूद रहे. दरअसल, भारतीय सेना के पास गन सेगमेंट का गौरव समझी जाने वाली धनुष तोप ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है. इस गन ने सेकंड लाइन फायरिंग में सौ फीसदी की सफलता पा ली है.
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पोकरण में आयोजित इस फायरिंग में जबलपुर से गई दो धनुष गन शामिल हुई. धनुष तोप के प्रदर्शन में बेस्ट लाने के लिए लंबे समय से तोप गाड़ी फैक्टरी (जीसीएफ) की ओर से कड़ी मेहनत की जा रही थी. ताजा सफलता के बाद धनुष गन को सेना के लिए इश्यू किया जाना शुरू हो जाएगा.
दो चरणों में हुआ ट्रायल
जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में यह ट्रायल दो चरणों में हुआ. इस दौरान 45 राउंड फायर किए गए. इसके बाद एक घंटे में 25 किलोमीटर का रोड ट्रायल किया गया. इसके फौरन बाद दूसरा ट्रायल शुरू हुआ. इस राउंड में भी 45 राउंड सफलतापूर्वक फायर किए गए. यह सारा ट्रायल करीब चार घंटे तक चला. बताया जाता है कि इस खास ट्रायल के समय पोकरण में गन कैरिज फैक्ट्री के जीएम दीपक गुप्ता अपनी टीम के साथ मौजूद रहे. बताया जा रहा है कि गन ने हर टारगेट को सटीक फायर करके सभी पैरामीटर पर खरी उतरी है.
स्वदेशी बोफोर्स के नाम से जानी जाती है धनुष गन
इस गन को स्वदेशी बोफोर्स भी कहा जाता है. इस गन की 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप की कई दौर की फायरिंग हो चुकी है. सूत्रों ने बताया कि अब सेना इसे बॉर्डर पर तैनात करना चाहती है ताकि जरूरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल हो सके. इसलिए 38 से 40 किमी की दूरी तक गोला दागने वाली तोप को परीक्षण के लिए पोकरण भेजा गया है. पोकरण रेंज में तोप की पूरी क्षमता के साथ फायरिंग का ट्रायल किया गया. इस फायरिंग के सफल ट्रायल के बाद एक बड़ी खेप बहुत जल्द सेना के सुपुर्द की जा सकती है. इस खेप में तोप की संख्या 6 हो सकती है. ऐसी करीब 17 तोप सेना के पास जा चुकी हैं. अब सेना आवश्यकता होने पर इसकी तैनाती जरूरत वाली जगहों पर कर सकती है. इसलिए यह फायरिंग काफी अहम है.
Reporter- Shankar Dan