सांचोर: रणखार कंजर्वेशन रिजर्व एरिया तक पहुंची जयपुर से टीम, बर्ड सेंचुरी की होगी कवायद
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सांचोर: रणखार कंजर्वेशन रिजर्व एरिया तक पहुंची जयपुर से टीम, बर्ड सेंचुरी की होगी कवायद

मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक (पीसीसीएफ) तोमर ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र की स्थिति महत्वपूर्ण है. यहां प्रवासी पक्षियों में फ्लेमिंगो समेत अन्य पक्षी भी पहुंचते हैं. वहीं जालोर-बाड़मेर की सीमा पर स्थित गांव झाखरड़ा में सफेद चिंकारा और कृष्ण मृग बड़ी संख्या में है. ये स्थिति कंजर्वेशन रिजर्व एरिया के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी और यहां वन्यजीव, प्रवासी पक्षी भी प्रजनन करने के साथ उन्मुक्त विचरण कर सकेंगे. 

सांचोर: रणखार कंजर्वेशन रिजर्व एरिया तक पहुंची जयपुर से टीम, बर्ड सेंचुरी की होगी कवायद

Sanchore: जालोर जिले के रणखार क्षेत्र में कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित होने के बाद जयपुर मुख्यालय के आला अधिकारी स्थिति के आंकलन के लिए रणखार पहुंचे. मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक अरिंदम तोमर इस महत्वपूर्ण घोषणा के बाद जिले के रणखार क्षेत्र में पहुंचे और क्षेत्र का विजिट कर संतोष व्यक्त किया.

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मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक (पीसीसीएफ) तोमर ने कहा कि इस पूरे क्षेत्र की स्थिति महत्वपूर्ण है. यहां प्रवासी पक्षियों में फ्लेमिंगो समेत अन्य पक्षी भी पहुंचते हैं. वहीं जालोर-बाड़मेर की सीमा पर स्थित गांव झाखरड़ा में सफेद चिंकारा और कृष्ण मृग बड़ी संख्या में है. ये स्थिति कंजर्वेशन रिजर्व एरिया के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी और यहां वन्यजीव, प्रवासी पक्षी भी प्रजनन करने के साथ उन्मुक्त विचरण कर सकेंगे. 

अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए
उन्होंने कहा कि झाखरड़ा वन क्षेत्र में वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक रेस्क्यू सेंटर, प्रवासी पक्षियों के लिए पक्षी विहार बनाने को लेकर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. इस दौरान जालोर से उप वन संरक्षक यादवेंद्रसिंह चूंडावत, बाड़मेर डीएफओ संजय प्रकाश, रानीवाड़ा रेंजर श्रीराम विशनोई, धोरीमन्ना रेंजर नरसीगाराम गौड़, भंवरलाल भादू मौजूद रहे. इसी क्षेत्र में वेटलैंड, बर्ड सेंचुरी की कवायद भी होगी. वन क्षेत्र के जीव ज्यादा सुरक्षित होंगे.

पीसीसीएफ ने कहा कि वन क्षेत्र में चारदीवारी और तालाबों का निर्माण करवाया जाएगा, ताकि वन्य जीवों ओर प्रवासी पक्षियों को पानी उपलब्ध हों सकें. उन्होंने कहा कि रणखार और झाखरड़ा वन्य जीवों और प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित क्षेत्र मुहैया करवाने के लिए वेटलैंड क्षेत्र विकसित हो सकता है.

आकोडिय़ा के रणखार क्षेत्र में अपना ठिकाना बना रहे 
राजस्थान क्षेत्र के कच्छ के रण में पाए जाने वाले जंगली गधे आकोडिय़ा रणकार क्षेत्र में काफी संख्या में पाए जाते हैं. गुजराती जंगली गधों को अब राजस्थान का आशियाना मिल रहा है. जंगली गधे मूल रूप से लवणीय क्षेत्र में पाए जाते हैं. अब आकोडिय़ा के रणखार क्षेत्र में अपना ठिकाना बना रहे हैं. रणखार में कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित होने से कैटेगरी-प्रथम का यह जंगली गधा भी यहां संरक्षण पाएगा और सुरक्षित माहौल में प्रजनन कर सकेगा. जालोर जिले का रणखार क्षेत्र 25 अप्रैल 2022 को कंजर्वेशन रिजर्व एरिया घोषित हुआ है. यह राज्य का 15वां कंजर्वेशन रिजर्व एरिया है.

Reporter- Dungar Singh

 

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