परीक्षा पे चर्चाः पीएम ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र, कहा परीक्षा बिना तनाव दें
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परीक्षा पे चर्चाः पीएम ने छात्रों को दिया सफलता का मंत्र, कहा परीक्षा बिना तनाव दें

झुंझुनूं के लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में प्रधानमंत्री  के साथ हुई इस परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को लाइव दिखाया. जिले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के जरिए संचालित केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में भी बड़ी स्क्रीन लगाकर बच्चों को प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को दिखाया गया.

परीक्षा पे चर्चा

Jjhunjhunu: परीक्षा में सफलता के मंत्र देने के लिए  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के विद्यार्थियों के साथ परीक्षा पे चर्चा की. इस मौके पर झुंझुनूं के लगभग सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में प्रधानमंत्री  के साथ हुई इस परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम को लाइव दिखाया. जिले में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के जरिए संचालित केंद्रीय विद्यालयों और जवाहर नवोदय विद्यालयों में भी बड़ी स्क्रीन लगाकर बच्चों को प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम को दिखाया गया. झुंझुनूं जिला मुख्यालय की स्कूलों में भी परीक्षा पे चर्चा में विद्यार्थी आनलाइन तरीके से शामिल हुए.  इस बारे में अधिक जानकारी के लिए सीबीएसई स्कूलों के सिटी कॉर्डिनेटर डॉ. रविशंकर शर्मा ने बताया कि सभी सीबीएसई स्कूलों ने बड़ी स्क्रीन पर बच्चों को यह कार्यक्रम दिखाया.

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प्रधानमंत्री  के साथ इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद  छात्रों  में आत्मविश्वास बढ़ा है. इस चर्चा को देखने के बाद विद्यार्थियों ने बताया कि पीएम ने हर बार की तरह इस बार भी हममें आत्मविश्वास पैदा किया है. जिससे हममें परीक्षा का स्ट्रेस कम हुआ है. वहीं, इस बातचीत में पीएम ने पेरेंट्स को लेकर के भी कुछ टिप्स दिए है. उन्होंने कहा ​है कि वे एग्जाम के  स्ट्रेस को कम  करने में अपने बच्चों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते है. परीक्षा के साथ - साथ  पीएम ने बेटियों के उज्जवल भविष्य को लेकर भी  संदेश दिया , जिसमें उन्होंने कहा कि  समाज बेटियों के सामर्थ्य को जानने में अगर पीछे रह गया, तो वो समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता. उन्होंने ऐसी कई बेटियां देखीं, जिन्होंने मां-बाप के सुख और उनके बुढ़ापे की चिंता के लिए शादी नहीं की और मां-बाप की सेवा में जिंदगी लगा दी. 

उन्होंने परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों से कहा कि वे नहीं मानते कि हमें परीक्षा के लिए पढ़ना चाहिए. गलती वहीं हो जाती है. मैं इस परीक्षा के लिए पढूंगा, फिर मैं उस परीक्षा के लिए पढूंगा. इसका मतलब हुआ कि आप पढ़ नहीं रहे हैं, आप उन जड़ी-बूटियों को खोज रहे हैं जो आपका काम आसान कर दें. अगर आपने अपनी शिक्षा को पूर्ण रूप से आत्मसात किया है तो परीक्षा का रूप रूकावट नहीं बनता है. इसलिए अपने आप को परीक्षा के लिए तैयार करने में दिमाग खपाने की बजाए, खुद को योग्य, शिक्षित व्यक्ति बनाने के लिए, विषय का मास्टर बनने के लिए मेहनत करनी चाहिए.

Reporter:Sandeep Kedia

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