सूरजगढ़: छह दिन बाद वापिस पिता के पास पहुंचा जतिन, पुलिस ने मां से पिता को दिलाई कस्टडी
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सूरजगढ़: छह दिन बाद वापिस पिता के पास पहुंचा जतिन, पुलिस ने मां से पिता को दिलाई कस्टडी

एसडीएम ने मां सुमन के निवेदन पर छह साल के बेटे जतिन की सुपुर्दगी मां को देने के आदेश दे दिए थे, जिसके बाद चिड़ावा एसडीएम कार्यालय में काफी भावुक पल हो गया था और पिता प्रीत सिंह अपने बेटे से बिछुड़ने के बाद बेहोश तक हो गया था. इसके बाद पिता प्रीत सिंह ने इस मामले का वाद एडीजे चिड़ावा कोर्ट में लगाया, लेकिन एडीजे चिड़ावा का चार्ज एडीजे संख्या दो आशुतोष कुमावत के पास होने से कल कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, छह साल के जतिन की कस्टडी उसके पिता प्रीत सिंह को देने के आदेश दिए.

पिता के साथ जतिन

Jhunjhunu: झुंझुनूं के सूरजगढ़ ​थाने में देर रात को फिर से हरियाणा निवासी एक पिता को उसके छह साल के बेटे की कस्टडी मिल गई. दरअसल इस मामले में एडीजे कोर्ट संख्या दो झुंझुनूं ने आदेश दिया था, जिसकी पालना में देर रात को पुलिस ने छह साल के बेटे की कस्टडी मां से पिता को दिलवाई. जानकारी के अनुसार हरियाणा के झज्जर खापड़वास निवासी प्रीत सिंह तथा उसकी पत्नी बेरला निवासी सुमन के बीच कई सालों से पारिवारिक विवाद चल रहा था, जिसके चलते इस साल सुमन ने अपने पति व ससुराल वालों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना का भी मामला दर्ज कराया था. वहीं सुमन ने सूरजगढ़ एसडीएम कोर्ट में अपने छह साल के बेटे जतिन को बंधक बनाकर रखने का वाद दायर किया था, इसके सर्च वारंट के तहत 27 जून को छह दिन पहले सूरजगढ़ के कार्यवाहक एसडीएम संदीप चौधरी के समक्ष चिड़ावा में जतिन को पुलिस ने पेश किया गया. 

एसडीएम ने मां सुमन के निवेदन पर छह साल के बेटे जतिन की सुपुर्दगी मां को देने के आदेश दे दिए थे, जिसके बाद चिड़ावा एसडीएम कार्यालय में काफी भावुक पल हो गया था और पिता प्रीत सिंह अपने बेटे से बिछुड़ने के बाद बेहोश तक हो गया था. इसके बाद पिता प्रीत सिंह ने इस मामले का वाद एडीजे चिड़ावा कोर्ट में लगाया, लेकिन एडीजे चिड़ावा का चार्ज एडीजे संख्या दो आशुतोष कुमावत के पास होने से कल कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए, छह साल के जतिन की कस्टडी उसके पिता प्रीत सिंह को देने के आदेश दिए.

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इस मामले में प्रीत सिंह की ओर से पैरवी करते हुए अधिवक्ता राजेश कुमार डैला ने कहा कि बालक जतिन अपने पिता के पास रहना चाहता है, जबकि चिड़ावा एसडीएम ने उसे जबरन उसकी मां को सुपुर्द कर दिया, यह न्यायोचित नहीं है. मामले की सुनवाई करते हुए अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश आशुतोष कुमावत ने बच्चे को अविलंब उसके पिता को सुपुर्द करने के आदेश दिए. जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने चिड़ावा एसडीएम से भी कहा कि उनका कार्य सिर्फ सर्च वारंट तक का था, इसके बाद कस्टडी देना सक्षम न्यायालय का काम होता है. ​कस्टडी संबंधी आदेश एसडीएम कोर्ट को नहीं देना चाहिए था,साथ ही भविष्य में ऐसे मामलों में ध्यान रखने के लिए ताकिद भी किया गया. 

इस फैसले के बाद देर को सूरजगढ़ एसएचओ मुकेश कुमार की मौजूदगी में जतिन को उसके पिता को सुपुर्द कर दिया गया. अब सुमन के पास उसकी बेटी जिया रहेगी तो प्रीत सिंह के पास उसका बेटा जतिन रहेगा.

Reporter - Sandeep Kedia

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