चिड़ावा पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, चोर गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार
Pilani News: चिड़ावा पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, जिसके बाद अब कम से कम चिड़ावा कस्बे के लोगों को राहत मिलेगी...
Pilani News: झुंझुनूं की चिड़ावा पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है, जिसके बाद अब कम से कम चिड़ावा कस्बे के लोगों को राहत मिलेगी. चिड़ावा कस्बे में एक के बाद एक हो रही लगातार चोरियों के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है. इस मामले में चोर गैंग के मुखिया अरड़ावता निवासी संदीप उर्फ चिंकारा और उसके एक साथी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
वहीं गैंग के शेष सदस्यों को लेकर लगातार दबिशें दी जा रही है. आज चिड़ावा सीआई इंद्रप्रकाश यादव ने खुलासा करते हुए बताया कि पिछले कई दिनों से चिड़ावा कस्बे में हो रही चोरियों के बाद शुक्रवार और शनिवार की रात को भी एक दुकान में चोरी की वारदात की गई, इसके बाद चिड़ावा पुलिस की विशेष टीम ने करीब 350 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगाले तो दो संदिग्ध दिखाई दिए. इनमें से एक अरड़ावता निवासी संदीप उर्फ चिंकारा और दूसरा श्यामपुरा मैनाना निवासी नवीन कुमार को पूछताछ के लिए लाया गया.
साथ ही दोनों ने चोरी की वारदात करना कबूला गया. नवीन कुमार भी ओजटू और अरड़ावता के बीच ही एक खेत में काम करता है. पुलिस ने जब पूछताछ की तो दोनों ही आरोपियों ने बताया कि उनके साथ इस गैंग में दो से तीन सदस्य और है. वे सभी मिलकर लगातार चोरियों की वारदातों को अंजाम दे रहे थे. पुलिस के मुताबिक अब तक इस गैंग ने सूरजगढ़ और चिड़ावा थाना इलाके में 15 से अधिक वारदातें करना कबूल लिया है. वहीं और भी वारदातों का खुलासा हो सकता है.
चिंकारा, छलांग मारने में उस्ताद
पुलिस जानकारी के मुताबिक अरड़ावता निवासी संदीप को गांव में सभी चिंकारा के नाम से ही पहचानते और जानते हैं, क्योंकि वह छलांग मारने में उस्ताद है. चिड़ावा में भी हुई चोरियों में सभी जगह पर चोरों ने ऊंची-ऊंची दीवारों पर चढ़कर छत्त के रास्ते से ही दुकानों में प्रवेश किया और चोरी की वारदात की. पुलिस जांच में यह भी सबसे बड़ा सवाल था कि ऊंची दीवारों पर चोर कैसे चढे होंगे, लेकिन जब चिंकारा का नाम आया तो सब कुछ साफ हो गया.
10 साल भला बनकर जीवन किया बसर
अरड़ावता निवासी संदीप उर्फ चिंकारा ने सबसे पहले 2009 में चोरी की थी. इसके बाद वह 2012 तक, यानि कि तीन सालों तक चोरी के मामले में लगातार लिप्त रहा। उसके खिलाफ चिड़ावा और बगड़ में पांच चोरी के मामले दर्ज है, लेकिन 2012 की चोरी के बाद जब संदीप उर्फ चिंकारा जेल काटकर वापिया आया तो भले आदमी की तरह जीवन बसर करने लगा. उसने ऊंट लड्ढे तक चलाकर अपना जीवन काटा, लेकिन पिछले कुछ समय से वह ऊंट लड्ढे छोड़कर दुकानों पर काम करना शुरू कर दिया. इसी बहाने वह चिड़ावा में दिन में रैकी करता और रात को साथियों के साथ वारदातों को अंजाम देता.
व्यापारियों ने दी थी आंदोलन की धमकी
शुक्रवार-शनिवार दरमियान रात को पुरानी तहसील रोड पर पूर्व चेयरमैन शंकरलाल वर्मा के पुत्र सुरेंद्र वर्मा की दुकान में चिंकारा और उसके साथी ने चोरी की वारदात की थी, इसके बाद से व्यापारियों में गुस्सा था और व्यापारियों ने आंदोलन तक की चेतावनी दी थी, इसलिए इस चोरी के साथ-साथ पुरानी चोरियों का खुलासा करना पुलिस के सामने बड़ी चुनौती थी.
महज 24 घंटे में धरे गए चोर, पुरानी वारदातें भी खुली
घटना के बाद और पूर्व में ही चोरियों के खुलासे के मामले में एसपी मृदुल कच्छावा ने एएसपी डॉ. तेजपाल सिंह और चिड़ावा डीएसपी सुरेश शर्मा के निर्देशन में स्पेशल टीम का गठन किया, जिसकी अगुवाई सीआई इंद्रप्रकाश यादव ने की. इस टीम ने 24 घंटे में ही ना केवल वारदात का खुलासा किया, बल्कि चोरों को भी धर दबोचा. इस टीम में हैड कांस्टेबल दयाराम, बलबीर चावला, संदीप कुमार, दिनेश कुमार, सज्जन कुमार, कांस्टेबल राजवीर, अमित डाटिका, अमित सिहाग, महेंद्र, संदीप कुमार गांधी, विकास डारा, अनिल कुमार, बाबूलाल और जोगेंद्र शामिल थे, जिसमें अमित सिहाग और संदीप गांधी की विशेष भूमिका रही.
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