झुंझुनूं में एक बार फिर टोल के लिए संघर्ष, PWD के अधिकारियों ने साधा मौन
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झुंझुनूं में एक बार फिर टोल के लिए संघर्ष, PWD के अधिकारियों ने साधा मौन

यशवर्धन सिंह शेखावत ने बताया कि यह टोल समझौता 30 अप्रैल 2022 को ही पूरा हो गया है लेकिन पिछले 6 दिनों से जनता की जेब से टोल कंपनी अवैध वसूली कर रही है. 

PWD के अधिकारियों ने साधा मौन

Jhunjhunu: राजस्थान के झुंझुनूं में एक बार फिर नए टोल आंदोलन की सुगबुगाहट हो गई है. पूर्व में लोहारू-सीकर टोल के खिलाफ आंदोलन करने वाली टोल संघर्ष समिति के संयोजक यशवर्धन शेखावत एक बा​र फिर सक्रिय हो गए हैं. उन्होंने चिड़ावा-पचेरी टोल रोड पर वसूले जा रहे टोल को अवैध बताते हुए कलेक्टर से इसकी शिकायत की है. 

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यशवर्धन सिंह शेखावत ने बताया कि यह टोल समझौता 30 अप्रैल 2022 को ही पूरा हो गया है लेकिन फिर भी पिछले छह दिनों से जनता की जेब से टोल कंपनी अवैध वसूली कर रही है. उन्होंने इस वसूली को बंद करवाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. इस मामले में पीडब्लूडी अधिकारियों से भी बातचीत करने की कोशिश की गई लेकिन कोई मीडिया के साथ बात करने को तैयार नहीं है जबकि इस टोल वसूली का विरोध करने वाले यशवर्धन सिंह शेखवत ने कहा है कि झुंझुनूं जिले के चिड़ावा-पचेरी सड़क पर स्थित दो टोल बूथों की अवधि पूरी होने के बाद भी पांच दिन से जबरन टोल वसूला जा रहा है. 

पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से मिलीभगत कर टोल कंपनी दोनों बूथ पर प्रतिदिन 2.50 लाख रुपए का टोल वसूल रही है. इसकी पूरी जानकारी होने के बाद सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है. इतना ही नहीं पीडब्ल्यूडी अधिकारी दो बार टोल अवधि बढ़ा चुके हैं और अब तीसरी बार बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं. विभाग के जिम्मेदार प्रोजेक्ट अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. इसी का फायदा उठाकर टोल कंपनी ने पीडब्ल्यूडी की बिना अनुमति के मनमर्जी से टोल अवधि को दिसंबर 2022 तक बढ़ाने का बोर्ड भी टोल प्लाजा पर लगा दिया है.

10 साल पहले शुरू हुई थी टोल वसूली
जानकारी के अनुसार 2012 में चिड़ावा से पचेरी बॉर्डर तक बीओटी के तहत सड़क का निर्माण कराया गया था. इस सड़क की टोल वसूली का जिम्मा एसपीसी-चेतक टोलवेज प्रा. लिमिटेड को दिया था. कंपनी ने इस पर गाड़ाखेड़ा और पचेरी में दो टोल बूथ स्थापित किए. शुरुआत में दोनों टोल के लिए दिसंबर 2021 तक की अवधि तय की गई थी लेकिन एक बार कोरोना काल में टोल बंद रहने और दूसरी बार किसानों के आंदोलन के कारण टोल बंद रहने के कारण इसकी अवधि बढ़ाकर 30 अप्रैल 2022 कर दी गई थी ये अवधि भी छह दिन पहले ही पूरी हो गई है.

यशवर्धनसिंह का आरोप है कि टोल वसूली का समय पूरा होने के बाद टोल कंपनी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग और उसके उच्चाधिकारियों का अवधि बढ़ाने को लेकर कोई निर्देश नहीं देने के बाद भी मनमानी करते हुए दिसंबर 2022 तक टोल वसूलने का बोर्ड लगा दिया और वाहनों से टोल वसूली शुरू कर दी. चिड़ावा के गाडाखेड़ा टोल बूथ पर टोल कंपनी की ओर से टोल अवधि 23 दिसंबर 2022 तक वसूलने का बोर्ड लगा हुआ मिला जिससे वाहन चालकों को टोल अवधि पूरी होने का पता नहीं लग सके.

विभाग के चीफ इंजीनियर के भी निर्देश नहीं मानते एसई और खेतड़ी एक्सईएन
जानकारी में सामने ये भी आया है कि चिड़ावा-सिंघाना-पचेरी रोड पर टोल अवधि खत्म होने को लेकर पीडब्ल्यूडी चीफ इंजिनियर और अतिरिक्त सचिव संजीव माथुर ने 19 अप्रैल को ही विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता को पत्र लिखकर इसके बारे में बता दिया था. 

पत्र में टोल कंपनी को साल 2012 व 2019 में दो बार मिली रियायतों के बाद टोल अवधि 30 अप्रैल को पूरी होने की बात कही गई थी. इसके बाद टोल वसूली होने पर राजस्व का नुकसान होने की चेतावनी दी गई. वहीं इसके लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता को जिम्मेदार मानने की बात कही गई. विभाग के चीफ इंजीनियर के निर्देशों के बावजूद जिले में पीडब्ल्यूडी के कार्यवाहक एसई शंकरलाल मीणा और खेतड़ी एक्सईएन प्रहलादसिंह ने टोल वसूली बंद करवाने की कोई जहमत नहीं उठाई.

कलेक्टर ने मांगी रिपोर्ट
टोल अवधि पूरी होने के बाद भी टोल वसूली को लेकर कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है. कलेक्टर कुड़ी ने बताया कि इस मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट आने के बाद पूरे मामले की सच्चाई सामने आएगी.

Reporter: Sandeep Kedia

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