Jhunjhunu News: भीषण गर्मी ने किसानों की सब्जी की खेती के साथ रसोई का बजट और स्वाद दोनों बिगाड़ दिया है. हरी सब्जियां या तो मिल नहीं रहीं और जो मिल रही हैं, उनके भाव आसमान छू रहे हैं. इस हालात से ग्राहक और सब्जी विक्रेता दोनों परेशान हैं. 


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इन दिनों हाल ये है कि आम दिनों में जिन सब्जियों को कोई पूछता नहीं हैं. उनके दाम भी आसमान छू रहे हैं. लौकी हो या सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाले आलू, सब भाव खा रहे हैं. बाकी सब्जियों का तो कुछ पूछो ही नहीं वो तो पहले से ही महंगी हो रखी हैं. 



झुंझुनू के सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि इन दिनों मार्केट में हरी सब्जियां आ ही नहीं रही हैं. इसके पीछे प्रमुख वजह अत्यधिक गर्मी के कारण सब्जियां की फसल चौपट होना है. सब्जियों की फसल नष्ट होने से मंडियों में सब्जियों की आपूर्ति नहीं हो पा रही हैं. जो कुछ सब्जिया मंडी पहुंचती हैं, वह काफी महंगी मिलती हैं. 



सब्जी विक्रेता केसर देव ने बताया कि लौकी हमेशा सस्ती रहती है. वह भी इस बार काफी महंगी हो रखी है और बाजार में 60 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है. आलू की बात करें तो आलू भी फिलहाल 35 से 40 रुपये किलो बेच रहे हैं. टमाटर की कीमत भी बढ़ती जा रही है. हरी सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं. बरसात के दिनों में यह सब्जियां और महंगी हो जाएगी. सब्जियों की बढ़ी कीमतों ने गृहणियों के रसोई के बजट केसाथ साथ स्वाद का जायका भी बिगाड़ दिया है.