पिछले 5 साल से माता-पिता व परिजन मनोहर के आने की आस लगाए बैठे हैं.
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Pali: जिले के सुमेरपुर बहुचर्चित नेतरा मनोहर अपहरण कांड को आज मंगलवार को 5 साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक मनोहर का कोई सुराग नहीं लगा है. पिछले 5 साल से माता-पिता व परिजन मनोहर के आने की आस लगाए बैठे हैं. परिजनों ने पुलिस से लेकर एसपी, आईजी व जनप्रतिनिधियो से भी गुहार लगाई. यहां तक की सीबीआई जांच (CBI probe) के लिए राजपुरोहित समाज ने जन आक्रोश रैली भी निकाली. राज्य सरकार (State Government) ने 9 महीने पहले सीबीआई जांच की अनुशंषा केंद्र सरकार (Central Government) से की. लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी. परिजन पुलिस प्रशासन और सरकार से यही गुहार लगाए बैठे हैं कि आखिर कब तक घर लौटेगा हमारा मनोहर?
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सीएम ने केंद्र से की सीबीआई जांच की अनुशंसा
मनोहर अपहरण कांड (Manohar kidnapping case) को लेकर जनप्रतिनिधियों व समाज की ओर से की गई मांग के बाद गत 25 मार्च को सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने सीबीआई जांच की अनुशंषा केन्द्र सरकार से की. इस पर समाज ने गहलोत सरकार का आभार भी जताया, लेकिन करीब 9 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक मनोहर की सीबीआई जांच आगे नहीं बढ़ पाई है.
23 नवंबर को पढ़ने गया मनोहर वापस नहीं लौटा
नेतरा गांव से गत 23 नवंबर, 2016 को घर से फालना पढ़ने निकला मनोहर आज दिन तक घर नहीं लौटा. दूसरे दिन परिजनों ने फालना थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया, लेकिन 12 दिन बाद अज्ञात लोगों द्वारा फिरोती के लेटर भेजने के बाद परिजनों को अपहरण का पता चला. अपहरणकर्ताओ ने 25 लाख की फिरोती मांगी. अपहरणकर्ताओं (Kidnappers) ने 6-7 बार पत्र लिखकर फिरौती की जगहों को बार-बार बदलने के बाद पत्र लिखना बंद कर दिया.
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3 बहनों का इकलोता भाई मनोहर
नेतरा निवासी प्रकाश राजपुरोहित की चार संतानें है, जिसमें तीन बहनों के बाद चौथा इकलोता बेटा मनोहर है. घर के एकमात्र चिराग का भी अज्ञात लोगों द्वारा अपहरण किए जाने के बाद माता-पिता व परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. उनकी आखें हरदम दरवाजे पर मनोहर के आने का इंतजार कर रही है। मनोहर के माता-पिता व तीनों बहनें भी हमेशा यही कहती है कि हमारी गांव में किसी से कोई दुश्मनी नहीं है फिर हमारे इकलौते भाई को बदमाशों ने किस लिए अपहरण किया है.
राज्य सरकार ने सीबीआई अनुशंसा केंद्र सरकार को कर दी, लेकिन उसके 4 महीने बाद भी केंद्र ने उसे स्वीकृत नहीं किया, तब सिरोही विधायक संयम लोढ़ा (Sanyam Lodha) के सहयोग से जुलाई में केंद्र सरकार को रिमाइंडर नोटिस भेजा, उसके बावजूद भी अभी तक मनोहर अपहरण प्रकरण में सीबीआई ने एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की.आखिर केंद्र सरकार 9 माह बीतने के बाद भी सीबीआई जांच को मंजूरी क्यों नहीं दे रहीं है.