जोधपुर में बनेगी देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी, शहर बनेगा शिक्षा का डिजिटल पावर हाउस
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जोधपुर में बनेगी देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी, शहर बनेगा शिक्षा का डिजिटल पावर हाउस

ट्विन टावर की शक्ल में बनने वाले कैम्पस में खिड़कियों की जगह विंडोज मैट्रिक्स नजर आएंगे

डिजिटल यूनिवर्सिटी

Jodhpur: राजस्थान की पहली और देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी (Digital University) का सपना जमीं पर उतरने वाला है. जोधपुर (Jodhpur News) में इसके लिए जमीन चिह्नित कर ली गई है. यूनिवर्सिटी के प्रस्तावित कैम्पस की तस्वीर भी पहली बार सामने आई है. ट्विन टावर की शक्ल में बनने वाले कैम्पस में खिड़कियों की जगह विंडोज मैट्रिक्स नजर आएंगे. कम्प्यूटिंग का ग्लोबल हब विकसित करेगी डिजिटल यूनिवर्सिटी.

देश में केरल (Kerala News) के बाद राजस्थान भी डिजिटल यूनिवर्सिटी के साथ तकनीक-डिजिटल युग के क्षेत्र में एक और कदम बढ़ाने जा रहा है. मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) के विजन के बाद राजस्थान की पहली और देश की दूसरी डिजिटल यूनिवर्सिटी का सपना पूरा होने जा रहा है. 30 एकड़ जमीन पर जोधपुर में बनने जा रही डिजिटल यूनिवर्सिटी के निर्माण के लिए राज्य सरकार (State Government) ने 390 करोड़ रुपये का बजट भी सैंक्शन कर दिया है.

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सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Information and Technology) के आयुक्त संदेश नायक का कहना है कि सरकार ने बजट में जोधपुर में फिनटेक डिजिटल यूनिवर्सिटी स्थापित करने की घोषणा की थी. जिसमें स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड आईटी (School of Computer Science and IT), फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, डाटा एनालिसिस (Data analysis) और एनालिटिकल मैथेमेटिक्स जैसे केन्द्रों की स्थापना की जाएगी. 

इसके तहत प्राइवेट सेक्टर (Private sector) के कॉलेब्रेशन से विभिन्न लेटेस्ट टेक्नोलॉजी आधारित कोर्स उपलब्ध करवाए जाएंगे. यह शुरू होने से जोधपुर को शिक्षा का डिजिटल पावर हाउस और डिजिटल एक्टिविटी का ग्लोबल हब विकसित करने में मदद मिलेगी. डिजिटल यूनिवर्सिटी के भवन के लिए जोधपुर में मंडोर रोड पर जमीन अलॉट की जाएगी. अभी जमीन अलॉटमेंट की प्रपोजल फाइल सरकार को भेजी गई है. जोधपुर में राष्ट्रीय विधि विवि, आईआईटी, पुलिस यूनिवर्सिटी, आयुर्वेद यूनिवर्सिटी जोधपुर भी हैं.
 
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ट्विन टावर की शक्ल में बनने वाले कैम्पस में खिड़कियों की जगह विंडोज मैट्रिक्स विश्वविद्यालय परिसर के लिए प्रख्यात आर्टिटेक्ट्स से डिजाइन तैयार करवाई जा रही है. कोशिश की जा रही है कि विवि का बहुमंजिला भवन ट्विन टॉवर की शक्ल में हो. जो दूर से ही वर्चुअल दुनिया का आभास करवाए. राज्य सरकार ने गत जून में डिजिटल यूनिवर्सिटी और बजट में घोषित अन्य तकनीकी संस्थानों के लिए कंस्लटेंट की नियुक्ति को मंजूरी दी थी. इसके लिए 8 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं. 

प्रस्तावित विवि के नाम में जोड़ा गया शब्द फिनटैक फाइनेंस और टेक्नोलॉजी के कॉम्बिनेशन को इंगित करता है. यानी विवि के पाठ्यक्रमों में तकनीक आधारित वित्तीय सेवाओं के त्वरित आदान-प्रदान पर भी फोकस किया जाएगा. सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के आयुक्त संदेश नायक कहना है की यूनिवर्सिटी में स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस एंड आईटी, फाइनेंस एंड अकाउंटिंग, डाटा एनालिटिक्स और स्कूल ऑफ एनालिटिक मैथामेटिक्स स्थापित किए जाएंगे. साथ ही आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई), ब्लॉकचैन, डाटा एनालिटिक्स, रोबोटिक्स, बायो-कम्प्यूटिंग, ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स एंड डिसरप्टिंग कन्वेंशन मॉडल ञफ वर्क एंड बिजनेस जैसे एक्सीलेंस केंद्रों की स्थापना भी प्रस्तावित हैं.

यह है उद्देश्य

-प्रशिक्षित मानव संसाधनों की मांग पूरी करना
-सामाजिक विज्ञान, कला, साहित्य, इतिहास, क्षेत्रीय अध्ययन, भाषा, मीडिया व प्रबंधन में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा
-शिक्षा, विधि, अर्थशास्त्र, प्रबंधन, गवर्नेंस, नीति निर्माण जैसे बहुआयामी क्षेत्रों में तकनीक आधारित शोध को बढ़ावा

बहरहाल, पहली फिनटैक डिजिटल यूनिवर्सिटी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को धरती पर लाने की कवायद तेज हो गई है. जोधपुर में स्थापित की जा रही राजीव गांधी डिजिटल एंड फिनटैक यूनिवर्सिटी इमर्जिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में प्रदेश के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इसके लिए बजट सैंक्शन हो गया है. मुख्यमंत्री गहलोत (CM Gehlot) का उद्द्येश्य है कि प्रदेश के युवाओं को आर्थिक, वित्तीय, डिजिटल और तकनीकी विषयों के आधुनिकतम ज्ञान का अध्ययन करवाने और इन क्षेत्रों में नई पीढ़ी को कौशल विकास मिल सके. 

 

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